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बिना महिला डॉक्टर हर दिन हो रहे २० से अधिक प्रसव

locationदमोहPublished: Oct 21, 2019 12:48:48 pm

Submitted by:

lamikant tiwari

पर्याप्त महिला डॉक्टर होने के बाद भी नर्सिंग स्टॉफ करा रहा डिलेवरी

More than 20 deliveries happening every day without a female doctor

More than 20 deliveries happening every day without a female doctor

दमोह. जिला अस्पताल में पर्याप्त महिला डॉक्टर होने के बाद भी स्टॉफ नर्स द्वारा जिला अस्पताल में प्रसूताओं की डिलेवरी कराई जा रही है। जबकि जिला अस्पताल में डॉक्टर का पर्याप्त स्टॉफ हो चुका है। जिला अस्पताल में करीब ६ महिला डॉक्टर की पदस्थाना होने के बाद भी उनकी ड्यूटी २४ घंटे के हिसाब से नहीं लगाई जा रही है। नर्सिंग स्टॉफ के भरोसे ही प्रसव कराए जा रहे हैं। जिससे आए दिन विवाद की स्थिति बनती है। रुपयों के लेनदेन की शिकायतें भी सामने आ रही हैं।
जिला अस्पताल में प्रसव के लिए जिले भर से आने वाली प्रसूताओं की संख्या हर दिन २० से अधिक होती है। जिनके प्रसव का समय कोई निश्चित नहीं होता। इस बीच प्रसव कराने के लिए अधिकांशत: स्टॉफ नर्स ही प्रसव कराती देखी जाती हैं।
इन डॉक्टरों की है जिला अस्पताल में पदस्थापना-
जिला अस्पताल में प्रसव कराने के लिए महिला डॉक्टर में जिला प्रभारी डॉ. संगीता त्रिवेदी सहित डॉ. श्रृद्धा गंगेले, डॉ. सुनीता तंतुवाय, डॉ. प्रियंका छाबड़ा, डॉ. साधना पांडेय, डॉ. गीतांजली पदस्थ हैं। जिनका आज तक २४ घंटे ड्यूटी के हिसाब से रोस्टर नहीं बनाया गया है। यही कारण है कि नर्सेस स्टॉफ के भरोसे ही अधिकांश डिलेवरी कराई जाती हैं।
इनके प्रसव कराए नर्सों ने –
जिला अस्पताल में इलाजरत प्रसूता मनीषा बाई के परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को प्रसव हुआ था तब कोई महिला डॉक्टर मौजूद नहीं था। नर्सों ने ही उनकी डिलेवरी कराई थी। इसी तरह से शीलरानी, ममताबाई, कविता बाई, ज्योति, आशारानी, फूलबाई सहित अन्य महिला के परिजनों ने बताया कि जिला अस्पताल में सुबह महिला डॉक्टर राउंड पर तो आती हैं शाम को भी आती हैं। लेकिन प्रसव के दौरान केवल नर्सें ही मौजूद रहती हैं। हालांकि सीजर ऑपरेशन में महिला डॉक्टरों की टीम रहती है। यदि हर समय महिला डॉक्टर रहने लगेगीं तो यह अच्छा रहेगा कि किसी को कोई परेशानी नहीं होगी।
बात सच है-
डिलेवरी वार्ड में चौबीसों घंटे महिला डॉक्टर नहीं रहती है। जबकि कई डिलेवरी सुबह, दोपहर तो कई डिलेवरी रात में होती हैं। कई बार महिला डॉक्टर के नहीं रहने से विवाद की स्थिति भी बनती है। जिसे देखते हुए जल्द ही चौबीसों घंटे ड्यूटी लगाई जाएगी। जिससे स्टॉफ का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। अगले सप्ताह तक इसे रुटीन में लाया जा सकता है।
हर दिन होती हैं २० डिलेवरी –
जिला अस्पताल में आने वाली प्रसूताओं में हर दिन के हिसाब से २० से अधिक प्रसव कराए जाते हैं। यही कारण है कि साल में होने वाले प्रसव की संख्या ७ हजार के पार पहुंच जाती है। वर्ष २०१९ में यह संख्या अभी तक करीब ६ हजार को पार कर चुकी है।
लगातार बढ़ रही प्रसूताओं की संख्या-
वर्ष प्रसूताओं की संख्या
२००८- ४४७८
२००९- ४८३४
२०१०- ५४०४
२०११- ५५३६
२०१२- ५३८३
२०१३- ६००३
२०१४- ६२१०
२०१५- ६३८८
२०१६- ६२९६
२०१७- ६४९८
२०१८- ७२२३
२०१९- ६८२१
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रोस्टर बनाया जा रहा है –
रोस्टर तैयार किया जा रहा है। जल्द ही सभी महिला डॉक्टर का अलग-अलग रोस्टर के अनुसार ड्यूटीचार्ट बनाकर उन्हें २४ घंटे के लिए तैनात किया जाएगा। इंचार्ज डॉ. संगीता त्रिवेदी राउंड लेंगी। सिविल सर्जन डॉ. ममता तिमोरी से चर्चा हो चुकी है। जल्द ही सभी की ड्यूटी निर्धारित की जाएगी।
डॉ. दिवाकर पटैल – आरएमओ दमोह
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