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शर्मनाक : शव वाहन तक नहीं हुआ नसीब, खाट पर शव लेटाकर घर ले गए परिजन

locationदमोहPublished: Jun 01, 2023 03:58:42 pm

Submitted by:

Faiz

– मध्य प्रदेश में खाट पर सिस्टम!- मरने के बाद युवक को नहीं मिला शव वाहन- खाट पर शव रखकर घर ले गए परिजन- कई बार फोन किया, पर नगर परिषद ने नहीं भेजा वाहन

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शर्मनाक : शव वाहन तक नहीं हुआ नसीब, खाट पर शव लेटाकर घर ले गए परिजन

जिम्मेदारों द्वारा किए जाने वाले तमाम दावों के बावजूद मध्य प्रदेश में स्वास्थ व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत बेहद निंदनीय है। प्रदेश में आए दिन मानवता को शर्मसार करती हुई तस्वीरें इसकी गवाह बनती रहती हैं। इसी कड़ी में सूबे के दमोह जिले से भी एक शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां एक युवक की मौत के बाद उसे घर लेजाने के लिए शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ। मजबूरन शोकाकुल परिजन को शव खाट पर लेटाकर घर ले जाना पड़ा।

वैसे तो शासन-प्रशासन की ओर से मध्य प्रदेश में स्वास्थ व्यवस्थाओं को लेकर तमाम दावे किये जाते हैं। सरकार की ओर से व्यवस्थाओं पर करोड़ों रुपए भी खर्च होते हैं, लेकिन फिर भी अकसर देखा जा रहा है कि, जरूरत के दौरान जरुरमंद और खासकर गरीब को स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पाता। ऐसा ही एक मामला बसपा विधायक रामबाई के क्षेत्र पथरिया थाना इलाके के वार्ड क्रमांक 14 में सामने आया है।

 

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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

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यहां मृतक के पोस्टमार्टम के बाद परिजन को शव घर तक ले जाने के लिए शव वाहन तक नही मिल सका। मजबूरन घर के सदस्यों को शव चारपाई पर ले जाना पड़ा। इस घटनाक्रम का एक वीडियो भी सामने आया है, जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये दृष्य जिस किसी ने भी देखा, वो इलाके की स्वास्थ व्यवस्था को कोसता नजर आया।


परिवार तो छोड़िए, पार्षद की भी नहीं सुनी- परिजन

आपको बता दें कि, पथरिया के वार्ड नंबर 14 में रहने वाले 33 वर्षीय राजेश पिता नारायण अहिरवार की ट्रेन से टकराकर मौत हो गई थी। घटना के बाद परिजन शव को पोस्टमार्टम हाउस से निजी वाहन में ले जाने के असमर्थ थे। ऐसे में कई बार घर के सदस्यों ने नगर परिषद फोन करते हुए शव वाहन देने का आग्रह किया। लेकिन, उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यही नहीं, परिजन ने वार्ड पार्षद हर प्रसाद अहिरवार के समक्ष भी बात रखी तो उन्होंने भी तत्काल नगर परिषद कार्यालय फोन लगाकर शव वाहन मुहैय्या कराने की मांग की, लेकिन फिर भी वाहन उपलब्ध नहीं हो सका। इसके बाद मजबूरन घर वालों को शव चारपाई के सहारे घर ले जाना पड़ा।

 

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आर्थिक कमजोर है मृतक का परिवार

मृतक के परिजन अनिल अहिरवार ने बताया कि, घर के लोगों ने लगभग सभी जिम्मेदारों के दर पर दस्तक दी, लेकिन किसी ने भी उनकी कोई आर्थिक सहायता नहीं की। मृतक के छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिसमें एक करीब 8 साल का बेटा और 10 साल की बेटी है। बच्चों की परवरिश के लिए परिवार की आर्थिक स्थित कमजोर है। परिवार शव घर तक लाने के लिए भी सक्षम नहीं था।

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