मंगलवार की सुबह करीब 8.35 बजे ऑटो रिक्शा क्रमांक एमपी 34 आरओ 0624 में क्षमता से अधिक बच्चे बैठे होने की वजह से एक बच्चा चलते ऑटो से जबलपुर नाका पर अचानक गिर गया। घटना के दौरान मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ऑटो चालक को यह भी नहीं समझ आया कि एक बच्चा गिर गया है। जब लोगों ने दौड़कर बच्चे को उठाया और चालक को आवाज दी तब जाकर ऑटो चालक रुका।
बच्चे की उम्र करीब चार से पांच साल की थी जो सेंट जांस स्कूल का छात्र है। इस दौरान और भी अभिभावक अपने वाहनों से बच्चों को छोडऩे स्कूल जा रहे थे और उन्होंने घटना की जानकारी स्कूल के शिक्षकों को दी। हालांकि इस पर स्कूल प्रबंधन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। विदित हो कि जिस मार्ग पर स्कूली बच्चा ऑटो से गिरा था यह जबलपुर मार्ग है जिस पर वाहनों की रफ्तार तेज होती है और आवाजाही भी बहुत रहती है। वहीं जिस ऑटो रिक्शा में यह घटना हुई उसमें बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर जालियां नहीं लगीं थीं।
देखकर यह तथ्य स्पष्ट हुआ है कि स्कूली ऑटो रिक्शा में यातायात नियमों को नजर अंदाज किया गया है जिसकी वजह से स्कूली बच्चों की जान को खतरा बना रहता है। इस मामले को लेकर जब मंगलवार को स्कूली ऑटो रिक्शा पर फोकस किया गया तो अधिकांश निजी स्कूलों के वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चे होना पाए गए हैं। साथ अन्य नियमों में शामिल चालक का ड्रेस पर होना, रिक्शा में सुरक्षा के इंतजाम होना नहीं पाया गया। एक और प्रमुख लापरवाही यह देखी गई कि चालक अपने दोनों तरफ बच्चों को बैठाते हैं जो गंभीर स्थिति को निर्मित करने के लिए लाजमी है।