अस्थायी चौपाटी से हटाए दुकानदारों को स्थायी चौपाटी में नहीं मिली जगह
दमोहPublished: Sep 12, 2021 10:16:45 pm
स्थायी चौपाटी पर 24 प्रभावशालियों ने हथिया ली थी जगह
Removed shopkeepers did not get a place in the permanent Chowpatty
दमोह. शहर की मुख्य सड़कों पर चाट-चौपाटी की दुकानें सालों से लग रही थीं, शहर में इन दुकानदारों के लिए चौपाटी का निर्माण किया। लेकिन वास्तविक चौपाटी लगाने वाले दुकानदारों को जगह आवंटित न करते हुए अपात्रों के नाम दुकानें कर दी गईं। जब कीर्ति स्तंभ से अस्थायी चौपाटी हटाई तो यहां केवल 5 दुकानदारों के नाम जगह आरक्षित थी, शेष दुकानदारों के सामने जगह का संकट खड़ा हो गया था, जिससे स्थायी चौपाटी पर अब तक दुकानें शुरू नहीं हो पाई हैं।
कीर्ति स्तंभ सड़क किनारे अस्थायी चौपाटी पर 25 से अधिक दुकानें शाम को लगती हैं, जिसमें चाट व चाइनीज फूड की दुकानें शामिल हैं। इन दुकानदारों को नगर पालिका परिषद के अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने हटा दिया था। क्योंकि इन दुकानदारों के लिए लाखों रुपए की लागत से बनाई गई चौपाटी खाली पड़ी थी। हटाए गए दुकानदारों में से केवल 5 दुकानदारों के नाम ही स्थायी चौपाटी में जगह आरक्षित थी।
लघु व्यापारी संघ अब कीर्ति स्तंभ मुख्य सड़क किनारे हटाए गए चौपाटी के दुकानदारों को उनका हक दिलाने के लिए आगे आ गया है। जिसने पड़ताल की तो पता चला की नगर पालिका परिषद द्वारा बनाई गई चौपाटी में 29 चाट व चाइनीज फूड के लिए दुकानें बनाई गईं थीं। इन दुकानों का आवंटन शहर में मुख्य सड़कों के किनारे चाट-चौपाटी की दुकान चलाने वाले दुकानदारों को जगह आरक्षित कराई जानी थी, लेकिन जो वास्तविक दुकानदार थे उनमें से 5 को ही यहां जगह मिल पाई थी। शेष प्रभावशालियों जिनका चाट चौपाटी से कोई वास्ता नहीं था, उन्होंने 24 दुकानें हथिया ली थी। अब अस्थायी चौपाटी हटाई गई तो इन दुकानदारों के लिए स्थायी चौपाटी में जगह नहीं मिल पा रही थी। जिससे अतिक्रमण हटाए जाने के बाद स्थायी चौपाटी में अब तक दुकानें शुरू नहीं हो पाई है।
लघु व्यापारी संघ के बैनर तले जिन दुकानदारों को जगह नहीं मिली है, वह अस्थायी जगह सड़क किनारे ही दुकान लगाने की बात कह रहे हैं। क्योंकि चौपाटी के अंदर जिन लोगों ने दुकानें कब्जे में कर ली है, अब वह इन दुकानदारों से 5 हजार से 10 हजार रुपए मासिक किराया मांग रहे हैं। जबकि नगर पालिका परिषद द्वारा महज 5 हजार रुपए में जगह आरक्षित कराई थी।
लघु व्यापारी संघ के अध्यक्ष तन्नू पाराशर का कहना है कि एक दुकानदार सौरभ अग्रवाल के पिता को दुकान हटाए जाने के कारण हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई। कारण यह था कि उनके परिवार का उदर-पोषण चौपाटी में चलने वाली दुकान से ही होता था, अब जबसे अतिक्रमण हटाया गया है तो इन दुकानदारों को प्रतिदिन नुकसान उठाना पड़ रहा है।
100 से अधिक दुकानदार जगह 29 की
दमोह शहर में नगर पालिका परिषद द्वारा जो चौपाटी बनाई गई है। उसमें कीर्ति स्तंभ वाला अस्थायी स्पाट काफी प्रचलित हो रहा था जहां शाम 4 बजे से देर रात तक चाट व चाइनीज के 25 से अधिक ठेले लगते हैं। इसके अलावा शहर के बाजार की मुख्य सड़कों के किनारे लगने वाले ठेले अलग हैं। इस तरह पूरे शहर में मिलाकर 100 से अधिक दुकानदार हैं। जबकि चौपाटी में केवल 29 दुकानदारों के लिए जगह आरक्षित है। जिससे केवल कीॢत स्तंभ के चौपाटी वाले दुकानदारों के लिए ही जगह मिल सकती है, शेष शहर की सड़कों पर लगने वाले हाथ ठेलों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है।