इस तरह समय मिनट टू मिनट कार्यकलाप आचार्यश्री की सेवाभक्ति में जुड़े प्रमुखों से मिली जानकारी के अनुसार रात ३ बजे आचार्यश्री विश्राम से हट जाते हैं और रात ३ से 4 बजे तक प्रतिक्रमण, इसके बाद 100 मिनट का सामायिक ध्यान, सुबह ५ से ६ बजे भक्ति स्रोत, गुरू भक्ति 7.15 बजे से, स्वाध्याय 7.30 से 8.30 तक। इसके बाद 9 मंच पहुंचते हैं और 9.30 तक आचार्यश्री का पूजन श्रावकों द्वारा किया जाता है। ९.४५ बजे से ११ बजे तक आहारचर्या रहती है। 11.45 से आहार क्रियाय होती है, जिसमें आचार्य श्री सभी मुनि, आर्यिकाओं से उनके आहार के संबंध चर्चा करते हैं। दोपहर १२ बजे से पुन: सामायिक 1.45 बजे तक, इसके बाद दोपहर में माताजी की कक्षा लेते हैं। शाम ४ बजे से4.30 पुन: प्रतिक्रमण, 5.30 बजे आचार्य भक्ति, इसके बाद कक्ष में पहुंचकर पुन: सामायिक करते हैं। इस तरह से आचार्यश्री की दिनचर्या निश्चित समयावधि में रहती है।
एक पहर, एक करवट विश्राम
सेवाकार्य करने वाले बताते हैं, कि आचार्यश्री एक पहर ही सोते हैं। खासबात यह है आचार्यश्री इस एक पहर में एक करवट ही लेटते हैं।
सेवाकार्य करने वाले बताते हैं, कि आचार्यश्री एक पहर ही सोते हैं। खासबात यह है आचार्यश्री इस एक पहर में एक करवट ही लेटते हैं।