scriptAlert कभी भी हो सकती है जमींदोज ओवर ब्रिज की जर्जर रैलिंग | Over bridge railing in damoh madhya pradesh | Patrika News

Alert कभी भी हो सकती है जमींदोज ओवर ब्रिज की जर्जर रैलिंग

locationदमोहPublished: Feb 15, 2018 01:07:36 pm

Submitted by:

pushpendra tiwari

रैलिंग का निजी कंपनी के द्वारा किया जा रहा वर्षों से व्यवसायिक उपयोग

ओवर ब्रिज की स्थिति काफी जर्जर

ओवर ब्रिज की स्थिति काफी जर्जर

दमोह. शहर के पलंदी चौराहा से करीब ५० मीटर दूर हटा-छतरपुर मार्ग पर स्थित ओवर ब्रिज की स्थिति काफी जर्जर नजर आ रही है। ओवर ब्रिज की बाऊंड्री टूट चुकी जिसमें बढ़ी बढ़ी दरारें आ चुकीं हैं। मौका स्थिति देखने से यह माना जा सकता है कि सीमेंट की बाऊंड्री का जर्जर हिस्सा कभी भी गिर सकता है। वहीं उस समय स्थिति और भी खराब होना लाजमी है जब कोई अनियंत्रित वाहन बाऊंड्री से टकरा जाए। वर्षों पुराने इस ओवर ब्रिज का मैंटनेंस भी काफी समय से नहीं हुआ है, जिसकी वजह से ब्रिज की जर्जरता समय के साथ बढ़ती जा रही है।
वैसे तो ओवर ब्रिज की रैलिंग का व्यवसायिक उपयोग शहर से पांच किलोमीटर दूर स्थित माइसेम सीमेंट फैक्ट्री द्वारा किया जा रहा है। इस ओवर ब्रिज की रैलिंग का उपयोग सीमेंट फैक्ट्री द्वारा स्वयं के प्रचार के लिए किया जाता है। फैक्ट्री द्वारा रैलिंग पर अपने प्रोडेक्ट की मार्केटिंग के लिए एड लिखे गए हैं। फैक्ट्री द्वारा यह उपयोग वर्षों से किया जा रहा है। लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा भी ओवर ब्रिज की जर्जर रैलिंग के सुधार को लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया।

पूरी रैलिंग गिरने की कगार पर


ओवर ब्रिज की रैलिंग किसी एक जगह से क्रेक नहीं हुई है, बल्कि करीब दो सौ मीटर लंबे इस ब्रिज के दोनों तरफ की पूरी रैलिंग काफी हद तक जर्जर हो चुकी है। कुछ प्वाइंटों पर रैलिंग इस स्थिति में है कि थोड़े से ही धक्के में वह जमींदोज हो जाएगी। कई प्वाइंटों से सीमेंट की इस रैलिंग के जोड़ खुल चुके हैं और मोटी-मोटी दरारें आ चुकीं हैं।

खतरेे की आहट


ब्रिज की रैलिंग दोनों तरफ से जर्जर होने के कारण खतरे की आहट देती नजर आ रही है। ब्रिज के दोनों तरफ काफी अधिक ऊंचाई है। नीचे से निकली रेलवे लाइन के एक ओर पथरिया फाटक क्षेत्र की बस्ती बसी हुई है, तो दूसरी तरफ लोको वार्ड की घनी बस्ती बसी हुई है। यदि समय रहते रैलिंग का मैंटनेंस नहीं होता है तो इसके टूटकर गिरने की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। बताया गया है कि ब्रिज पर से जब कोई भारी वाहन निकलता है तो रैलिंग के क्रेक हो चुके हिस्सों में भारी कंपन होने लगता है और टूटकर गिरने की संभावना बढ़ जाती है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि रैलिंग की दुर्दशा को लेकर अधिकारियों से सुधार कार्य के लिए लिखित व मौखिक निवेदन किया गया, लेकिन सुधार के प्रयास आज तक नहीं किए गए हैं।

एक-दूसरे की बता रहे जिम्मेदारी


ओवर ब्रिज के मैंटनेंस को लेकर पीडब्लूडी ब्रिज व नपा प्रबंधन एक दूसरे के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं। मामले में पीडब्लूडी के एसडीओ रतिराम पटेल ने बताया है कि ओवर ब्रिज तैयार किए जाने के बाद वर्ष २००२ में नगरपालिका प्रबंधन के हैंडओवर कर दिया गया था, इसलिए मैंटनेंस का कार्य नपा प्रबंधन को देखना चाहिए। वहीं नपा प्रबंधन से सीएमओ कपिल खरे ने बताया है कि ओवर ब्रिज के मैंटनेंस की जिम्मेदारी पीडब्लूडी के ब्रिज निर्माण इकाई की बनती है, नगरपालिका का ब्रिज में हस्ताक्षेप नहीं है।

कंपनी उठा रही फायदा


इधर ओवर ब्रिज का व्यवसायिक उपयोग सीमेंट फैक्ट्री द्वारा वर्षों से किया जा रहा है। एसडीओ रतिराम पटेल ने बताया है कि वर्षों से फैक्ट्री अपनी मार्केटिंग के लिए रैलिंग का उपयोग प्रचार के लिए कर रही है। वहीं उन्होंने बताया कि फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा ब्रिज के रंग रोगन के संबंध में कहा गया था, लेकिन वह भी वर्षों से नहीं किया गया है और न ही रैलिंग की जर्जरता के सुधार के लिए कोई कदम फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा उठाया गया।

डिवीजन से मिले स्वीकृति


पीडब्लूडी की ब्रिज निर्माण ईकाई एसडीओ रतिराम पटेल ने जानकारी दी है कि ब्रिज के दोनों तरफ की पूरी रैलिंग का मैंटनेंस होना आवश्यक है, उन्होंने बताया कि रैलिंग के सुधार के लिए विभाग को पत्र प्राप्त हुआ था, जिसका प्रस्ताव डिवीजन को भेजा गया था, लेकिन अभी तक डिवीजन से मैंटनेंस स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। उन्होंने बताया कि विभाग के पास इसके मैंटनेंस के लिए बजट नहीं है। डिवीजन से स्वीकृति के बाद ही बजट आवंटन हो सकेगा, लेकिन जब तक यह स्वीकृति नहीं होती तब तक रैलिंग का मैंटनेंस विभाग द्वारा किया जाना संभव नहीं है।

वर्जन


रैलिंग की हालत काफी जर्जर हो चुकी है, सुधार के लिए विभाग द्वारा प्रयास किए जाएंगे।
रतिराम पटेल, एसडीओ

ओवर ब्रिज के मैंटनेंस की जिम्मेदारी पीडब्लूडी के ब्रिज ईकाई की है, रैलिंग के व्यवसायिक उपयोग होने पर मिलने वाला लाभ नपा प्रबंधन को प्राप्त नहीं होता है।
कपिल खरे, सीएमओ
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