दमोह

एक पहर एक करवट सोते हैं आचार्य श्री विद्यासागर महाराज

आचार्यश्री कभी नहीं देखते घड़ी, लेकिन दिन की समस्त विधियों का टाइम टू टाइम शेड्यूल तय
 

दमोहFeb 18, 2022 / 07:31 pm

pushpendra tiwari

आचार्यश्री विद्यासागर महाराज

दमोह. कुंडलपुर में पंचकल्याणक महोत्सव हो रहा है, जो आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के सानिध्य में आयोजित है। इस महोत्सव में हजारों लोग प्रतिदिन पहुंच रहे हैं और सभी आचार्यश्री के दर्शनों की आस लगाए रहते हैं। आचार्यश्री की एक झलक भी भक्तों के लिए आत्मिक संतुष्टि देती है और भक्त खुद को धन्य मानते हैं। वहीं आचार्यश्री के दैनिक दिनचर्या की बात करें, तो आचार्यश्री के दिन भर के कार्यक्रम निश्चित समयावधि का होते हैं। इस बीच खासबात यह है कि आचार्यश्री व उनके आसपास मौजूद रहने वाले मुनि घड़ी का उपयोग नहीं करते हैं। लेकिन आचार्यश्री के द्वारा किए जाने वाले सभी क्रियाकलाप टाइम टू टाइम रहते हैं। आचार्यश्री के इस शैड्यूल को देखकर हर कोई अचरज में रहता है कि आचार्यश्री को बगैर समय देखे मिनट टू मिनट की जानकारी होती है।
इस तरह समय मिनट टू मिनट कार्यकलाप

आचार्यश्री की सेवाभक्ति में जुड़े प्रमुखों से मिली जानकारी के अनुसार रात ३ बजे आचार्यश्री विश्राम से हट जाते हैं और रात ३ से 4 बजे तक प्रतिक्रमण, इसके बाद 100 मिनट का सामायिक ध्यान, सुबह ५ से ६ बजे भक्ति स्रोत, गुरू भक्ति 7.15 बजे से, स्वाध्याय 7.30 से 8.30 तक। इसके बाद 9 मंच पहुंचते हैं और 9.30 तक आचार्यश्री का पूजन श्रावकों द्वारा किया जाता है। ९.४५ बजे से ११ बजे तक आहारचर्या रहती है। 11.45 से आहार क्रियाय होती है, जिसमें आचार्य श्री सभी मुनि, आर्यिकाओं से उनके आहार के संबंध चर्चा करते हैं। दोपहर १२ बजे से पुन: सामायिक 1.45 बजे तक, इसके बाद दोपहर में माताजी की कक्षा लेते हैं। शाम ४ बजे से4.30 पुन: प्रतिक्रमण, 5.30 बजे आचार्य भक्ति, इसके बाद कक्ष में पहुंचकर पुन: सामायिक करते हैं। इस तरह से आचार्यश्री की दिनचर्या निश्चित समयावधि में रहती है।
एक पहर, एक करवट विश्राम
सेवाकार्य करने वाले बताते हैं, कि आचार्यश्री एक पहर ही सोते हैं। खासबात यह है आचार्यश्री इस एक पहर में एक करवट ही लेटते हैं।
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