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मन से भ्रांतियां निकाल दृढ़ संकल्पित होकर यूपीएससी की तैयारी करें, मिलेगी सफलता -कलेक्टर

locationदमोहPublished: May 18, 2019 11:56:29 pm

Submitted by:

lamikant tiwari

सिविल सर्विसेस की तैयारी कार्यशाला आयोजित

Prepare for UPSC to get rid of misconceptions in mind, get success Suc

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दमोह. स्थानीय मानस भवन में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने शनिवार शाम मानस भवन में सिविल सर्विसेस की तैयारी को लेकर युवाओं से रूबरू होते हुए कहा मुझसे कलेक्टर कार्यालय में तैयारी करने वाले युवा मिलने आते थे। इसलिए मैने निर्णय लिया कि यपीएससी की तैयारी विषय पर कार्यशाला रखी जाए। उन्होंने बताया कि परीक्षा 3 स्तर पर होती है। यूपीएससी परीक्षा पास होने के लिए टॉपर होना चाहिए यह भ्रांति है। उन्होंने कहा यूपीएससी का टापर बमुश्किल 60 प्रतिशत माक्र्स पाता है। उन्होंने कहा इस परीक्षा में तरह-तरह की भ्रांतिया होती हैं, उसे मन से निकाल दें। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि उनके साथी जो आईआईटी में टॉपर रहे हैं पर उनका चयन यूपीएससी में नहीं हुआ। यह भी भ्रांति निकाल दें कि टापर नहीं है तो आईएएस की तैयारी नही कर सकते। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत डॉ. गिरीश ने भी उपस्थित रहकर अपनी बातें विस्तार से रखते हुए युवाओं को मार्गदर्शन दिया।
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि दूसरी भ्रांति युवाओं में यह रहती है कि हम किसी बड़े शहर में रहकर परीक्षा की तैयारी करें। उन्होने कहा 20 साल पहले यह बात रही हो, लेकिन आज संचार क्रांति का समय है नेट की सुविधा है, किताबें ऑनलाईन हैं, उन्होंनेे कहा किसी कॉन्सेप्ट को जानना हो तो पहले पुस्तिकालय जाना पड़ता था। अब जानकारी नेट पर उपलब्ध है। आज का व्यक्ति को न्यूयार्क में जितनी जानकारी उपलब्ध है। वह गांव में भी उपलब्ध है। आज इंटरनेट पर अब एक विषय पर टाईप करें 50 जानकारियां मिल जाएंगी। उन्होंने कहा यह भ्रांति है कि यूपीएससी में चयन होना कठिन है उन्होंने कहा 4 लाख युवाओं में से एक हजार युवाओं का चयन होता है। आपके सामने वो लोग आएंगे जिनका चयन नहीं हुआ। वह यह नहीं बताएंगे कि वह सिनसेयर मेहनत नहीं कि। उन्होने कहा पढ़ाई और मेहनत दिशा के साथ हो ऐसे मुश्किल से 4-5 हजार होते हैं, जो सही रणनीति से तैयारी करते हैं। यहां कॉम्पटीशन 4-5 हजार लोगों में होता है। सिंह ने कहा दृढ़ निश्चय से तैयारी करें आपको सफलता आज नहीं तो कल निश्चित ही मिलेगी। उन्होंने कोचिंग के सबंध में कहा कि आईएएस की तैयारी के लिए कोचिंग मूलभूत आवश्यकता नहीं है। आज परीक्षा का सिलेबस देखें कुछ भी मुश्किल नहीं। आप सवालों के जबाव दे सकते हैं। जब समझना मुश्किल नहीं तो कोचिंग में 2 लाख क्यू खर्च करें। धारणा बन जाती है कोचिंग जा रहे हैं तो आईएएस बन जाएंगें। उन्होंने कहा यह बात जरूर है सिलेबस बड़ा है पर आसान है आपको बातें समझनी है। कोचिंग से दिशा मिल जाती है, क्या पढऩा है और क्या नहीं। उन्होंने कहा पूरा सिलेबस 2 बार पढ़ लें नोटिस बनाएं फिर कोचिंग जाएं जो मन में शंका हैं उसे क्लियर कर लें। कहा बिना पढे कोचिंग जा रहे हैं तो वह पैसे कि बर्बादी करना है यह भी साफ तौर पर कहा कि कोचिंग पर डिपेंड न हों। कलेक्टर ने कहा 15 घंटे की पढ़ाई की जरूरत नहीं है। आप नियमत रूप से ढेड़ से दो साल तक पढ़ाई करें आपकों 100 मीटर की दौड़ में नहीं मैराथन दौड़ में शामिल होना है। लगातार 500 दिन का कमिट दें और 7 घंटें पढें़ सफ लता मिलेगी।
लक्ष्य बनाएं-
कलेक्टर नीरज कुमार सिंंह ने कहा कि लक्ष्य को लेकर चलें। आईएएस की तैयारी कर रहे हैं तो सब इंस्पेक्टर बन ही जाऊंगा यह बड़ी भ्रांति है। इसे निकाल दें सिविल सर्विसेस और अन्य परीक्षओं में काफी अंतर होता है। लक्ष्य एक हो आईएएस की तैयारी ओर लक्ष्य मे दृढ़ ़संकलिपत रहें और बीच में सब्जेक्ट न बदलें। साथ ही अनुशासन आवश्यक है। उन्होने कहा मैने अपनी तैयारी के समय एक माह में 700 दिन का सिड्यूल बनाया था। उसके अनुरूप तैयारी की थी। उन्होंने टाईम मैनेजमेंट, बिल पॉवर पर विस्तार से रखते हुए दिनकर जी की कविता पर समाप्त करते हुये कहा कि ये पंक्तिया सच हंै विपत्ति मानव जोर लगाता है पत्थर पानी बन जाता है। उन्होंने कहा मुझे आशा है यहां बैठे छात्रों में मैने जोश भरा है। सफलता के लिए मोटिवेट किया है। इसके आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम भी मिलेंगे। इस अवसर पर यहॉ मौजूद छात्रों ने प्रश्न किए जिसका उन्होंने ओर सीईओ जिला पंचायत डॉ. गिरीश मिश्रा ने समाधान कारक जबाव दिए। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डॉ. आलोक सोनवलकर ने किया।
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