बड़े शहरों में बडऩे लगे मरीज, छोटे शहर में हो रही लापरवाही
दमोहPublished: Jul 03, 2021 09:36:10 pm
संकीर्ण गली में बाजार होने से संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा
Patients started growing up in big cities, negligence in small cities
दमोह. कोरोना के मरीजों में बड़े शहरों जिसमें दमोह सीमा से लगे जबलपुर में भी अब मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज होने लगी है। दमोह जिले के दो ब्लॉकों से जबलपुर का आना-जाना लगा रहता है, इस कारण यहां भी कोरोना का खतरा बढऩे का अंदेशा है।
शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी लहर आने में भले ही दमोह विधानसभा उपचुनाव पर दोष मढ़ा जा रहा हो, लेकिन दमोह शहर में लापरवाही लोगों की तरफ से ज्यादा होती है। वैज्ञानिक तीसरी लहर में बच्चों को खतरा बता रहे हैं, लेकिन शहर में दोपहर तक बाजार में छोटे बच्चों के साथ महिलाएं बगैर मास्क के शॉपिंग करती नजर आती है। इनकी शॉपिंग भी टोपी लाइन और मनिहारी लाइन से ही पूरी होती है, जहां संकीर्ण गली में बाजार होने से संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा बना रहता है। पहली लहर व दूसरी लहर में यही के दुकानदार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। इस लाइन का प्रत्येक दुकान संक्रमित हो चुका है।
बसों में भी सुरक्षा की अनदेखी
दमोह जिले में जबलपुर, भोपाल, इंदौर से प्रतिदिन 150 से अधिक बसों का आवागमन हो रहा है। अब इन तीनों बड़े शहरों में कोरोना के मरीजों में वृद्धि होने लगी है। इसके साथ डेल्टा प्लस व ब्लैक फंगस का खतरा भी बना हुआ है। बसों में यात्रा के दौरान भी लोग कोरोना प्रोटोकॉल के उपायों को नजर अंदाज कर रहे हैं।
अनलॉक मतलब कोरोना गया
जिला अस्पताल के डॉक्टर व नर्स कहते हैं कि दमोह के लोग मास्क लगाए और सैनेटाइजर हाथ में लिए और सामाजिक दूरी बनाते लॉकडाउन या कोरोना कफ्र्यू में ही दिखाई देते हैं, जैसे ही अनलॉक हो जाता है तो वह यह मान लेते हैं कि कोरोना चला गया है। जिस कारण लोग मास्क, सैनेटाइजर और सोशल डिस्टेंस को भुला देते हैं, इसके बाद एक भी बाहर से मरीज आया तो वह धीरे-धीरे वायरस का फैलाव कर देता है, फिर तेजी से मरीज सामने आने लगते हैं।
बच्चों के मामले गंभीर लापरवाही
डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि वह अस्पताल से आते-जाते देख रहे हैं कि दमोह के लोग बच्चों के मामले में अत्याधिक लापरवाही बरत रहे हैं, वैज्ञानिक तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बता रहे हैं। कोरोना अभी भी हमारे बीच से गया नहीं है वह लगातार खतरनाक रूप में सामने आ रहा है। जिससे बचने का एक मात्र उपाय मास्क, सैनेटाइजर व सामाजिक दूरी है।
वैक्सीन घातक प्रभाव रोक सकती है
डॉक्टरों का कहना है कि देखा जा रहा है जिन लोगों ने वैक्सीन का पहला या दूसरा डोज लगवा लिया है, वे अपने आपको कोरोना से सुरक्षित मान रहे हैं, लेकिन कई उदाहरण सामने आए हैं कि वैक्सीन लगने के बाद भी लोग संक्रमित हुए हैं। वैक्सीन केवल घातक प्रभाव रोकती है, लेकिन संक्रमण रोकने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन ही अति आवश्यक है, जो दमोह शहर में दिखाई नहीं दे रहा है।