दमोह

तीसरी लाइन का कार्य पूर्ण होते ही स्थायी लॉक हो जाएंगे रेलवे फाटक

दमोह शहर के दो व ग्रामीण क्षेत्र के तीन रेलवे फाटक होंगे प्रभावित

दमोहJun 16, 2021 / 09:23 pm

Rajesh Kumar Pandey

Railway gates will be permanently locked

दमोह. बीना-कटनी रेल खंड पर तीसरी लाइन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यह कार्य 2023 में विद्युतीकरण के साथ पूर्ण हो जाएगा। इसके बाद इस रूट के सभी रेलवे फाटक हमेशा के लिए स्थायी बंद कर दिए जाएंगे। जिससे दमोह शहर के दो सड़क मार्ग व ग्रामीण क्षेत्र के तीन सड़क मार्ग प्रभावित होंगे।
तीसरी रेल लाइन का काम दमोह के नजदीक पहुंच गया है। रेलवे फाटक पूरी तरह से बंद होना तय है। तीसरी रेल लाइन नॉन स्टॉप गुड्स ट्रेक है। इस वजह से इस ट्रेक से सभी मालगाडिय़ों को बिना किसी विलंब के नान स्टॉप गुजरा जाएगा। बीन-कटनी रेल खंड पर दमोह जिले के रेलवे फाटकों की उपयोगिता के आधार भारतीय रेलवे द्वारा तकनीकी इंजीनियरिंग की स्वीकृति पर ओवर ब्रिज व अंडर ब्रिज बनाना अनिवार्य है। रेल फाटकों के पूरी तरह बंद होने से आमजनता का मार्ग अवरुद्ध हो जाएगा। तीसरी लाइन के कारण दमोह जिले के पांच रेलवे फाटक बंद किए जाने हैं। जिनमें गेट नंबर 58 तीन गुल्ली मलैया मिल, गेट नंबर 60 बड़ी देवी फुटेरा फाटक व गेट नंबर 70 बांदकपुर रेलवे फाटक शामिल है। बांदकपुर मार्ग पर आनू रेलवे फाटक व कुंडलपुर मार्ग पर करैया भदौली रेल फाटक शामिल है।
दो हजार बच्चों के साथ ग्रामीणों का आवागमन
गेट नंबर 58 तीन गुल्ली मलैया रेलवे फाटक पिछले 20 साल से स्वीकृत है। राज्य सरकार द्वारा अब अपनी वित्तीय व तकनीकी स्वीकृति प्रदान की है। रेलवे फाटक के उस पर शहर के वार्ड की 5 हजार की आबादी निवासरत है। स्कूल व कॉलेज होने से 2 हजार से अधिक विद्यार्थी आवागमन करते हैं। इसके साथ पथरिया ब्लॉक के सभी लोगों के शहर मुख्यालय तक आने का यही प्रमुख मार्ग है। मरीजों को लाने व प्रसव के दौरान आने वाली महिलाओं को गेट बंद होने के कारण लंबा इंतजार करना पड़ता है।
अर्थी को करना पड़ता है इंतजार
गेट नंबर 60 बड़ी देवी फुटेरा फाटक रेलवे गेट पर अंडर ब्रिज स्वीकृत है। दमोह नगर पालिका परिषद अपनी स्वीकृति देने में अड़ंगा लगाए हुए हैं। रेलवे फाटक की दूसरी ओर शहर का पुराना मुक्तिधाम है, जिस पर पुराने शहर के आधे वार्डों के मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाता है। जिससे अर्थी को लेकर शव यात्रा लेकर जाने वाले लोगों को भी फाटक खुलने का इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा हिंदुओं का प्रमुख आस्था स्थल बड़ी देवी मंदिर व मुस्लिम समाज की ईदगाह भी मौजूद हैं। जिससे यहां पर अंडर ब्रिज की आवश्यकता है, लेकिन स्वीकृति के बाद भी काम शुरू नहीं कराया जा रहा है।
जागेश्वरनाथ मंदिर मार्ग का रेल फाटक
बांदकपुर गेट नंबर 70 रेल फाटक जागेश्वरनाथ मंदिर जाने के प्रमुख मार्ग पर स्थित है। यहां भी ओवर ब्रिज स्वीकृत है, जो अभी राज्य सरकार की वित्तीय स्वीकृति के लिए फाइलों के ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। इसी फाटक से कटनी, जबलपुर सहित देश और प्रदेश के तीर्थ यात्री बांदकपुर पहुंचते हैं।
दो अहम रेलवे फाटक का जिक्र नहीं
दमोह से बांदकपुर जाने के लिए आनू रेल फाटक व कुंडलपुर जाने के लिए आमखेड़ा के बाद करैया भदौली का रेलवे फाटक है। 2023 में सभी रेल फाटक बंद किए जाने की गाइड लाइन से यह दो अहम रेल फाटक भी पूरी तरह बंद हो जाएंगे। जिससे दमोह से कुंडलपुर जाने वाले लोगों को आवागमन के लिए कोई दूसरा मार्ग नहीं है। यदि यह लोग बाया बांदकपुर गुंजी मार्ग से जाते हैं तो वहां आनू फाटक भी आड़े आ रहा है। इन दो रेलवे फाटकों को लेकर न ही रेल विभाग और न ही राज्य सरकार के पास कोई योजना है। जबकि यह धार्मिक क्षेत्र के आवागमन की दृष्टि से अहम रेलवे फाटक हैं।

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