खून के लिए परेशान हो रहे मरीज
मेडिकल वार्ड में कुछ मरीज ऐसे सामने आए जिनमें खून की कमी बताई गई है। लेकिन इन मरीजों को खून की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। करैया राख गांव निवासी एक युवक ने बताया कि उसकी वृद्ध में भर्ती है जिसे ब्लड दिया जाना है, लेकिन ब्लड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पुत्र के कहने पर जब उसकी मां की हालत को देखा तो वह अत्याधिक कमजोर हालत में पलंग पर बदहवास हालत में लेटी देखी गईं। इसी तरह यहां कुछ और मरीजों ने ब्लड की उपलब्धता नहीं हो पाना उजागर किया।
एक पलंग पर दो मरीज
जिला अस्पताल के स्टोर में भरपूर पलंगों का स्टॉक है, लेकिन वार्डों में एक पलंग पर दो मरीजों को लिटाया गया है। करीब ढाई फुट सकरे पलंग पर दो मरीजों को लेटा देखा गया। मरीजों ने बताया कि उन्हें इस कारण काफी दिक्कत हो रही है। महिला मेडिकल वार्ड में यह हालात सामने आए।
शासन के आदेश का पालन नहीं
करीब एक सप्ताह पहले शासन द्वारा नई ओपीडी संचालन को लेकर आदेश दिया गया है कि ओपीडी का संचालन शाम ०४ बजे तक होगा और इस दौरान डॉक्टरों की मौजूदगी अनिवार्य होगी। लेकिन अस्पताल की ओपीडी में दोपहर करीब १.१५ डॉक्टरों के चैंबर में कुर्सियां खाली पड़ीं थीं। अधिकांश डॉक्टर मौजूद नहीं थे, सिर्फ चार डॉक्टर ओपीडी में उपस्थित पाए गए।
बेटी का उपचार कराने आई मां को फटकार कर भगाया
ओपीडी में एक और वाक्या सामने आया जिसमें मरीजों और उनके परिजनों के प्रति डॉक्टर्स का व्यवहार अच्छा नहीं होने का आरोप लगा। पथरिया तहसील के सासा गांव की एक महिला ने बताया कि सोमवार को उसने अपनी साढ़े सत्रह वर्ष की बेटी को आंख में तकलीफ होने की वजह से भर्ती किया है। लेकिन उपचार करने के लिए कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा। ओपीडी से बाहर आती हुई इस महिला ने आरोप लगाया कि वह अपनी बेटी के उपचार के लिए डॉक्टर को बुलाने पहुंची तो उसे डॉक्टर बाहर भगा दिया। महिला ने कहा उसकी बेटी को उपचार नहीं दिया जा रहा है।
मेडिकल वार्ड में कुछ मरीज ऐसे सामने आए जिनमें खून की कमी बताई गई है। लेकिन इन मरीजों को खून की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। करैया राख गांव निवासी एक युवक ने बताया कि उसकी वृद्ध में भर्ती है जिसे ब्लड दिया जाना है, लेकिन ब्लड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पुत्र के कहने पर जब उसकी मां की हालत को देखा तो वह अत्याधिक कमजोर हालत में पलंग पर बदहवास हालत में लेटी देखी गईं। इसी तरह यहां कुछ और मरीजों ने ब्लड की उपलब्धता नहीं हो पाना उजागर किया।
एक पलंग पर दो मरीज
जिला अस्पताल के स्टोर में भरपूर पलंगों का स्टॉक है, लेकिन वार्डों में एक पलंग पर दो मरीजों को लिटाया गया है। करीब ढाई फुट सकरे पलंग पर दो मरीजों को लेटा देखा गया। मरीजों ने बताया कि उन्हें इस कारण काफी दिक्कत हो रही है। महिला मेडिकल वार्ड में यह हालात सामने आए।
शासन के आदेश का पालन नहीं
करीब एक सप्ताह पहले शासन द्वारा नई ओपीडी संचालन को लेकर आदेश दिया गया है कि ओपीडी का संचालन शाम ०४ बजे तक होगा और इस दौरान डॉक्टरों की मौजूदगी अनिवार्य होगी। लेकिन अस्पताल की ओपीडी में दोपहर करीब १.१५ डॉक्टरों के चैंबर में कुर्सियां खाली पड़ीं थीं। अधिकांश डॉक्टर मौजूद नहीं थे, सिर्फ चार डॉक्टर ओपीडी में उपस्थित पाए गए।
बेटी का उपचार कराने आई मां को फटकार कर भगाया
ओपीडी में एक और वाक्या सामने आया जिसमें मरीजों और उनके परिजनों के प्रति डॉक्टर्स का व्यवहार अच्छा नहीं होने का आरोप लगा। पथरिया तहसील के सासा गांव की एक महिला ने बताया कि सोमवार को उसने अपनी साढ़े सत्रह वर्ष की बेटी को आंख में तकलीफ होने की वजह से भर्ती किया है। लेकिन उपचार करने के लिए कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा। ओपीडी से बाहर आती हुई इस महिला ने आरोप लगाया कि वह अपनी बेटी के उपचार के लिए डॉक्टर को बुलाने पहुंची तो उसे डॉक्टर बाहर भगा दिया। महिला ने कहा उसकी बेटी को उपचार नहीं दिया जा रहा है।