scriptदमोह सांसद प्रहलाद पटैल का कमाल, बनवाया टीनशेड बताया सामुदायिक भवन… | Reality of Parliament MP Model Village: Incomplete Work, Shopkeeper | Patrika News

दमोह सांसद प्रहलाद पटैल का कमाल, बनवाया टीनशेड बताया सामुदायिक भवन…

locationदमोहPublished: Feb 05, 2019 01:14:36 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

सांसद आदर्श ग्राम की हकीकत : अधूरे पड़े कार्य, दुकानदार पक्की दुकानों से टपरों में

Reality of Parliament MP Model Village: Incomplete Work, Shopkeeper

Reality of Parliament MP Model Village: Incomplete Work, Shopkeeper

दमोह. सांसद आदर्श ग्राम बांदकपुर को भले ही सांसद प्रहलाद सिंह पटैल ने लोकसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं से वोटिंग कराने के बाद गोद लिया हो, लेकिन उस हिसाब से बांदकपुर का आदर्श विकास इन पांच सालों में नहीं हो पाया। सांसद ने पांच साल में ५.54 लाख रुपए खर्च कर दिए। इसके बावजूद आधे-अधूरे कार्य अस्वच्छता का बोलबाला है। जो दुकानदार पक्की दुकानों में थे अब वे टपरों में अपना व्यवसाय करने विवश हो गए हैं। बांदकपुर देश में ख्याति प्राप्त शिवलिंग जागेश्वरनाथ की नगरी है। यहां रोजाना भक्त आते हैं। बांदकपुर ग्राम पंचायत में कुल 20 वार्ड हैं, लेकिन सांसद ने अपना पूरा फोकस मंदिर परिसर वाले वार्ड एक पर ही किया। कुछ कार्य इसी वार्ड से लगे वार्ड दो में भी दिखाई दिए हैं, लेकिन 18 वार्ड सांसद के विकास से अछूते नजर आ रहे हैं।
चौपरा के चक्कर में बाजार अस्त-व्यस्त
चौपरा करीब 200 साल पुराना है। इस कलात्मक चौपरे का कायाकल्प करने के चक्कर में दुकानदारों को हटाया गया, लेकिन उनके लिए व्यवस्थित इंतजाम न होने से पक्की दुकानें टूटीं तो पूरा बांदकपुर का बाजार टीन शेड में आ गया। इस चौपरा में फाउंटेन लगाया जाना था। तीर्थ यात्रियों के लिए बैठने का इंतजाम होना था, लेकिन कार्य अधूरे पड़े होने से गेट पर ताला लटका हुआ है। यह विकास तीर्थ यात्रियों की नजरों से ओझल हो गया है।
टीन शेड को बताया सामुदायिक भवन
बस स्टैंड के पास दो हिस्सों में करीब 40 लाख रुपए से लंबा टीन शेड नजर आ रहा है, जिसमें सामुदायिक भवन का बोर्ड लगा है। यह सामुदायिक भवन पूरा खुला हुआ है। इसमें कमरों की व्यवस्था न होकर टीन शेड को ही सामुदायिक भवन बताया गया है।
टीन शेड को मंदिर ने किया कवर्ड
करीब 38 लाख की लागत से दूसरे हिस्से में टीन शेड बनवाया गया है। इस टीन शेड को मंदिर कमेटी ने जालियां व चैनल गेट लगाकर कवर्ड कर लिया है और उसमें ताला डाल दिया गया है। अब जिसे जरूरत है, उसे मंदिर कमेटी से 2100 रुपए की रसीद कटवाने के बाद ही उपलब्ध हो रहा है।
एक हिस्सा पूरा, एक अधूरा
मंदिर के पीछे नाला के एक हिस्से को कवर्ड किया गया है। दूसरा हिस्सा अधूरा पड़ा है। जिसके कारण मिट्टी का छरण होने के कारण किनारे की दुकानें धंस रही हैं। लोग आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि यदि बारिश में एक तेज धार निकली तो नाले की किनारे दुकानें भी बह जाएंगी।
गौ-शाला के लिए एक धेला भी नहीं
मंदिर कमेटी की गौ-शाला संचालित है। गोवर्धन पर्वत पर दो करोड़ रुपए से गौ-अभयारण्य की घोषणा की थी, लेकिन इसे जरारूधाम में परिवर्तित कर दिया गया है। अब गौवर्धन पर्वत पर ग्राम के जागरूक युवा ही गौ-शाला खुलवाने के लिए प्रयासरत हैं और श्रमदान कर रहे हैं।
शेड और सामुदायिक भवन में घालमेल
जागरूक युवा शंकर गौतम ने आरोप लगाया कि शेड और सामुदायिक भवन में राशि का घालमेल किया गया है। एक-एक दोनों तरफ टीन शेडों को का चार हिस्सों में निर्माण किया है जिसमें 80 लाख खर्च होना बताया गया है, लेकिन कार्य देखकर आधी से कम राशि खर्च हुई है। पार्क में स्ट्रीट लाइटें जितनी लगनी चाहिए थी उतनी नहीं लगाई गई हैं।
दुकानदारों को किया दरबदर
पदम कुमार जैन कहते हैं कि चौपरा एक ऐसा स्थल था जहां अत्याधुनिक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बन सकता था और चौपरा में फव्वारा लगने से खूबसूरती देखते बनती। केवल दीवार खड़ी कर गेट में ऐसी जगह रखा गया है, जहां से तीर्थ यात्रियों का आना-जाना नहीं है। इसके चक्कर में जो दुकानदार पहले पक्की दुकानों में व्यवसाय करते थे, अब वे टीन शेडों में अपना व्यवसाय करने विवश हो रहे हैं।
बदबू से निकलती है जान
हल्ले भाई का कहना है कि बांदकपुर में कुछ विकास नहीं हुआ है। मंदिर के पीछे कचरा फैला होने के कारण गंदगी का साम्राज्य है। हर तरफ से दुर्गंध उठती है। नाक भी फटती है। इस स्थिति के कारण देशभर से आने वाले तीर्थ यात्री कहते जाते हैं कि सबसे गंदा तीर्थ बांदकपुर है, जहां किसी भी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। जबकि मंदिर ट्रस्ट कमेटी करोड़ों की आमदानी वाली ट्रस्ट है। सांसद से अपेक्षा थी, उन्होंने भी कुछ नहीं कराया।
महिला सशक्तिकरण के कोई प्रयास नहीं
बांदकपुर की सरपंच अभिलाषा राधे यादव कहती हैं कि महिला सशक्तिकरण के लिए किसी भी प्रकार की कार्ययोजना अमल में नहीं लाई गई है। हेल्थ कार्ड की बात की गई थी, लेकिन वह भी नहीं बन पाए हैं। सांसद ने ग्राम में पेयजल योजना की बात कही है, लेकिन इस पर अभी कार्य शुरू नहीं हुआ है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो