scriptकुंडलपुर महोत्सव, 5 साल बाद हुआ गुरु शिष्य का मिलन | Muni Pungav Sudhasagar Maharaj enters Kundalpur amidst cheers | Patrika News

कुंडलपुर महोत्सव, 5 साल बाद हुआ गुरु शिष्य का मिलन

locationदमोहPublished: Feb 07, 2022 09:37:53 pm

Submitted by:

pushpendra tiwari

बड़े बाबा के बड़े दरवार में पहुंचे छोटे बाबा के समोशरण में मुनि पुंगव सुधासागर
 

कुंडलपुर महोत्सव, 5 साल बाद हुआ गुरु शिष्य का मिलन

आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के श्रेष्ठ निर्यापक मुनि पुंगव सुधा सागर महाराज के मिलन

दमोह. कुंडलपुर पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव की तैयारी के बीच सोमवार को अदभुत नजारा देखने को मिला। मौका था बड़े बाबा आदिनाथ के दर पर बैठे छोटे बाबा आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के श्रेष्ठ निर्यापक मुनि पुंगव सुधा सागर महाराज के मिलन का। गुरु-शिष्य की परंपरा को देखकर हर किसी का मन आल्हादित हो गया। मुनि सुधासागर महाराज 5 साल बाद गुरु से मिले हैं।
इससे पहले मुनि सुधासागर के सोमवार को कुंडलपुर मंगल प्रवेश होते ही हजारों लोगों ने अगवानी करते हुए जयकारे लगाए और गुरु- शिष्य के मिलन का साक्षी बनने के लिए हजारों लोगों ने पटेरा से कुंडलपुर तक मार्च किया। फिर कुंडलपुर में विशाल मंच पर गुरु-शिष्य मिलन के साक्षी हजारों श्रावक बने।
श्रेष्ठ निर्यापक मुनि पुंगव सुधा सागर महाराज संसघ व मुनि निर्णय सागर का संघ सहित अपने गुरु के आशीष की छांव प्राप्त हुई। गुरुदेव भी अपने शिष्यों को पाकर प्रफुल्लित हुए। पाद प्रक्षालन का अवसर मिलने पर सुशील मोदी और अशोक पटनी आनंदित हुए। इस अद्भुत क्षण के साक्षी बनने हजारों श्रद्धालु पटेरा पहुंचकर पद विहार में शामिल हुए। मुनि महाराज व आर्यिका माताजी ने निर्यापक श्रेष्ठ मुनि पुंगव सुधा सागर की मंगल आगवानी करने मुख्य द्वार पर पहुंचे। पद विहार में मंगल गीत गाती महिलाएं, पद विहार के साथ चल रहे दिव्य घोष भक्ति गीतों की घुन बजा रहे थे। उसके पीछे केसरिया वस्त्र धारण किए महिलाएं, धर्म ध्वजा लिए पक्तिबद्ध तरीके से चल रहीं थीं। सुधा सागर महाराज के जयकारे लगाते भक्त और जय-जय गुरुदेव के नारे लगाते हुए पटेरा से कुंडलपुर 4 किमी की दूरी को समय में नहीं बांध पाए और कब बड़े बाबा का दरबार आ गया पता ही नहीं चला। मुनि पुंगव सुधा सागर महाराज की अगवानी में श्रद्धालुओं का जन सैलाव उमड़ पड़ा। दर्शन करने बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुष और बच्चें एकत्रित हुए। भव्य द्वार बनाए गए, रंगोली बनाई गई और जयघोष के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया। देश के विभिन्न क्षेत्रों से भक्तों का आगमन हुआ। बांसबाड़ा, कोटा, चांदखेड़ी, कानपुर, महरोनी, रायपुर, इंदौर, सूरत, ललितपुर, जबलपुर, कटनी, गुना, सागर, बंडा, सतना, मोदी ग्राम सहित दमोह जिले के हजारों भक्त अगवानी करने पहुंचे थे।

बड़े दरबार में बड़े काम हो जाते हैं

गुरु-शिष्य के मिलन अवसर पर आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने अपने संक्षिप्त प्रवचन में कहा कि अब भक्त को भगवान के वशीभूत होने का समय आ गया है। अपने हृदय में विराजमान बड़े बाबा के कार्य में जुट जाएं। कम समय में भी बड़े दरबार में बड़े काम हो जाते हैं। लाखों लोग इस दरबार में अगले सप्ताह में जुटने वाले हंै। मैंने बड़े बाबा के दरबार में पहुंचकर महामहोत्सव की मंगल कामना के लिए बड़े बाबा से प्रार्थना की और कहा कि अप्रैल में अप्रैल फूल भी होता है, जिससे सब बाधाएं टल गई अब फरवरी में ही महामहोत्सव हो रहा है, जिससे सभी इस कार्य में जुट जाएं।
 
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