दमोह

अब तक नहीं रखा रैन वॉटर हार्वेस्टिंग का ध्यान, मौका फिर मिला अब नहीं होगे सचेत तो हो सकती है यह परेशानी

लगातार हो रहा भवनों का निर्माण, लेकिन नहीं दिया जा रहा ‘रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर ध्यान,

दमोहJun 13, 2019 / 11:41 pm

lamikant tiwari

Not yet kept the attention of Ryan Water Harvesting, chance will not b

दमोह. इस समय जिले भर में जलसंकट की त्राहि-त्राहि मची हुई है। जिले के साथ दमोह नगर पालिका क्षेत्र में जलस्तर काफी नीचे जा चुका है। जिससे लोगों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। नियमित पेयजल की जगह 3 या 4 दिनों के अंतराल से नगर पालिका द्वारा सप्लाई किया जाने वाला पानी मिल पा रहा है। ऐसी में आवश्यकता है रेन वाटर हार्वेस्टिंग की। लेकिन इस ओर अभी तक किसी ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया परिणाम स्वरूप जल स्तर बहुत नीचे चला गया।
करीब ३ से ४ हजार बोर होने के बीच करीब एक हजार मकान ही ऐसे होंगे जिनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का उपयोग किया गया है।

शहर की ही अगर बात की जाए तो करीब से अधिक बोर खनन किए जा चुके हैं जिसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम महज नाम १० से २० प्रतिशत ही लगाए गए हैं। इनमें भी कुछ निर्धारित कॉलोनियां हैं, जहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का ध्यान मकान निर्माण के दौरान रखा गया है। परिणाम स्वरूप वॉटर रिचार्ज नहीं होने से जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। नगरीय निकाय के नियमों के अनुसार सरकार ने भूजल स्थल बढ़ाने के लिए 140 वर्ग मीटर या इससे बड़े प्लाटों पर बनने वाली इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य कर रखा है। इसके लिए नगरीय निकायों द्वारा बाकायदा सिक्योरिटी डिपॉजिट करवाने के लिए आदेश दिया जाता है। उसके बाद ही किसी भवन का निर्माण हो पाता है। लेकिन ऐसा दमोह नगर पालिका क्षेत्र में कम ही देखने नहीं रहा है।
इन नियमों का पालन करना है जरूरी –
मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम 1984 की धारा 784 के अनुसार 140 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल के भूखंड पर भवन निर्माण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रबंध करना अनिवार्य है। शासन ने इसमें संशोधन करते हुए मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम 2012 की धारा 814 में उल्लेख किया है कि भवन अनुज्ञा के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए धरोहर राशि जमा करने के बाद ही भवन अनुज्ञा जारी होगी। लेकिन इस नियम का असर दमोह नगर पालिका क्षेत्र में देखने नहीं मिल रहा है। लोगों ने अपने मकान तैयार कर दिए हैं, लेकिन इसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया है।
यहां भी नहीं रखा जा रहा ध्यान –
खास बात यह है कि भूमि विकास नियम में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए प्रावधान किया गया है। इसके अनुसार इमारत बनने के बाद सिस्टम लगने की सूचना दी जाना अनिवार्य है। नगरीय निकाय अधिकारियों को पूर्णता प्रमाण पत्र के पहले मौके पर जाकर निरीक्षण करना होता है। लेकिन दमोह में ऐसा बिल्कुल भी देखने नहीं मिल रहा है। अगर भवन स्वामी ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया है तो नगरपालिका खुद इस सिस्टम को लगाए, जिससे आगे चलकर वॉटर लेवल बना रहे। इसके लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि खर्च करने का अधिकार नगरीय निकाय को दिया गया है। इस मामले में भी दमोह नगर पालिका क्षेत्र में ऐसा कुछ भी देखने नहीं मिल रहा है।
यहां बनी मिसाल –
शहर के सिविल वार्ड नंबर ९ अभिनव होम्स व सिद्धी विनायक कॉलोनी में हर घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का उपयोग किया गया है। इसी तरह से शहर की वैशाली नगर में में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का उपयोग किया गया है। जिससे यहां का वॉटर लेबल अधिक नीचे नहीं जा पाता है। इसी तरह से सुरेगा कॉलोनी में भी करीब ८० फीसदी मकानों में ध्यान रखा गया है। जहां पर नवीन मकान निर्माण के दौरान लोग स्वयं ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण करा रहे हैं।
नहीं होती परेशानी-
सिद्धी विनायक कॉलोनी निवासी दिग्पाल सिंह ठाकुर बताते हैं कि मकान निर्माण के दौरान बनाए गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का उन्हें भरपूर लाभ मिलता है। उनके समीप ही रहने वाले एक मित्र के यहां भी पहले रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना था। लेकिन उन्होंने जब भवन के फस्र्ट फ्लोर का निर्माण कराया तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अलग कर दिया था। जिससे अब उनके यहां पानी की कमी होने लगी है। जबकि दिग्पाल के यहां पर्याप्त पानी आ रहा है।
वर्गफीट के हिसाब से जमा करना होती है रिफंडेवल राशि-
दमोह नगर पालिका क्षेत्र में भवन निर्माण का कार्य देखने वाले मुन्ना यादव बताते हैं कि यदि १५ सौ वर्ग फीट का मकान निर्माण कराया जाता है तो उसके लिए ७ हजार रुपए की रिफंडेवल राशि नगर पालिका में जमा करना होती है। इसके अलावा यदि २४ सौ वर्गफीट तक का भवन निर्माण होता है तो १० हजार और उससे अधिक होने पर १५ हजार रुपए की राशि जमा करना होती है। यदि मकान निर्माण के बाद आवेदक द्वारा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाते तो उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता फिर उसका निर्माण नगर पालिका द्वारा कराया जाता है।

ध्यान रखा जा रहा है
नगरीय क्षेत्र में जो भी नए मकानों का निर्माण कराया जा रहा है। वहां पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने का पूरी तरह से ध्यान रखा जा रहा है। ऐसा करने के बाद भी जमा राशि वापस दी जाती है।
कपिल खरे-सीएमओ नपा

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