दमोह

बेटी अपने माता-पिता के लिए लाठी बनती है और बेटा अपने माता-पिता को लठ्ठ मारते हैं, जानिए किसने दी यह दलील

अपराध रोकने दी रखी है खुली छूट

दमोहApr 21, 2018 / 09:49 am

Rajesh Kumar Pandey

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दमोह. महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पिछले 25 सालों से महिलाओं को अलंकृत करने वाली सुधा मलैया के बुलावे पर ओजस्विनी अलंकरण समारोह में दमोह पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वालों पर कड़े नजर आए। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार मनुष्यों के लिए न की मासूम बच्चियों से दुष्कर्म करने व छेड़छाड़ के लिए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार की रात्रि 9 बजे बुंदेली महोत्सव में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते यह शब्द कहे। उन्होंने कहा कि आज देश में जो घटनाएं सामने आ रही हैं, ऐसी घटनाओं को कोई राक्षस ही कर सकता है। ऐसे राक्षसों के लिए मैंने मप्र की पुलिस को खुली छूट दे दी है। यदि कोई प्रदेश की बेटी पर आंख उठाता है तो उसका सार्वजनिक पिटाई करो, मुंह काला करो। ऐसे नराधर्मियों को समाज में लातों और लाठी की जरुरत है। दुष्कर्मियों को मृत्युदंड देने के लिए मैंने प्रयास किया है, ऐसे प्रस्ताव पूरे प्रदेश से जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ा उस समय होती है जब पता चलता है कि किसी सौतेले पिता ने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म कर दिया। मन में दुख पहुंचता है। वर्तमान में समाज में विकृति फैल रही है, जिसे रोकना होगा।
बेटी बन रही लाठी, बेटा मार रहे लठ्ठ
मुख्यमंत्री ने कहा मैंने देखा कि सुधा मलैया की दोनों बहुए अपनी सास के साथ लगी रहती है, जिस पर सुधा मलैया ने कहा कि वह उनकी बेटिया हैं। तो मुख्यमंत्री ने कहा कि हर सास को अपनी बहू को बेटी की तरह रखना चाहिए। मैंने लाड़ली लक्ष्मी योजना इसलिए शुरू की है कि बेटी अपने माता-पिता के लिए लाठी बनती है और बेटा अपने माता-पिता को लठ्ठ मारते हैं। ऐसे प्रदेश में अनेक उदाहरण भरे पड़े हैं।
महिला आरक्षण से मालती आज अध्यक्ष हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने महिला सशक्तिकरण के लिए काम किए हैं, इसलिए आज आपके दमोह में मालती असाटी दमोह में नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में आपके सामने हैं। इस आरक्षण की वजह यह हुई कि आज प्रदेश में निकाय व त्रि-स्तरीय पंचायत में महिलाओं की भागीदारी 56 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
प्रतिभाओं के लिए दिया मंच
मुख्यमंत्री ने मंच से कहा कि वित्तमंत्री जयंत कुमार मलैया की पत्नी सुधा मलैया निश्चित ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। जिन्होंने बुंदेलखंड की विरासत, व्यंजनों को एक मंच दिया है। यहां झूले भी हैं, गाना भी हो रहे हैं, साथ ही शासकीय योजनाओं के स्टॉल लगाए गए हैं।
महिला को हमेशा देवी माना
फिल्म कलाकार शरद सक्सेना जो सतना में जन्में और मुंबई में खलनायक की भूमिका निभाते चले आए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में एक प्रण किया था कि मैं हमेशा महिला को देवी के रूप में देखता हूं। लेकिन आज जो घटनाएं सामने आ रही हैं, वह हमारे मन को विचलित करने वाली है। अगर हर व्यक्ति अपने मन में महिला को देवी के रूप में सम्मान करना सीख ले तो समाज से महिलाओं पर होने वाले अत्याचार समाप्त हो जाएंगे।
हम अकेले नहीं कर सकते हैं ऐसा आयोजन
पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम की सफलता के पीछे सुधा मलैया का हाथ है। क्योंकि मैं या जयंत मलैया अकेले ऐसे आयोजन नहीं कर सकते हैं, लेकिन भाभी जी कर सकती हैं। वह इसलिए क्योंकि वह एक बहुमुखी प्रतिभा ही कर सकती है।
चार विभूतियां हुई सम्मानित
ओजस्वनी समारोह में जिन विभूतियों को सम्मानित किया गया उनमें अर्धनारीश्वर अलंकरण सुभाष पात्री व स्वर्णमाला पात्री को सम्मानित किया गया। कला क्षेत्र में शमा भाटे, पीडि़त मानवता क्षेत्र में ज्ञानेश्वरी देवी व महिलाओं के उत्थान में विशेष योगदान देने के लिए डॉ. शरद रेणु को शाल, श्रीफल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान मुख्यमंत्री चौहान, मंत्री मलैया व भार्गव के साथ शरद सक्सेना ने प्रदान किए।
अल्प समय में एसपी ने संभाला मोर्चा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दौरा कार्यक्रम सुबह निरस्त हो गया था, जिससे बाहर से आए हुए पुलिसबल को वापस भेज दिया गया था, लेकिन अचानक से दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री का कार्यक्रम आ गया। एसपी विवेक अग्रवाल ने आनन-फानन में पुलिस के मोर्चे लगाए जिससे मुख्यमंत्री का कारकेट होमगार्ड ग्राउंड से ओजस्विनी कॉलेज, कॉलेज से मेला ग्राउंड व समापन पर सर्किट हाऊस तक अल्प समय में पुलिस की व्यवस्थाएं चाक चौबंद हो गई थी।

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