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नपा में आऊट सोर्सिंग कर्मचारियों के नाम पर हर माह हो रहा लाखों का खेल

locationदमोहPublished: Feb 25, 2020 05:50:10 pm

Submitted by:

pushpendra tiwari

पर्याप्त मूल कर्मचारी होने के बाद भी शाखाओं में काम कर रहीं प्राइवेट एजेंसियां

नपा में आऊट सोर्सिंग कर्मचारियों के नाम पर हर माह हो रहा लाखों का खेल

नगरपालिका

दमोह. नगरपालिका की विभिन्न योजनाओं के प्रभारी अपनी अपनी शाखा में आऊट सोर्स कर्मचारियों के नाम पर लाखो रुपए का हर महीने खेल कर रहे हैं। प्रभारियों ने प्राइवेट कर्मचारियों को आवश्यकता के नाम पर दर्ज कर रखा है और मासिक वेतन जारी कराई जा रही है। खासबात यह है कि पर्याप्त मूल कर्मचारियों की मौजूदगी होने के बाद भी बाहर के लोगों को नाम के लिए काम पर रखा गया है।
सबसे अधिक धांधली राजनगर परियोजना व मुख्यमंत्री पेयजल योजना में देखी जा सकती है। इसके अलावा विभागीय कामकाज के लिए तीन दर्जन से अधिक कम्प्यूटर ऑपरेटर्स विभिन्न स्थानों पर लगाए गए हैं। इनमें कुछ ऑपरेटर्स को मुख्य नगरपालिका में काम करते देखा जा सकता है। लेकिन अधिकांश कहां सेवाएं दे रहे हैं, यह तलाश कर पाना कठिन है।
इनके विषय मे पतासाजी करने पर मौके पर कर्मचारी नहीं मिले।
सूत्र बताते हैं कि बहुत से ऐसे आऊट सोर्स कर्मचारी हैं जिनके नाम पर वेतन जारी होती है और यह विशेष मौकों पर ही नजर आते हैं।
पेयजल योजना में यह स्थिति
शहर की जलापूर्ति के लिए के लिए बनी राजनगर परियोजना और शहर की जल सप्लाई के लिए संचालित मुख्यमंत्री पयेजल योजना में आऊट सोर्स से 10 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। यह कर्मचारी कहां कौन सी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, इसकी जानकारी खुद नगरपालिका कार्यालय अधीक्षक को भी नहीं है। अधीक्षक का कहना है कि इसकी जानकारी योजना प्रभारी मेघ तिवारी के पास ही होती है। वहीं कार्यालय के अकाउंट विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राजनगर योजना में 06 और पयेजल योजना में 04 कर्मचारी नियुक्त हैं जिनका सवा लाख से अधिक मासिक वेतन जारी होता है।
तीन दर्जन से अधिक ऑपरेटर्स
नगरपालिका कार्यालय सहित अन्य जगहों पर 37 ऑपरेटर्स काम करना बताए गए हैं। यह सभी आऊट सोर्स कर्मचारी हैं। इस संबंध में अकाउंट शाखा की जानकारी के मुताबिक तकरीबन 05 लाख रुपए का मासिक वेतन इन कर्मचारियों के नाम से जारी हो रहा है।
इसके अलावा नगरपालिका की नई बिल्डिंग में चौकीदारी के लिए 03 चौकीदार भी नियुक्त किए गए हैं। जिनकी लगभग 40 हजार मासिक वेतन जारी हो रही है।
इस तरह दे रहे कारनामे को अंजाम
सरकारी कर्मचारी खुद को इस मामले में साफ सुथरा रखने के लिए प्राइवेट कंपनी से कर्मचारी हायर करते हैं। इसके लिए वह कंपनी अधिकृत है जिसकी दरें नगरपालिक में मंजूर रहतीं हैं। पड़ताल करने पर उजागर हुआ है कि आऊट सोर्स कर्मचकरियों को एवर ब्राइट एजेंसी व दाउद सौदागर नामक एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं।
एवर ब्राइट कंपनी का संचालन किसी अयान नामक व्यक्ति कर रहा है, जो राजस्व शाखा में है। वहीं पयेजल योजना में दाउद सौदागर एजेंसी जल शाखा में पदस्थ कर्मचारी कलीम खान के मार्गदर्शन में काम कर रही है।
मूल कर्मचारी फिर भी यह स्थिति
नगरपालिका में रेगुलर, संविदा व मस्टर कर्मचारी मिलाकर तकरीबन 250 से अधिक कर्मचारी नियुक्त हैं। इसके बाद भी आधा दर्जन से अधिक आऊट सोर्सिंग के कर्मचारियों को लगाया गया है। नपा की ऐसी कोई शाखा नहीं जहां पर कुशल कर्मचारियों का अभाव हो फिर भी कुशलता का अभाव बताकर कर्मचारी लगाए गए हैं।
परिषद की स्वीकृति
कर्मचारियों के नाम पर यह खेल पिछले कुछ सालों से चल रहा है। इसमें मुख्य भूमिका परिषद के पदाधिकारियों और शाखा प्रभारियों की रहती है। प्रभारी द्वारा मिलीभगत से परिषद की अनुमति ली जाती है और परिषद अध्यक्ष के आदेश के चलते नगरपालिका अधिकारी को कर्मचारी लगाने मजबूरन अनुमति देनी पड़ती है। जो एजेंसी वर्तमान में काम कर रहीं हैं, इन्हें परिषद से अनुमति प्राप्त है। यह अनुमति अध्यक्ष द्वारा दी गई है।
वर्जन
कर्मचारी विभिन्न शाखाओं में पदस्थ हैं। कर्मचारी निजी एजेंसी के हैं, इन्हें कार्य करने की अनुमति परिषद द्वारा दी गई है, स्वीकृति होने की वजह से ही वेतन जारी होता है। करीब आधा सैकड़ा कर्मचारी दो एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं।
अनिल गुप्ता, लेखाधिकारी
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