scriptपेट्रोल – डीजल के पांच रुपए प्रति लीटर की उपभोक्ताओं पर पड़ी दोहरी मार, नेता एक दूसरे पर फोड़ रहे छींकरा | Petrol - Diesel's double quadruple of consumers per five liters of die | Patrika News
दमोह

पेट्रोल – डीजल के पांच रुपए प्रति लीटर की उपभोक्ताओं पर पड़ी दोहरी मार, नेता एक दूसरे पर फोड़ रहे छींकरा

पेट्रोल शुक्रवार को 74.03 शनिवार से 78.56 हुए दाम डीजल -66.01 से उछलकर 70.44 हुए प्रतिलीटर दाम

दमोहJul 07, 2019 / 12:02 am

lamikant tiwari

Petrol - Diesel's double quadruple of consumers per five liters of die

Petrol – Diesel’s double quadruple of consumers per five liters of die

दमोह. केंद्र के साथ प्रदेश की दोहरी मार ने उपभोक्ताओं को अधमरा कर दिया है। केंद्र से डीजल-पेट्रोल पर बढ़ाए गए दो से ढाई रुपए के बाद बिना देर किए प्रदेश सरकार ने भी रात १२ बजे के पहले मौका पाते ही दो से दो से ढाई रुपए तक बढ़ा दिए। अब हालांत यह हैं कि केंद्र की बीजेपी व प्रदेश की कांग्रेस सरकार बनाने वाले मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं के सामने विकट समस्या खड़ी हो गई है। किसी भी सरकार ने जब मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं की ओर ध्यान नहीं दिया तो हर तरफ से विरोध के स्वर उठने लगे हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार रेट बढ़ाने में अग्रणी रहे, इसलिए अब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए जाने पर किसी भी पार्टी और सड़कों पर कोई प्रदर्शन नहीं किया गया। कांग्रेस के साथ भाजपाई भी मौन ही बने रहे।
इतना जरुर है कि ट्रांस्पोर्ट जगह के साथ बस एसोसिएशन के साथ ट्रक मालिकों व ट्रैक्टर से खेती किसानी पर निर्भर रहने वालों को दाम बढऩे का झटका लगा है। जिससे वह बेचैन नजर आ रहे हैं। जनप्रतिनिधि अपने अंदाज में ही अपने बयान देने में मस्त हैं।
इन्होंने यह दीं प्रतिक्रियाएं –

अधो संरचना के लिए लिया फैसला –
केंद्र सरकार द्वारा जो दो से ढाई रुपए सेस लगाया गया है, वह विकास के क्षेत्र में अधोसंरचना को लेकर एक लाख करोड़ रुपए का निवेश करने के लिए ऐसा किया है। जिससे रेलवे, परिवहन एयर ट्रांसपोर्ट सहित अन्य में निवेश करने ऐसा किया है। क्योंकि हमें विकास के लिए पैसों की आवश्यकता है। लेकिन प्रदेश सरकार ने बिना किसी कारण के जो दाम बढ़ाए हैं वह उचित नहीं है।
देवनारायण श्रीवास्तव- भाजपा जिलाध्यक्ष
प्रदेश सरकार ने बढ़ोत्तरी ठीक नहीं की-
भारत सरकार की वित्तमंत्री सीतारामन ने जो एक रुपए का जो शेज बढ़ाया है, उससे दामों पर कोई असर नहीं हुआ है, लेकिन प्रदेश सरकार के मुख्य मंत्री कमलनाथ ने तो दो से तीन रुपए की बढ़ोत्तरी की है। जो सिर्फ तुष्टीकरण की नीति है। वह दाम बढ़ाने के बाद केंद्र सरकार पर दाम बढ़ाने का आरोप थोप रही है जो पूरी तरह से गलत है।
प्रमोद विश्वकर्मा- जिलाध्यक्ष युवामोर्चा
बसों का किराया बढ़ाने होंगे मजबूर –
नुकसान पहले से ही हो रहा था। राज्य सरकार टैक्स बढ़ा रही है केंद्र सरकार ने डीजल, पेट्रोल पर दो से ढाई रुपए रुपए बढ़ाया तो प्रदेश भी पीछे नहीं रही, इससे यात्रियों पर भी असर पड़ेगा। बस ऑपरेटर काफी घाटे में है। किराया बढऩा तय है, क्योंकि सरकार को अब किराया भी बढ़ाना होगा। एसी बसें अपने हिसाब से किराया बढ़ाते हैं अब जो स्थानीय बस ऑपरेटर पर हैं उन्हें यह काफी असहनीय है। अब यदि सरकार ने किराया नहीं बढ़ाया तो बस ऑपरेटरर्स को आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ेगा। जिसकी जवाबदारी भी केंद्र व प्रदेश सरकार की होगी।
करन सिंह परिहार – जिला उपाध्यक्ष बस एसोसिएशन
भाड़ा में वृद्धि होना तय है
आम उपभोक्ता व ट्रांस्पोर्टर, ट्रकऑनर का परेशान होना तय है। भाड़ा भी बढ़ जाएगा। जिसका असर आम उपभोक्ताओं पर पडऩा तय है। डीजल मंहगा होने से हर किलोमीटर के हिसाब से भाड़े में बढ़ोत्तरी करने ट्रांस्पोर्टर मजबूर हो जाएगा। क्योंकि डीजल में करीब पांच रुपए की बढ़ोत्तरी की है, जो अब तक की सबसे बड़ी बढा़ेत्तरी है। इसे नियंत्रण करने में शासन को एक बार फिर से सोचना चाहिए।
प्रदीप राय – जिलाध्यक्ष ट्रक एसोसिएशन
शासन के आदेश पर बढ़ाए दाम-
शासन ने जो रेट बढ़ाए हैं हम उसी का पालन कर रहे हैं। शुक्रवार तक पेट्रोल के दाम ७४. ०३ प्रति लीटर थे जो रात १२ बजे के बाद से शनिवार को ७८.५६ रुपए प्रति लीटर कर दिए गए हैं। इससे करीब ४.४३ रुपए प्रति लीटर दाम बढ़ गए हैं। डीजल में भी ठीक इसी तरह से ६६.०१ रुपए से बढ़कर अब ७०. ४४ हुए प्रतिलीटर हो गया है। जिसमें ४.५३ रुपए प्रति लीटर दाम बढ़ाकर पेट्रोल बेचा जा रहा है। यह नए आदेश के तहत रेट लिस्ट आई है। हालांकि दाम बढऩे के बाद शनिवार को पंप पर पहले से ग्राहकों की भीड़ कम रही।
हेमराज – कैशियर पेटोल पंप –
हमें मिला था प्रदेश का खजाना खाली –
देखिए कांग्रेस सरकार को भाजपा ने खजाना खाली करके दिया था। अब चूंकि हमें प्रदेश में विकास कराना है तो कुछ तो करना पड़ेगा। जहां तक केंद्र सरकार की बात है तो वह हमेशा ही लुभावनी बातें करती है। जिस पर विश्वास किया जाना संभव नहीं है। पेट्रोल-डीजल की जगह वह चाहती तो अन्य मदों में एडजेस्ट कर सकती थी। लेकिन उसने सीधे तौर पर पूरे देश में पेट्रोल-डीजल पर विशेष अतिरिक्त ड्यूटी १ रुपए और रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्र सेस १ रुपए बढ़ाया है। जिससे पेट्रोल-डीजल २ से ढाई रुपए बढ़ गया है। जो पूरी तरह से अनुचित है।
अजय टंडन – अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी

मिलने वाली राशि से होगा प्रदेश का विकास –
मेरा मानना है कि केंद्र सरकार के पास इनकम के अधिक साधन होते हैं। उसे इस तरह से पेट्रोल-डीजल के दाम एकदम से नहीं बढ़ाना चाहिए थे। प्रदेश में आय के साधन कम होते हैं। और मध्यप्रदेश में तो पिछले १५ सालों में भाजपा की शिवराज सरकार ने पूरा खजाना ही खाली कर डाला। ऊपर से प्रदेश को बीमारु राज्य बना दिया था। जिसे विकासशील प्रदेश बनाने के लिए अब कांग्रेस संकल्पित है और उपभोक्ताओं से लेकर उन्हीं के हित में खर्च कर रही है। जो भी दाम बढ़ाए गए हैं, उससे प्रदेश का विकास ही किया जाना है।
लालचंद राय – वरिष्ठ कांग्रेस नेता
मध्यम वर्गीय परिवार पड़ेगा असर-
केंद्र सरकार हो या प्रदेश सरकार, जिस तरह से पेट्रोल डीजल में बढ़ोत्तरी की है वह न्यायोचित नहीं है। सीधा-सीधा आम उपभोक्ताओं पर करारा प्रहार है। क्योंकि चार से पांच रुपए प्रति लीटर पर दाम बढ़ाने से मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों पर खासा असर पड़ता है। इससे महिने भर का पूरा बजट ही गड़बड़ाना तय है। दोनों सरकारों के लिए इसमें सोचना चाहिए। इसके जगह वह चाहें तो पेट्रोल से हटाकर शराब पर टैक्स बढ़ाएं। जिससे आम उपभोक्ता इस तरह की दोहरी मार से बच जाएगा।
रवि दुबे- आम उपभोक्ता
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