वैसे तो पहले भी यूनिवर्सिटी की मांग जिले के संगठनों द्वारा काफी उठाई गई थी, लेकिन शासन के सामने लोगों के प्रयास नाकाफी साबित हो गए थे और यूनिवर्सिटी दमोह की झौली में नहीं आ सकी थी। एक बार फिर यह अवसर सामने आया है जब दमोह को एक सौगात मिलने के अवसर प्रबल नजर आ रहे हैं। मेडीकल कॉलेज को लेकर सांसद प्रहलाद पटेल खुद के प्रयासों को व्यापक रुप देने में लगे हैं, यह बात उनके द्वारा कही जा चुकी है। लेकिन जिले की चारों विधानसभा के विधायकों द्वारा इस मसले पर पहल नहीं होना सामने आया है। हालांकि ऐसा भी हो सकता है किसी विधायक ने अपने प्रयास शुरू किए भी होंगे तो वह सार्वजनिक नहीं हो सके होंगे।
गुरूवार को युवा व्यापारी संघ ने मेडीकल कॉलेज की मांग को लेकर एक ज्ञापन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित वित्तमंत्री, सांसद के नाम से कलेक्ट्रेट पहुंचकर सौंपा है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा तीन संसदीय क्षेत्रों को मिलाकर एक मेडीकल कॉलेज खोला जाना प्रस्तावित है, जिनमें दमोह, सतना, खजुराहों शामिल हैं। लेकिन यह कॉलेज दमोह में खोला जाए। ज्ञापन में बताया है कि जिले के छात्र-छात्राओं को चिकित्सीय शिक्षा के लिए दूर दराज भटकना पड़ता है और जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रहतीं उनकी प्रतिभाएं दब जातीं हैं। जिले में न तो कोई बड़ा उद्योग है और न ही कोई बड़ी शिक्षा संस्था है, जिसका लाभ यहां के लोगों को मिल सके। मांग की गई है कि इस अवसर को लेकर दमोह जिले के लोगों से पक्षपात नहीं किया जाए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए जो प्रमुख मानक हैं उनमें दमोह जिला अग्रणी होना संभव है। बताया गया है कि कॉलेज खोले जाने के लिए पर्याप्त शासकीय भूमि जिला प्रशासन के पास है।