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बारिश में इन पुल-पुलियों से जरा बचकर, खतरे में पड़ सकती है जान

locationदमोहPublished: Jul 14, 2018 11:23:14 am

Submitted by:

lamikant tiwari

पुलों पर नहीं लगी है रैलिंग, बैरियर का भी नहीं है

rain Dangerous Bridge bridges

rain Dangerous Bridge bridges

दमोह. बारिश शुरू होने के बाद जिले भर में पुल-पुलियों पर पानी उफान पर आने लगा है। ऐसे समय भी न तो कहीं रैलिंग का इंतजाम किया गया है, न ही कहीं बैरियर लगाए गए हैं। जिससे लोग अपने तरीके से उफनते नदी-नालों के बाद भी पुल-पुलियों से निकलने से नहीं मानते। ऐसे में अगर कहीं कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है तो आखिर इसकी जिम्मेवारी किसके ऊपर आएगी, यह तय करना कठिन है। हालांकि प्रशासनिक अधकारियों ने जल्द ही बैरियर लगाए जाने की बात कही है।

यहां खतरों से खेलते हैं राहगीर-
जिले के कई पुल व पुलिया ऐसे हैं जहां पर जरा सी बारिश में मार्ग बंद हो जाता है। घंटों तक उफनाते नालों से परेशानी होती है। मार्ग अवरुद्ध होने के साथ कुछ लोग जल्दबाजी के चक्कर में पुल से बहते पानी के बीच वाहनों को निकालते हुए खुद भी खतरा मोल लेकर पुल पार करने से नहीं चूकते।

यहां होती है परेशानी-
जिले के मडिय़ादो थानांतर्गत छतरपुर, पन्ना व दमोह को जोड़ऩे वाले अनेक पुल-पुलियां ऐसे हैं जहां पर रैलिंग तो छोडि़ए बैरियर तक का इंतजाम नहीं किया जाता। जिससे लोग रिक्स लेकर पुल-पुलियां पार करते देखे जाते हैं। मुख्य रूप से मडिय़ादो क्षेत्र के कंचन नाला, लुडय़ा लाना व दर्रा नाला सबसे अधिक खतरनाक साबित होते हैं।

तेंदूखेड़ा में भी यही हाल-
तेंदूखेड़ा क्षेत्र में भी पुल-पुलियोंं से निकलते समय लोग जान खतरे में डालने से नहीं चूकते। इस क्षेत्र में क्षेत्र का पठाघाट के पुल पर एक दिन पूर्व ही पानी होने के बाद भी लोग निकलते रहे थे। इसके अलावा अन्य पुल-पुलियोंं का भी यही हाल है। जहां पर न तो रैलिंग का इंतजाम किया गया है। न ही बारिश चालू होने के बाद बैरियर लगाए गए हैं। पांजी के पुल पर भी रैलिंग नहीं है। हालांकि इस मामले में एसडीएम ब्रजेंद्र रावत ने पुल-पुलियोंं पर पानी बहने के दौरान बैरियर लगाए जाने व पुलिस जवानों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

यहां भी यही स्थिति-
जिले के बटियागढ़, कुम्हारी, पटेरा, हिंडोरिया, पथरिया, नोहटा, जबेरा, बनवार व तेजगढ़ में भी यही आलम है। किसी भी पुल-पुलियोंं पर बारिश शुरू होने के बाद भी अभी तक बैरियर लगाने या पुलों पर रैलिंग लगाने का इंतजाम नहीं हो सका है। तेजगढ़ को जोडऩे वाली सड़क पर बने पुल पर पानी आने से करीब ४० गांव का संपर्क मुख्यालय से टूट जाता है। इस मामले में क्षेत्रीय विधायक ने कई बार अधिकारियों का ध्यानाकर्षण भी किया। लेकिन न तो पुल पर रैलिंग लगाई गई न ही उसकी ऊंचाई बढ़ाई गई। जिससे हर बार बारिश में लोगों को परेशानी होती है।

यहां मरते-मरते बचे थे यात्री –
दो दिन पूर्व ही गुरुवार को मडिय़ादो के कंचन जामुनखेड़ा नाला पर पानी आ गया था। जिसमें बाइक से पैदल पुल पारकरने का प्रयास कर रहे तीन लोग बह गए थे। लेकिन सभी सुरक्षित बचा लिए गए थे। अगर यहां पर रैलिंग होती और बैरियर लगे होते तो यह हादसा भी बच जाता। लेकिन किसी का ध्यानाकर्षण अभी तक नहीं हो सका है।

सभी जगह एसडीएम को निर्देशित करता हूं-
जिन क्षेत्रों में भी पुल-पुलियोंं पर पानी आने की संभावना रहती है। वहां बैरियर लगाने के लिए सभी एसडीएम को निर्देश देकर इंतजाम कराने कहा है। वह अपने-अपने क्षेत्रों में बैरियर बगैरह का इंतजाम कराते हुए पुलिस व्यवस्था कराएंगे।
आनंद कोपरिहा-एडीएम दमोह

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