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Big News : ICU वार्ड में चूहों ने कुतर लिया गाल, मचा हड़कंप

locationदमोहPublished: Aug 08, 2018 11:48:44 am

Submitted by:

lamikant tiwari

20 करोड़ की जिला अस्पताल के आइसीयू वार्ड में चूहों ने कतरडाला मृतक का शरीर, जिला अस्पताल की घोर लापरवाही प्रबंधन ने कहा ऐसा हो ही नहीं सकता

चूहे ने कुतर डाला मृतक के चेहरे का हिस्सा, परिजनों ने लगाए आरोप

चूहे ने कुतर डाला मृतक के चेहरे का हिस्सा, परिजनों ने लगाए आरोप

दमोह. लगभग 20 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो पा रहीं हैं। लापरवाही की हद तो बत हो गई, जब एक मरीज को देर रात जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गई। लेकिन मरीज के मृत शरीर को चूहों ने कुतर दिया। हालांकि इसकी लिखित रिपोर्ट मृतक के परिजनों ने दर्ज नहीं कराई। लेकिन मामला सामने जिला अस्पताल प्रबंधन सकते में है। इस तरह के आरोप लगाए जाने के बाद परिजन जाचं रिपोर्ट के इंतजार में हैं। हालांकि उन्होंने कोई लिखित शिकायत तो नहीं की। लेकिन उन्होंने पत्रिका को दिए बयान के आधार पर शंका जाहिर करते हुए जांच की मांग की है।
क्या है पूरा मामला-
सोमवार रात करीब 12बजे के बाद गंभीर हालत में पथरिया थाना के सूखा सतपारा गांव निवासी वृद्ध जगदीश चढ़ार पिता दुर्जन चढ़ार (70) को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसे पहले मेडीकल वार्ड में भर्ती कराया। लेकिन वृद्ध की हालत गंभीर होने पर उसे तुरंत ही नीचे लाकर आइसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान ही वृद्ध की मौत हो गई। बाद में जब मृतक के शव को उसके परिजन शव को अपने गांव एक निजी एंबुलेंस से ले जाने लगे तो मृतक के चेहरे में दाहिनी ओर आंख के पास एक कट लगा हुआ था। जिसमें परिजनों के पूछने पर बताया कि चूहों ने कतर दिया।
लगाए प्रबंधन पर आरोप-
मामले में मृतक के बेटे वीरेंद्र एवं पुत्र वधु वंदना ने आरोप लगाया है कि वह इस बात को मानने तैयार हैं कि जगदीश की मौत इलाज के दौरान हुई। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते वृद्ध के शव में चेहरे पर जो चूहों ने कुतरा है उसके लिए जिम्मेवार कौन है। इस मामले में उन्होंने परिवार के मुुखिया की मौत होने की वजह से उस समय जल्द बाजी में लिखित शिकायत नहीं की थी। क्योंकि रात में शव ले जाते समय उन्हें चार बज चुके थे। लेकिन परिजन चाहते हैं कि अस्पताल प्रबंधन में जिसकी भी लापरवाही हुइ हो उस पर कार्रवाई होना चाहिए।
निजी एंबुलेंस से ले गए थे शव –
मामले में वीरेंद्र चढ़ार का कहना है कि उसके पिता की मौत होने पर जब उसे शव वाहन नहीं मिला तो वह एक निजी एंबुलेंस से अपने गांव सतपारा में निजी एंबुलेंस से ले गया था। वीरेंद्र ने बताया कि उसे आइसीयू से शव निकालने के दौरान जब पिता के चेहरे पर रुई लगी देखी तो पूछा था जिसमें मौजूद स्टॉफ ने बताया था कि चूहों की वजज से हल्का जख्म हो गया था। जिसका इलाज कर दिया था। वीरेंद्र ने बताया कि उसके परिजनों को डेथ होने के बाद आइसीयू से बाहर कर दिया था। जिससे वह शव के पास नहीं रहे। और एंबुलेंस का इेंतजाम करने लगे थे।
पथरिया से किया था रेफर रेफर-
सतपारा गांव निवासी वृद्ध की तबियत बिगडऩे पर पहले उसे पथरिया के सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार रात करीब ९ बजे के लगभग ले जाया गया था। लेकिन वहां वृद्ध की हालत गंभीर होने पर उसे रात 9.30 से 1 बजे के बीच दमोह रेफर किया गया था। जिसमें वृद्ध को करीब 11 बजे के लगभग जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके बाद मरीज का इलाज शुरू किया गया।
मेडीकल से किया था आइसीयू में भर्ती-
मामले में मृतक के बेटे वीरेंद्र चढ़ार ने बताया कि जिला अस्पताल के मेडीकल वार्ड में गंभीर हालत में पथरिया थाना के सतपारा गांव निवासी वृद्ध जगदीश चढ़ार पिता दुर्जन चढ़ार (70) को भर्ती कराए जाने के बाद उसे फिर रात ११.३० से १२ बजे के लगभग आइसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां पर कुछ देर बाद वृद्ध की मौत हो गई थी। वीरेंद्र का कहना है कि जब उनकी मौत हुई थी उस समय वह स्वयं मौजूद था। उसके बाद रात करीब 2.30 के लगभग जब वह शव को आइसीयू से बाहर निकालकर एक निजी एंबुलेंस में रखकर ले जाने लगा तो उसने चेहरे पर कुछ जख्म देखा जिसमें रुई बगैरह लगी हुई थी। वीरेंद्र का कहना है कि उसके साथ अन्य परिजन भी मौजूद थे। जिन्होंने बताया कि वार्ड में जब शरीर पर कोई निशान नहीं थे तो यह पट्टी किसने बांधी होगी। इस बीच उसके अन्य परिजनों ने बताया कि वार्ड में चूहों ने शव को कुतर दिया था। क्योंकि उस समय अंदर परिवार को कोई भी सदस्य नहीं बचा था। महिलाएं बाहर आकर बिलाप करने लगीं थीं।
तो फिर जख्म कैसे हुआ-
मामले में मृतक के परिजनों का बार-बार यही कहना था कि जब उनके परिजन को चेहरे पर कोई जख्म था ही नहीं तो फिर वहां किसने कुतर दिया था। जख्म कैसे हो गया था। उन्हें पूरा विश्वास है कि चूहे ने ही मृत शरी को कुतरा है। हालांकि परिवार के बुजुर्ग के इस दुनिया से चले जाने पर उन्होंने किसी भी तरह की किसी से कोई शिकायत नहीं की है। लेकिन वह चाहते हैं कि जिला अस्पताल में यदि इस तरह की लापरवाही है तो उसमें सुधार कराया जाना अति आवश्यक है। जिससे किसी जीवित व्यक्ति को नुकसान न हो जाए।
मेरे पास जानकारी नहीं आई –
किसी भी मरीज को चूहों द्वारा कुतरे जाने की जानकारी मेरे पास नहीं आई है। आरएमओ से जानकारी ली जा सकती है। हालांकि टॉयलेट के दरवाजे बंद रहते हैं, कुछ वार्डों में तो चूहे हैं। क्योंकि लोग खाने पीने का सामान फेक देते हैं। इसलिए चूहे होते हैं। लेकिन आइसीयू में चूहे होने की जानकारी नहीं है।
डॉ. ममता तिमोरी-सिविल सर्जन

ऐसा हो ही नहीं सकता-
आइसीयू वार्ड में मरीज के साथ एक अटेंडर को अंदर जाने की परमीशन रहती है। चौबीसों घंटें लाइट जलती है, अगर वहां पर चूहे होते तो इंस्ट्रूमेंट की लीड काट सकते थे। या फिर किसी अन्य मरीज को भी डिस्टर्व कर सकते थे। वहां सीसीटीवी भी लगे हैं मैं सीसीटीवी दिखवाता हूं। अगर ऐसा हुआ होगा तो सच सामने आ जाएगा।
डॉ. दिवाकर पटैल -आरएमओ
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