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कवियों की रचनाओं ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

locationदमोहPublished: Mar 14, 2020 09:31:18 pm

Submitted by:

lamikant tiwari

मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन आयोजित

 Poets' compositions fascinated the audience

Poets’ compositions fascinated the audience

दमोह. पाठक मंच व मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन दमोह इकाई के संयुक्त तत्वाधान में जैन धर्मशाला के सभागार में अखिल भारतीय काव्य समागम तथा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमेें दोपहर में नगर के साहित्यकार, सामाजिक गणमान्य नागरिकों का दालबाटी सहभोज कार्यक्रम हुआ। तदुपरांत 3 बजे से स्थानीय कवि कवियत्रियों द्वारा हृदय स्पर्शी काव्य रचनाएं प्रस्तुत कर जमकर वाहवाही लूटी। गोष्ठी में मुख्य अतिथि व्यंग्यकार डॉ. आरएन चिले रहे। अध्यक्षता गफू र तायर ने की। इस दौरान रामकुमार तिवारी, श्रीनिवास द्विवेदी नीरव, अमर सिंह राजपूत, आभा भारती, गोविंद मिश्र, चन्द्र नेमा, डॉ. प्रेमलता नीलम, पुष्पा चिले, सदन नेमा, संजय चौरसिया, आरके अग्निहोत्री, कालूराम नेमा, रिया सेन, किशोर तिवारी, केशू, पीएस परिहार, ओजेन्द्र तिवारी, हेमन्त गोस्वामी, त्रिलोक राज, मानव बजाज, राम गोपाल विश्वकर्मा, रिषी उमंग, परषोत्तम रजक आदि ने काव्य पाठ कर समां बांधे रखा।
दूसरे चरण में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें अध्यक्षता संजय डबुलया ने की मुख्य अतिथि पूर्व नपाध्यक्ष मालती असाटी रहीं। सरस्वती वंदना उपरांत कालूराम नेमा ने बुंदेलखंडी संस्कृति के प्रतीक गडिय़ागुल्ला की मालाओं से स्वागत किया। कवि सम्मेलन के प्रारंभ में किशोर तिवारी केशू ने आयोजन के प्रयोजन पर सांकेतिक प्रकाश डालते हुए कहा वर्तमान में कवि सम्मेलनों की पूर्व परंपरा का पतन हुआ हैं। पुरानी साहित्यक परंपरा की मुख्य धारा में आने का उपक्रम है। देश के जाने माने गीतकार शिवकुमार अर्चन भोपाल ने गीतों को पढ़कर पुराने रस सरोवर में गोते लगवाए। प्रो.े दिनेश कुशवाहा रीवा ने नई कविता को सम्प्रेषण कौशल के माध्यम से सहज ग्राह्य बना दिया। सतीश आनंद कटनी ने छोटी गजलों की बड़ी मारक क्षमता का मान कराया। अशोक मिजाज बद्र सागर ने अपने चिरपरिचित अंदाज में गजल के नए तेबर और नए प्रयोग से श्रोताओं को अभिभूत किया। नंद किशोर शर्मा नरसिंहपुर ने बुन्देली हिन्दी की सम सामयिक रचनाऐं प्रस्तुत कीं। अपूवर्त चतुर्वेदी भोपाल ने राष्ट्र भक्ति तथा कपिल चौबे राघव रामकरण सागर ने प्रण्य गीत पढ़कर सबका मन मोह लिया। अर्ध रात्रि तक चले सम्मेलन में नरेन्द्र दुबे, प्रदीप नितिन अग्रवाल, राहुल गौतम, कपिल सोनी, सुधीर जैन, रूपचंद जैन, बंटू गांगरा, मनीष जैन, अदीब दमोही, ताहिर दमोही सहित बड़ी संख्या में काव्य रसिक उपस्थित रहे। संचालन रमेश तिवारी तथा आभार मानव बजाज किशोर तिवारी केशू ने माना।
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