scriptNikay Election 2020: अप्रत्यक्ष प्रणाली में कांग्रेस को फायदा, भाजपा को नुकसान | Nagriya Nikay Election 2019 Direct Election 2020 congress benefits | Patrika News

Nikay Election 2020: अप्रत्यक्ष प्रणाली में कांग्रेस को फायदा, भाजपा को नुकसान

locationदमोहPublished: Sep 27, 2019 05:37:56 pm

Submitted by:

Samved Jain

अप्रत्यक्ष प्रणाली पार्षद द्वारा अध्यक्ष के चुनाव में फिलहाल मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए कांग्रेस व भाजपा का मुकाबला बराबरी पर तगड़ा मुकाबला है, लेकिन कुछ जगह परिस्थितियां बदलने से भाजपा के नुकसान में जाने की संभावना दिख रही है

दमोह. जिले में 2 नगर पालिका परिषद व 4 नगर पंचायत हैं। जिनमें से 2 पर भाजपा, 2 पर कांग्रेस व 2 पर निर्दलीय अध्यक्ष काबिज हैं। अप्रत्यक्ष प्रणाली पार्षद द्वारा अध्यक्ष के चुनाव में फिलहाल मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए कांग्रेस व भाजपा का मुकाबला बराबरी पर तगड़ा मुकाबला है, लेकिन कुछ जगह परिस्थितियां बदलने से भाजपा के नुकसान में जाने की संभावना दिख रही है।
दमोह नगर पालिका परिषद पर भाजपा की अध्यक्ष मालती असाटी काबिज हैं। हटा नगर पालिका परिषद पर कांग्रेस की अरुणा तंतुवाय काबिज हैं। नगर पंचायत पथरिया में कांग्रेस की कृष्णा लक्ष्मण सिंह अध्यक्ष हैं। पटेरा में भाजपा की मालती तंतुवाय अध्यक्ष हैं। तेंदूखेड़ा में निर्दलीय सुनीता सिंघई अध्यक्ष हैं। हिंडोरिया में निर्दलीय शकुंतला अम्मा अध्यक्ष हैं।

मौजूद स्थिति में नगर पालिका परिषद के 39 वार्डों की राजनीति स्थिति पर नजर दौड़ाएं तो विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को करीब 26 से अधिक वार्डों में जीत हासिल हुई थी, लेकिन तब की स्थिति में दमोह शहर का पूरे शहर की राजनीति का केंद्र बिंदु जयंत मलैया और प्रहलाद सिंह पटेल थे। लेकिन अब इन दोनों को हटाकर नगर पालिका परिषद की बात की जाए तो भाजपा के मौजूदा पार्षदों में अध्यक्ष पद तक पहुंचने की कुब्बत किसी भी पार्षद में नजर नहीं आती है, क्योंकि इन्होंने स्वयं के बलबूते पर अपनी राजनीतिक पहचान नहीं बनाई है। उधर कांग्रेस में ऐसे कई पार्षद हैं जो अपने राजनीतिक बलबूते पर आगे बढ़ते रहे हैं और अध्यक्ष बनने के लिए काफी पहले से उतावले नजर आ रहे हैं। यह पार्षद साम-दाम, दंड भेद की नीति अपनाने में भी माहिर हो गए हैं, जिससे पार्षद द्वारा अध्यक्ष चुनने पर यहां भाजपा को मुंह की खानी पड़ सकती हैं।

भाजपा का संख्याबल, अध्यक्ष बना कांग्रेस का
दमोह नगर पालिका परिषद के इतिहास में 1995-1996 में जब अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव होते थे तो उस दौरान 39 वार्डों में सर्वाधिक संख्या बल में भाजपा के पार्षद जीते थे, लेकिन जब अध्यक्ष चुने जाने की बारी आई तो कांग्रेस के उस समय के अध्यक्ष पद के दावेदार ने अपने पार्षदों की कम संख्या बल के बावजूद अध्यक्ष पद की कुर्सी हासिल कर ली थी। अप्रत्यक्ष प्रणाली के माध्यम से कांग्रेस को अध्यक्ष पद हासिल करने की महारत हासिल होने से भाजपा को नुकसान होता दिखाई दे रहा है। उस दौरान भाजपा पार्षदों पर रुपए लेकर वोट देने के आरोप भी लगे थे।


हिंडोरिया सीट भी कांग्रेस के खेमे में जाएगी
हिंडोरिया से इस समय निर्दलीय शकुंतला अम्मा पार्षद हैं, उनके परिवार से दो कांग्रेस विधायक बने हैं। जिससे जाहिर है नगरीय चुनाव में भी इसी परिवार से कांग्रेस से कोई पार्षद लड़ेगा और चुनाव जीतकर अध्यक्ष बनेगा, जिससे यह सीट भी भाजपा से छिनती हुई नजर आ रही है।


पथरिया में इस बार तीसरा विकल्प
पथरिया नगर पंचायत में अभी कांग्रेस की कृष्णा लक्ष्मण सिंह अध्यक्ष हैं। पथरिया क्षेत्र में बसपा से विधायक रामबाई चुनी गई हैं, जिससे उनका प्रयास होगा कि नगर पंचायत में भी उनका अध्यक्ष बैठे इसलिए इस बार यहां तीसरा विकल्प खड़ा होगा, जिससे कांग्रेस व भाजपा दोनों को नुकसान होता दिखाई दे रहा है।


हटा में कांग्रेस मजबूत
हटा नगर पालिका परिषद में कांग्रेस की अरुणा तंतुवाय अध्यक्ष हैं, अभी वह हजारी खेमे से हैं, यहां कई कांग्रेसी खेमे हैं जो मजबूत जनाधार रखते हैं। जबकि भाजपा के विधायक पीएल तंतुवाय की शहरी क्षेत्र में पकड़ नहीं है और भाजपा हटा शहर में नगरीय क्षेत्र में कमजोर नजर आती है, जिससे यहां भी कांग्रेस को फायदा ही दिख रहा है।


पटेरा व तेंदूखेड़ा में उलटफेर
पटेरा नगर पंचायत में भाजपा की मालती तंतुवाय अध्यक्ष हैं, लेकिन पार्षद द्वारा अध्यक्ष चुने जाने की स्थिति में कांग्रेस मजबूती से उभर सकती है, क्योंकि इस क्षेत्र में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता हारी बाजी को जीत में पलटने का दंभ भरते हैं। तेंदूखेड़ा में सुनीता ऋषभ सिंघई निर्दलीय चुनाव जीती थीं, लेकिन भाजपा की सत्ता को देखते हुए वह भाजपा में शामिल हो गईं थीं। वर्तमान में स्थिति में पार्षदों के नजरिए से देखा जाए तो कांग्रेसी पार्षद दबंग और राजनीतिक खिलाड़ी हैं और वह ऐन-केन प्रकारेण अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज हो सकते हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो