scriptछतों से बारिश का पानी सहेजने नहीं है दमोह के लोग सजग | People of Damoh are not aware of saving rain water from roofs | Patrika News

छतों से बारिश का पानी सहेजने नहीं है दमोह के लोग सजग

locationदमोहPublished: Jun 20, 2021 11:15:23 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

मकान बनाते समय रूफ वॉटर हॉर्वेस्टिंग को कर रहे नजरअंदाज

छतों से बारिश का पानी सहेजने नहीं है दमोह के लोग सजग

छतों से बारिश का पानी सहेजने नहीं है दमोह के लोग सजग

दमोह. दमोह नगर पालिका परिषद के 39 वार्डों 25 हजार व लगी ग्राम पंचायतों की कृषि भूमि पर 15 हजार आवास बने हुए हैं। पिछले 10 साल में ही सरकारी व निजी कॉलोनियां मिलाकर 8 हजार नए मकान बनाए गए हैं। शहर की दो कॉलोनियों को छोड़कर सभी जगह इसकी अनदेखी की गई है।
आवास बनाते समय नगर पालिका परिषद में आवेदन देकर रूफ वॉटर हॉर्वेस्टिंग के लिए शपथ पत्र दिया जाता था, पहले 1500 फुट के आवास के लिए अनिवार्य था। वहीं बाद में 240 फुट के आवास बनाने के दौरान इसकी अनिवार्यता रखी गई थी। कॉलोनाइजरों के लिए इसकी अनिवार्यता थी। लेकिन दमोह शहर की दो कॉलोनियों में सिद्धि विनायक व विजय नगर को छोड़कर किसी भी कॉलोनी में रूफ वॉटर हॉर्वेस्टिंग की सुविधा नहीं है। नगर पालिका क्षेत्र में 70 मकान ही ऐसे हैं, जहां आवास बनाते रूफ वॉटर हॉरवेस्टिंग की अनिवार्यता को ध्यान में रखा गया है।
नगर पालिका भी भूली
नगर पालिका परिषद द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाए गए हैं। मल्टी स्टोरी व सिंगल स्टोरी व ड्यूपलेक्स का निर्माण करते वक्त भी रूफ वॉटर हॉर्वेस्टिंग का ध्यान नहीं रखा गया है। जब नगर पालिका परिषद ने ही अपनी आवासीय योजनाओं में इसे नजर अंदाज किया है तो शहर वासी मकान बनाते समय बारिश का पानी संचित करने के लिए कैसे ध्यान रखेंगे।
हाऊसिंग बोड ने की अनदेखी
हाऊसिंग बोर्ड ने रानी दमयंती नगर में 800 से अधिक आवासों की एक नई कॉलोनी विकसित की है। यह कॉलोनी सभी नियमों का पालन करना दर्शा रही है, लेकिन रेन वॉटर हॉर्वेस्टिंग के बारे में यहां भी अनदेखी सामने आई है। जबकि यह कॉलोनी पहाड़ी क्षेत्र पर है। जिससे यहां के भू-गर्भीय जल को संरक्षित करने के लिए बारिश का पानी संचित करने की आवश्यकता था, जिसे भी नजर अंदाज किया गया है।
जल संकट वाले शहर में आवश्यक
नगर पालिका परिषद के पेयजल विभाग के उपयंत्री कहते हैं कि ड्राइ क्षेत्र जिसमें दमोह शहर भी शामिल है। जहां बारिश में छतों का पानी संग्रहित किया जाना अति आवश्यक है। उनका मानना है कि दमोह शहर में भू-गर्भीय जलस्रोतों में गिरावट जनवरी माह से ही देखने मिलती है। ईश्वर की इस बार कृपा रही कि मई में तूफानी बारिश से भू-गर्भीय जलस्रोत रिचार्ज हो गए और जून आते-आते भर गए हैं। जिससे इस साल तो किल्लत नहीं हुई है, लेकिन रूफ वॉटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम के मामले में जागरुकता की आवश्यकता है।
1 अरब लीटर पानी सहेज सकते
नपा के उपयंत्री ही बताते हैं कि शहर में वर्तमान में 25 हजार मकान बने हैं। यदि किसी साल औसत बारिश 42 इंच से कम 30 या 35 इंच होती है। यदि शहर के आधे आवासों में रूफ वॉटर हॉरवेस्टिंग सिस्टम उपयोग किया जाए तो 36 एमसीएफटी अर्थात 1 अरब 3 करोड़ लीटर पानी सहेज सकते हैं, जो पूरे दमोह शहर के भू-गर्भ जलस्रोत जो जनवरी में जवाब दे जाते हैं, वह अप्रेल व मई माह तक री-चार्ज रहेंगे। यदि हर व्यक्ति अपने घरों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपना ले तो करोड़ों लाख लीटर पानी जमीन के अंदर सीधा पहुंचेगा।
 
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