ये नजारा है दमोह जिले के एक सरकारी अस्पताल का जहां बच्चों को उनके परिजन मोटे पेपर को झल उनसे हवा देने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि कमरे में पंखा नहीं है या फिर कुलर नहीं है। तस्वीर में साफ दिख रहा है कि अस्पताल के कमरे में पंखे से लेकर कुलर तक लगा है।
लेकिन नहीं है तो सिर्फ बिजली। ऐसे में यह चलेगा कैसे। परिजनों के अनुसार हर दिन बिजली घंटों गायब रहती हैं। ऐसे में नवजतों को गर्मी से बचाने के लिए पेपर झलने के अलावा कोई चारा नहीं होता है। परिजन अस्पताल के कर्मियों से इसकी शिकायत भी करते हैं लेकिन बिजली न होने की बात कह पल्ला झाड़ लेते हैं।
जनरेटर भी है खराब
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरिया के चिकित्सा अधिकारी जय कुमार जैन कहते हैं कि लगातार बिजली कटौती हो रही है। जनरेटर भी खराब है और इसे जल्द ही ठीक करा लिया जाएगा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरिया के चिकित्सा अधिकारी जय कुमार जैन कहते हैं कि लगातार बिजली कटौती हो रही है। जनरेटर भी खराब है और इसे जल्द ही ठीक करा लिया जाएगा।
प्रदेश में यह हकीकत सिर्फ अस्पताल का नहीं है बल्कि राज्य के कई हिस्सों में यही हलात हैं। राजधानी भोपाल में भी बिजली की कटौती हो रही है। बिजली नहीं रहने की वजह से कई जगहों पर लोगों ने सड़क पर ऊतरकर प्रदर्शन भी किया है। सीएम कमलनाथ ने भी बैठक के दौरान अधिकारियों को पावर कट पर फीडबैक सुना चुके हैं।
मंत्रियों की बैठक में कट रही है बिजली बिजली की हालत ऐसी हो गई है। प्रदेश के दो मंत्रियों की बैठक में भी कट गई। बिजली कटौती को लेकर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट इंदौर में बैठक कर रहे थे, इसी दौरान बत्ती गुल हो गई। फिर उन्हें टॉर्च की रोशनी में बैठ की। ऐसा ही कुछ रायसेन जिले में भी मंत्री के साथ हुआ।
खराब उपकरण अब कमलनाथ की सरकार बिजली कटौती को लेकर पूर्ववर्ती सरकार में खरीदे गए उपकरणों को जिम्मेवार ठहरा रही है। सरकार के एक मंत्री ने कहा है कि पिछले तीन सालों में जो भी बिजली उपकरण खरीदे गए हैं, उनकी जांच करवाई जाएगी।