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Election 2018 : चुनाव मैदान में प्रत्याशी जिताऊ नहीं हुआ तो मुद्दे हो सकते हैं हावी

locationदमोहPublished: Sep 05, 2018 12:13:31 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

पथरिया में चतुष्कोणीय हो सकता है मुकाबला

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दमोह. 2018 का विधानसभा चुनाव पथरिया विधानसभा में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। इस बार मुकाबला त्रिकोणीय से चतुष्कोणीय तक पहुंचने की स्थिति है। भाजपा से प्रबल दावेदारी विधायक लखन पटेल अपने उल्लेखनीय विकास कार्य व स्वच्छ राजनीतिक छवि की दम पर कर रहे हैं, तो उनका टिकट कटवाकर टिकट की चाह कई वरिष्ठ नेता भी रख रहे हैं। स्थानीय प्रत्याशी की मांग भी पिछली बार की तरह उठती हुई नजर आ रही है।
लखन पटेल को 2013 में डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया का टिकट काटकर मैदान में उतारा गया था। परिसीमन के बाद 2008 में सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर पहला मुकाबला चतुष्कोणीय हुआ था। जिसमें डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया २९ हजार ९५० मत लेकर मात्र 595 वोटों से जीते थे। बसपा के पुष्पेंद्र हजारी २९ हजार ३५२ मत लेकर दूसरे स्थान पर थे। कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही थी। मनीषा दुबे को 22 हजार 403 मत मिले थे। चौथे स्थान पर बीजेएचएस के चंदन सींग ने 15 हजार 485 मत प्राप्त किए थे।
भाजपा से ये दावेदार
लखन पटैल- सिटिंग विधायक, चार सिंचाई परियोजनाएं लेकर आए।
डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, बीडीए अध्यक्ष- पूर्व सांसद, पूर्व कृषि मंत्री, १९७२ से लगातार सक्रिय।
शिवचरण पटैल- जिला पंचायत अध्यक्ष, कुर्मी समाज में पैठ
नरेंद्र व्यास- पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा, ब्राह्मण समाज में पैठ
कांग्रेस से इनका दावा
पुष्पेंद्र हजारी- २००८ में बसपा प्रत्याशी, २०१३ में कांग्रेस प्रत्याशी
मनीषा दुबे- २००८ में तीसरे स्थान पर थीं।
गौरव पटैल- हार्दिक पटेल से जुड़े हैं, चार बड़ी किसान रैलियों करवाईं।
राव बृजेंद्र प्रताप सिंह- जिला पंचायत सदस्य
लक्ष्मण सिंह- नगर पंचायत अध्यक्ष
बसपा- जिला पंचायत उपाध्यक्ष, तेजतर्रार रामबाई २०१३ में निर्दलीय लड़ी थीं। पार्टी की लगातार सभाएं आयोजित।
आम आदमी पार्टी- स्थानीय प्रत्याशी चंद्रमोहन गुरु उर्फ चंदा भैया, अधिवक्ता, कांग्रेस छोड़ आम आदमी पार्टी में आए।
भारतीय शक्ति चेतना पार्टी- दशरथ सिंह लोधी, मगरोन सरपंच
ये भी- राजेंद्र बिदौल्या, राजेश तिवारी भी टिकट के लिए पसीना बहा रहे हैं।
चुनौती/मुद्दे
– कृषि आधारित क्षेत्र है। फसल बीमा की राशि कम मिलना मुद्दा बन सकता है।
– सीमेंट कारखाना होने के बावजूद स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं, किसानों की जमीनों के मामले लंबित।
– परिसीमन के बाद सीट सामान्य होने से बसपा दोनों दलों के लिए चुनौती बन सकती है।

PEOPLES VIEW
कांग्रेस के बजाय भाजपा के कार्यकाल में अच्छे काम हुए हैं। बटियागढ़ ब्लॉक का हिस्सा पानी की समस्या वाला हिस्सा है। यहां पंचमनगर, जूड़ी, साजली व सीतानगर परियोजनाओं से खुशहाली लाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे कई सालों बाद विकास की धारा बहती हुई नजर आ रही है।
प्रेमलाल लुहरया, किसान
मेरे कार्यकाल में बड़ी सिंचाई परियोजनाओं की सौगात पथरिया व बटियागढ़ के लिए मिली है। जूड़ी स्वीकृत हो चुकी है। सीतानगर का भूमिपूजन होने वाला है। पंचमनगर पूर्णता की ओर है। साजली निर्माणाधीन है। बुनियादी सुविधाओं के साथ अंतिम छोर के व्यक्ति के विकास के प्रयास किए गए हैं।
लखन पटेल, विधायक, पथरिया
पहला चुनाव निर्दलीय लड़ा था। इसके बाद पथरिया क्षेत्र से जिला पंचायत का चुनाव लड़ा और उपाध्यक्ष बनी हूं। चार साल से लगातार फिर विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी की है। इस बार मतदाता कांग्रेस व भाजपा से अलग बसपा के पक्ष में नजर आ रहा है। इसी विश्वास के साथ सघन जनसंपर्क कर रही हूं।
रामबाई, बसपा की प्रबल दावेदार
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