दमोहPublished: May 22, 2020 04:37:09 pm
Sanket Shrivastava
छह-छह घंटे की अग्नि परीक्षा दे रहा स्वास्थ्य अमला
Examining sample wearing PPE kit all night
दमोह. जिला अस्पताल में कोरोना के संक्रमित मरीज भर्ती होने के बाद से स्वास्थ्य अधिकारियों कर्मचारियों की कोरोना के खिलाफ वास्तविक जिम्मेदारी निभाना सामने आ रहा है। कोरोना मरीज को जिन परिस्थितियों में अस्पताल के डॉक्टर, नर्स व बार्ड बॉय उपचार उपलब्ध करा रहे हैं यह वाकई काबिले तारीफ माना जाएगा। दरअसल इन्हें छह घंटे की भरपूर अग्निपरीक्षा देनी पड़ रही है।
मरीज की देखभाल के दौरान कर्मचारी व डॉक्टर पीपीई किट पहनते हैं। जिनमें फुल बॉडी कवर, एन९५ मास्क, चश्मा, केप, जूते का कवर शामिल है। इसको पहनने के बाद इस भीषण गर्मी में घंटों तक रहना आसान नहीं है।
इन दिनों का तापमान औसतन ४२ डिग्री के आसपास रहता है। वहीं पीपीई किट घंटों पहने रहने पर बॉडी का तापमान तीन से चार डिग्री और बढ़ जाता है। इस गर्मी में मरीज की देखभाल सहित खुद का बचाव किसी परीक्षा से कम नहीं है।इस संबंध में डॉ. दिवाकर पटैल ने बताया है कि पीपीई किट उतारने के बाद शरीर के सभी कपड़े पसीने से ऐसे तरबतर रहते हैं, मानों पानी में डूबकर खड़े हुए हों। जब तक किट पहने होते हैं तब तक प्यास लगे तो पानी पीकर प्यास भी नहीं बुझा पाते हैं।
इन परिस्थितियों में रहने के बाद ही खुद के संक्रमित होने से बचाव हो पाना संभव है। उन्होंने कहा कि फिलहाल कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल करने के लिए आवश्यक संसाधन हमारे पास उपलब्ध हैं।