केएन गल्र्स कॉलेज में स्वीप प्लान के जिला प्रभारी केपी अहिरवार, उप जिला प्रभारी प्रो. कीर्ति काम दुबे, सहित अन्य स्टॉफ की मौजूदगी में सैकड़ों छात्राओं ने संकल्प लिया कि वह 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में न केवल स्वयं जाकर मतदान करेंगी बल्कि आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों को भी प्रेरित करते हुए मतदान कराएंगी। अपने परिजनों को सुबह उठकर चाय पीने के बाद सबसे पहले मतदान करने के लिए प्रेरित करेंगी।
स्वीप प्लान के जिला प्रभारी के पी अहिरवार ने पत्रिका अखबार के जागो जनमत जागो अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि निश्चित रूप से जिस तरह से जागो जनमत जागो पत्रिका का रथ राजस्थान से चलकर मध्य प्रदेश के दमोह जिले में पहुंचा है। इससे निश्चित रूप से मतदान का प्रतिशत बढऩा तय है। क्योंकि लोगों में जागरुकता लाने का पत्रिका अखबार के साथ अब टीवी चैनल भी उसमें सहभागी हो गया है।
इस दौरान जिला स्वीप प्लान प्रभारी अहिरवार ने सभी मौजूद छात्राओं सहित स्टॉफ व अन्य को संकल्प दिलाया कि वह २८ नवंबर को स्वयं मतदान करने के साथ अन्य के लिए भी प्रेरित कर अपना वोट डालने बूथ पर जरूर जाएंगी। अगर कोई चलने फिरने में असहाय है तो उसे भी सहयोग करके प्रेरित करते हुए मतदान कराने से नहीं चूकेंगे। इस दौरान प्रोफेसर डॉ. कीर्तिकाम दुबे, जेआर दहायत, आरके सराफ, केके उमाहिया, केके दुबे सहित अन्य स्टॉफ व क्षेत्रीय लोगों की उपस्थिति रही।
स्वीप प्लान के जिला प्रभारी के पी अहिरवार ने पत्रिका अखबार के जागो जनमत जागो अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि निश्चित रूप से जिस तरह से जागो जनमत जागो पत्रिका का रथ राजस्थान से चलकर मध्य प्रदेश के दमोह जिले में पहुंचा है। इससे निश्चित रूप से मतदान का प्रतिशत बढऩा तय है। क्योंकि लोगों में जागरुकता लाने का पत्रिका अखबार के साथ अब टीवी चैनल भी उसमें सहभागी हो गया है।
इस दौरान जिला स्वीप प्लान प्रभारी अहिरवार ने सभी मौजूद छात्राओं सहित स्टॉफ व अन्य को संकल्प दिलाया कि वह २८ नवंबर को स्वयं मतदान करने के साथ अन्य के लिए भी प्रेरित कर अपना वोट डालने बूथ पर जरूर जाएंगी। अगर कोई चलने फिरने में असहाय है तो उसे भी सहयोग करके प्रेरित करते हुए मतदान कराने से नहीं चूकेंगे। इस दौरान प्रोफेसर डॉ. कीर्तिकाम दुबे, जेआर दहायत, आरके सराफ, केके उमाहिया, केके दुबे सहित अन्य स्टॉफ व क्षेत्रीय लोगों की उपस्थिति रही।
द्वितीय चरण में चेंजमेकर ने रखी अपनी बात –
प्रथम चरण समाप्त होने के बाद दूसरे चरण में पत्रिका के चेंजमेकर सतीश तिवारी ने पत्रिका अखबार के द्वारा चलाया गया चेंजमेकर अभियान एवं स्वच्छ राजनीति को लेकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज अच्छे जनप्रतिनिधि को चुनने के लिए हमें वोट देना बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर हम अच्छा जनप्रतिनिधि चाहते हैं तो वोट डालने अवश्य ही पोलिंग बूथ पर जाना पड़ेगा। उन्होंने भी छात्राओं को मतदान करने के लिए प्रेरित कर संकल्प दिलाया।
प्रथम चरण समाप्त होने के बाद दूसरे चरण में पत्रिका के चेंजमेकर सतीश तिवारी ने पत्रिका अखबार के द्वारा चलाया गया चेंजमेकर अभियान एवं स्वच्छ राजनीति को लेकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज अच्छे जनप्रतिनिधि को चुनने के लिए हमें वोट देना बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर हम अच्छा जनप्रतिनिधि चाहते हैं तो वोट डालने अवश्य ही पोलिंग बूथ पर जाना पड़ेगा। उन्होंने भी छात्राओं को मतदान करने के लिए प्रेरित कर संकल्प दिलाया।
यह रहे सवाल- जवाब
जनप्रतिनिधि की सक्रियता कितनी है, उनकी उनकी कितनी भूमिका होना चाहिए –
मेरा मानना यह है कि जो भी निर्वाचित प्रतिनिधि होता है उसकी सक्रियता का आंकलन विकास से लगाया जा सकता है। उसे विकास पर ध्यान देना चाहिए चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो।
अर्चना कुमारी – नव मतदाता
जातपात की राजनीति से क्या नुकसान है, इसके खात्मे के लिए क्या कदम उठाना चाहिए –
जातपांत की राजनीति के लिए सभी दलों को आगे आना होगा। क्योंकि जातियता से नहीं बल्कि विकास से ही देश का भविष्य उज्वल होता है।
सतीष तिवारी-चेंजमेकर
जातपांत की राजनीति के लिए सभी दलों को आगे आना होगा। क्योंकि जातियता से नहीं बल्कि विकास से ही देश का भविष्य उज्वल होता है।
सतीष तिवारी-चेंजमेकर
पार्टियां चुनाव में घोषणा करती हैं पर मुकर जाती हैं, सिस्टम को कैसे सुधारा जाए-
सभी के लिए चाहिए कि वह जो भी घोषणा पत्र जनता के बीच लाकर चुनाव लड़ते हैं और विजय होने पर उनका पहला कर्तव्य है कि वह जनता को दिया हुआ वचन पूरा करें। ऐसा नहीं करने वालों को मतदाता विशेष अधिकारी के तहत ढाई साल में खाली कुर्सी भरी कुर्सी से उसे वापस बुला सकते हैं। ऐसा होना भी चाहिए।
समीक्षा चौरसिया- कॉलेज छात्रा
सभी के लिए चाहिए कि वह जो भी घोषणा पत्र जनता के बीच लाकर चुनाव लड़ते हैं और विजय होने पर उनका पहला कर्तव्य है कि वह जनता को दिया हुआ वचन पूरा करें। ऐसा नहीं करने वालों को मतदाता विशेष अधिकारी के तहत ढाई साल में खाली कुर्सी भरी कुर्सी से उसे वापस बुला सकते हैं। ऐसा होना भी चाहिए।
समीक्षा चौरसिया- कॉलेज छात्रा
राजनीति में जांतपांत की क्या स्थिति है –
– दमोह विधानसभा में यह अच्छी बात है कि यहां पर जात-पांत की राजनीति से लोग दूर हैं। लेकिन अन्य क्षेत्रों में जो मतदाताओं को जातीय आधार पर बांट दिया जाता है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
संजय कुमार – जागरुक मतदाता
– दमोह विधानसभा में यह अच्छी बात है कि यहां पर जात-पांत की राजनीति से लोग दूर हैं। लेकिन अन्य क्षेत्रों में जो मतदाताओं को जातीय आधार पर बांट दिया जाता है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
संजय कुमार – जागरुक मतदाता