scriptमिड-डे-मील : बच्चों की थाली से दाल गायब | Mid-day meal is not being distributed in schools | Patrika News

मिड-डे-मील : बच्चों की थाली से दाल गायब

locationदमोहPublished: Aug 23, 2019 03:45:09 pm

Submitted by:

pushpendra tiwari

बर्धा के छह स्कूलों में समूह संचालकों की मनमानी

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मडिय़ादो. ग्राम पंचायत बर्धा के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन लापरवाह समूह संचालिकों के कारण विद्यार्थिंयों की थाली में गुणवत्तायुक्त नहीं पहुंच रहा है। ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले आधा दर्जन स्कूलों में भोजन वितरण करने वाले ठेकेदारों की कार्यप्रणाली के कारण बच्चों को शासन से मुफ्त में दोपहर स्कूलों में मिलने वाला भोजन बहुत की खराब किस्म का दिया जा रहा है। यहां के बर्धा एमएस, पीएस, पोड़ी एमएस, पीएस, झौदा व इमलियां के स्कूलों में हमेशा बेस्वाद भोजन विद्यार्थिंयों की थाली में पहुंच रहा है। सबसे खराब हालात झोदा और इमलिया गांव के स्कूलों का है यहां न तो स्कूल समय पर संचालित होते है और न ही मध्यान्ह भोजन नियमित वितरण हो रहा है।
बच्चों की थाली से दाल गायब-
स्कूलों में सासन के द्वारा सप्ताह के छह दिन अलग-अलग प्रकार से भोजन वितरण करने मीनू तय किया है। लेकिन उक्त स्कूलों में मीनू का कभी पालन नहीं होता। स्कूलों में मौसम के अनुसार सस्ती मिलने वाली सब्जियों को विद्यार्थिंयों की थाली में पहुंचाया जाता है। दाल के भाव आसमान को छू रहे हैं। जिसके चलते स्कूलों में मध्यान्ह भोजन से दाल गायब कर दी गई है।
जिम्मेदारों को नहीं परवाह-
स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता देख कर बच्चों की थाली तक पहुंचने से पहले उसका निरीक्षण करने वालों को इससे कोई वास्ता नहीं है। बच्चों को क्या भोजन और किस प्रकार भोजन दिया जा रहा है इस की जिम्मेदारी हेडमास्टर की होती है। लेकिन समूह संचालकों से सांठगांठ के कारण स्कूल एचएम अनुपस्थित बच्चों की हाजरी भी दर्ज कर गुणवत्ताहीन भोजन को गुणवत्तापूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत कर स्वयं व समूह संचालकों को लाभ पहुंचा रहे हैं।
दिखवाते है-
स्कूलों को मध्यान्ह भोजन मीनू अनुसार बच्चों को वितरण करने शासन की ओर से पर्याप्त बजट दिया जाता है। इसके बावजूद समूह संचालक लापरवाही कर रहे हंै तो गलत है। इसे दिखवाते है।
आशीष अग्रवाल, सीइओ हटा
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