तहसील मुख्यालय पर गिरे पानी तभी होती है बारिश दर्ज
दमोहPublished: Jun 12, 2021 12:17:54 pm
मुख्यालय से बाहर मूसलाधार बारिश होने पर नहीं होता है रिकार्ड
Rain falls only when water falls on Tehsil headquarters
दमोह. बारिश के दिनों में वर्षा मापी यंत्र दमोह जिले के प्रत्येक तहसील कार्यालय में लगे हुए हैं। इन यंत्रों में जितना पानी एकत्रित होता है। उतनी ही बारिश रिकार्ड होती है। यदि तहसील मुख्यालय से दो तीन किमी दूर मूसलाधार बारिश हो जाए और मुख्यालय पर बूंदाबांदी हो तो केवल बारिश ट्रेस ही होती है।
बारिश नापने के पुराने तरीके से अभी तक बारिश का सही रिकार्ड सामने नहीं आ पाता है। दमोह जिले में गुरुवार की रात से लेकर शुक्रवार की शाम तक कई जगह खंड बारिश हो रही है। जिसमें कहीं तेज और कहीं मध्यम बारिश है। बटियागढ़ ब्लॉक के कई ग्रामीण क्षेत्रों में पानी गिरा है, लेकिन बटियागढ़ तहसील मुख्यालय पर शुक्रवार को जीरो बारिश दर्ज हुई है। वहीं दमोह ब्लॉक व हटा ब्लॉक के कई ग्रामीण क्षेत्रों में तेज बारिश हुई है, लेकिन दोनों जगह 1 मिमी बारिश ही रिकार्ड हो पाई है। इसी तरह तेंदूखेड़ा में 12.४ मिमी दर्ज की गई है। वहीं जबेरा में 7 मिमी, पथरिया में 6 मिमी, पटेरा में 4 मिमी बारिश दर्ज हुई है। तेंदूखेड़ा जबेरा ब्लॉक के अनेक ग्रामीण अंचलों में तेज बारिश हो रही है। जबलपुर से लगे गुबरा सिंग्रामपुर, सिहोरा से लगे सिंगपुर व रहली से लगे तारादेही क्षेत्र में कई चक्रों में तेज बारिश हुई है, लेकिन इन स्थानों पर वर्षा मापने की कोई व्यवस्था न होने के कारण बारिश के सही आंकड़े अब तक उपलब्ध नहीं हो पाते हैं।
वर्षा मापने का पुराना रेनगेज का तरीका
दमोह जिले की तहसीलों में रेनगेज के सहारे वर्षा मापने का काम किया जा रहा है। दमोह तहसील में यह काम आरआइ द्वारा किया जा रहा है। शेष जगह आरआइ स्वयं न वर्षा मापकर अपने कार्यालयों के भृत्यों को बारिश रिकार्ड करने का जिम्मा सौंपा है।
रेनगेज क्षतिग्रस्त होने से परखनली का सहारा
रेनगेज बारिश मापने का सही तरीका नहीं है, यह पुराना तरीका है, जिसमें आंधी तूफान के कारण रेनगेज क्षतिग्रस्त हो जाता है, जिससे परखनली का सहारा लिया जाता है, जिससे बारिश का माप सही नहीं आता है। वहीं यह रेनगेज जहां लगा होता है उसी के ईद-गिर्द का तरीका बताता है, शेष जगह की जानकारी नहीं दे पाता है।