मामले में बताया गया है कि एक नाबालिग 9 माह की गर्भवती थी, जो शनिवार अल सुबह जिला अस्पताल पहुंची थी। जब वह ओपीडी के आगे मुख्य हॉल के बाथरूम में गई थी, तभी अचानक उसकी डिलेवरी हो गई। डिलेवरी होने के बाद जन्म लेने वाले नाबालिग बच्चे को टब में फेंक कर वहां से भागने लगी थी। लेकिन नवजात के रोने की आवाज आने पर महिला सफाई कर्मचारी ने पहुंच कर तत्काल टब में पड़े नवजात शिशु को उठाया और अन्य महिला सफाई कर्मचारियों की मदद से आरोपी नाबालिक को भागते हुए पकड़ा।
दरअसल नाबालिक बच्चे को बाथरूम में नवजात को जन्म देने के बाद भागने लगी थी। जिसे महिला सफाई कर्मियों ने पकड़कर जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। शनिवार सुबह जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ बताए गए हैं। नाबालिक अपने शिशु को स्वीकार नहीं कर रही है। उसका कहना है नवजात शिशु को उसने नहीं जन्मा है। हालांकि नाबालिग की मां जिला अस्पताल में है जो कुछ भी कहने से साफ मना कर रही है। बहरहाल पुलिस ने मामले को जांच में ले लिया है। जिला अस्पताल चौकी प्रभारी विनोद कारौलिया का कहना है कि जिला अस्पताल से लिखित सूचना आने के बाद वह कार्रवाई करेंगे।
महिला वार्ड से दी जाएगी सूचना –
मेरी नाइट ड्यटी थी, इस दौरान इस तरह का मामला तो आया था। महिला को बच्चे के साथ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब बाकी जानकारी प्रसूती वार्ड से ही दी जाएगी।
डॉ. दीपक व्यास – ड्यूटी डॉक्टर
लिखित जानकारी दे दी है –
मामले में सिविल सर्जन डॉ. ममता तिमोरी का कहना है कि ड्यूटी पर जांच करने पहुंची डॉ संगीता त्रिवेदी के माध्यम से लिखित में जानकारी भेज दी है। जिसकी जांच अब पुलिस द्वारा की जा रही है। महिला तेजगढ़ थाना क्षेत्र की बताई गई है जिसकी जांच पुलिस द्वारा की जाएगी।
ओपीडी के समीप हो गई थी डिलेवरी-
मामले में जच्चा-बच्चा को देखने राउंड पर पहुंची वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ.संगीता त्रिवेदी का कहना है कि नाबालिग की डिलेवरी ओपीडी के आगे मुख्य हॉल के बाथरूम में होना बताया गया है। इसलिए वह सोच रहीं थीं कि ड्यूटी डॉक्टर ने सूचना दे दी होगी। लेकिन बाद में जब सूचना पुलिस तक नहीं पहुंची तो उन्होंने एक लिखित सूचना पुलिस को शाम के समय दे दी है।