केंद्र सरकार द्वारा जो दो से ढाई रुपए सेस लगाया गया है, वह विकास के क्षेत्र में अधोसंरचना को लेकर एक लाख करोड़ रुपए का निवेश करने के लिए ऐसा किया है। जिससे रेलवे, परिवहन एयर ट्रांसपोर्ट सहित अन्य में निवेश करने ऐसा किया है। क्योंकि हमें विकास के लिए पैसों की आवश्यकता है। लेकिन प्रदेश सरकार ने बिना किसी कारण के जो दाम बढ़ाए हैं वह उचित नहीं है।
देवनारायण श्रीवास्तव- भाजपा जिलाध्यक्ष
भारत सरकार की वित्तमंत्री सीतारामन ने जो एक रुपए का जो शेज बढ़ाया है, उससे दामों पर कोई असर नहीं हुआ है, लेकिन प्रदेश सरकार के मुख्य मंत्री कमलनाथ ने तो दो से तीन रुपए की बढ़ोत्तरी की है। जो सिर्फ तुष्टीकरण की नीति है। वह दाम बढ़ाने के बाद केंद्र सरकार पर दाम बढ़ाने का आरोप थोप रही है जो पूरी तरह से गलत है।
प्रमोद विश्वकर्मा- जिलाध्यक्ष युवामोर्चा
नुकसान पहले से ही हो रहा था। राज्य सरकार टैक्स बढ़ा रही है केंद्र सरकार ने डीजल, पेट्रोल पर दो से ढाई रुपए रुपए बढ़ाया तो प्रदेश भी पीछे नहीं रही, इससे यात्रियों पर भी असर पड़ेगा। बस ऑपरेटर काफी घाटे में है। किराया बढऩा तय है, क्योंकि सरकार को अब किराया भी बढ़ाना होगा। एसी बसें अपने हिसाब से किराया बढ़ाते हैं अब जो स्थानीय बस ऑपरेटर पर हैं उन्हें यह काफी असहनीय है। अब यदि सरकार ने किराया नहीं बढ़ाया तो बस ऑपरेटरर्स को आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ेगा। जिसकी जवाबदारी भी केंद्र व प्रदेश सरकार की होगी।
करन सिंह परिहार – जिला उपाध्यक्ष बस एसोसिएशन
आम उपभोक्ता व ट्रांस्पोर्टर, ट्रकऑनर का परेशान होना तय है। भाड़ा भी बढ़ जाएगा। जिसका असर आम उपभोक्ताओं पर पडऩा तय है। डीजल मंहगा होने से हर किलोमीटर के हिसाब से भाड़े में बढ़ोत्तरी करने ट्रांस्पोर्टर मजबूर हो जाएगा। क्योंकि डीजल में करीब पांच रुपए की बढ़ोत्तरी की है, जो अब तक की सबसे बड़ी बढा़ेत्तरी है। इसे नियंत्रण करने में शासन को एक बार फिर से सोचना चाहिए।
प्रदीप राय – जिलाध्यक्ष ट्रक एसोसिएशन
शासन ने जो रेट बढ़ाए हैं हम उसी का पालन कर रहे हैं। शुक्रवार तक पेट्रोल के दाम ७४. ०३ प्रति लीटर थे जो रात १२ बजे के बाद से शनिवार को ७८.५६ रुपए प्रति लीटर कर दिए गए हैं। इससे करीब ४.४३ रुपए प्रति लीटर दाम बढ़ गए हैं। डीजल में भी ठीक इसी तरह से ६६.०१ रुपए से बढ़कर अब ७०. ४४ हुए प्रतिलीटर हो गया है। जिसमें ४.५३ रुपए प्रति लीटर दाम बढ़ाकर पेट्रोल बेचा जा रहा है। यह नए आदेश के तहत रेट लिस्ट आई है। हालांकि दाम बढऩे के बाद शनिवार को पंप पर पहले से ग्राहकों की भीड़ कम रही।
हेमराज – कैशियर पेटोल पंप –
देखिए कांग्रेस सरकार को भाजपा ने खजाना खाली करके दिया था। अब चूंकि हमें प्रदेश में विकास कराना है तो कुछ तो करना पड़ेगा। जहां तक केंद्र सरकार की बात है तो वह हमेशा ही लुभावनी बातें करती है। जिस पर विश्वास किया जाना संभव नहीं है। पेट्रोल-डीजल की जगह वह चाहती तो अन्य मदों में एडजेस्ट कर सकती थी। लेकिन उसने सीधे तौर पर पूरे देश में पेट्रोल-डीजल पर विशेष अतिरिक्त ड्यूटी १ रुपए और रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्र सेस १ रुपए बढ़ाया है। जिससे पेट्रोल-डीजल २ से ढाई रुपए बढ़ गया है। जो पूरी तरह से अनुचित है।
अजय टंडन – अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी
मिलने वाली राशि से होगा प्रदेश का विकास –
मेरा मानना है कि केंद्र सरकार के पास इनकम के अधिक साधन होते हैं। उसे इस तरह से पेट्रोल-डीजल के दाम एकदम से नहीं बढ़ाना चाहिए थे। प्रदेश में आय के साधन कम होते हैं। और मध्यप्रदेश में तो पिछले १५ सालों में भाजपा की शिवराज सरकार ने पूरा खजाना ही खाली कर डाला। ऊपर से प्रदेश को बीमारु राज्य बना दिया था। जिसे विकासशील प्रदेश बनाने के लिए अब कांग्रेस संकल्पित है और उपभोक्ताओं से लेकर उन्हीं के हित में खर्च कर रही है। जो भी दाम बढ़ाए गए हैं, उससे प्रदेश का विकास ही किया जाना है।
लालचंद राय – वरिष्ठ कांग्रेस नेता
केंद्र सरकार हो या प्रदेश सरकार, जिस तरह से पेट्रोल डीजल में बढ़ोत्तरी की है वह न्यायोचित नहीं है। सीधा-सीधा आम उपभोक्ताओं पर करारा प्रहार है। क्योंकि चार से पांच रुपए प्रति लीटर पर दाम बढ़ाने से मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों पर खासा असर पड़ता है। इससे महिने भर का पूरा बजट ही गड़बड़ाना तय है। दोनों सरकारों के लिए इसमें सोचना चाहिए। इसके जगह वह चाहें तो पेट्रोल से हटाकर शराब पर टैक्स बढ़ाएं। जिससे आम उपभोक्ता इस तरह की दोहरी मार से बच जाएगा।
रवि दुबे- आम उपभोक्ता