दमोह

राख और कोयले से छात्र-छात्राएं ही साफ कर रहे बर्तन

विश्व हाथ धुलाई दिवस आज

दमोहOct 15, 2019 / 02:03 am

नितिन सदाफल

Only students are cleaning utensils with ash and coal

मडिय़ादो. 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है और शायद साल में यही वह दिन होता है जिस दिन बच्चों को स्कूल में साबुन नसीब होता है। बाकी दिनों विद्यार्थियों को मिड-डे-मील तैयार करने में उपयोग होनी वाली लकड़ी से निकले कोयले व राख का उपयोग कर हाथ व बर्तन साफ करना पड़ते हैं। विश्व हाथ धुलाई दिवस के ठीक दो दिन पहले कुछ स्कूलों की हकीकत जानी। संकुल केंद्र मडिय़ादो के किसी भी स्कूल में हैंडवॉस स्टैंड देखने नहीं मिला। विद्यार्थी हाथ धोने व पानी पीने के लिए हैंडपंपों पर आश्रित हैं। कई ऐसे भी स्कूल हंै जहां के हैंडपंप खराब हैं। वहां विद्यार्थिंयों को घर से पानी की व्यवस्था करना पड़ती है।

समूहों की चल रही मनमानी
शासन के निर्देशों के अनुसार स्कूलों में विद्यार्थियों को प्रतिदिन भोजन से पहले साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही विद्यार्थिंयों को मध्यान्ह भोजन के बर्तन साफ कर भोजन वितरण होना चाहिए। लेकिन स्कूलों में ऐसा देखने नहीं मिल रहा है। स्कूलों में खाना के पहले और खाना के बाद विद्यार्थिंयों को ही झूठे बर्तन साफ करना पड़ रहे हैं। स्कूलों में बर्तन साफ करने भी डिटरजेंट व साबुन की व्यवस्था देखने नहीं मिल रही है।
बर्धा के माध्यमिक स्कूल में छात्र-छात्राओं के द्वारा बर्तन साफ करते देखा गया। बर्तन साफ करने कोयला और राख का इस्तेमाल करना पड़ता है।प्राथमिक स्कूल में भी विद्यार्थी मिट्टी व राख का इस्तेमाल कर बर्तन साफ करते देखने मिले। संकुल मडिय़ादो के अधिकांश स्कूलों में अक्सर ऐसे दृष्य देखने मिल जाते हंै।

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