भोपाल से डीसीएम पद से हटाया, दमोह में कार्रवाई फिर अटकी
दमोहPublished: May 19, 2023 07:31:42 pm
ऋषि कुमार अहिरवार उर्फ ऋषि राज से आरकेएसके का प्रभार लेकर दूसरे को दिया, विवेचना जारी
भोपाल से डीसीएम पद से हटाया, दमोह में कार्रवाई फिर अटकी
दमोह. आरकेएसके में काउंसलर पद की नियुक्ति को लेकर हुई गड़बड़ी और पूर्व काउंसलर्स द्वारा लगाए गए आरोपों के मामलों में चर्चाओं में आए आरकेएसके के डीसीएम ऋषि राज उर्फ ऋषिकुमार अहिरवार को मिशन संचालक प्रियंका दास ने डीसीएम पद से अलग कर दिया है। उनकी जगह दूसरे को प्रभार दिया गया है।
इधर, दमोह में उनके विरुद्ध चल रही जांच फिर ठंडे बस्ते में हैं। दूसरे पक्ष के बयानों में देरी की जा रही हैं। जिसके बाद ही कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। हालांकि, यह तय है कि डीसीएम के पद से हटने के बाद अब जांच में स्पष्टता देखने मिल सकती है। बता दें कि मामले को लेकर पत्रिका द्वारा लगातार खबरें प्रकाशित की जा रही हैं।
– मिशन संचालक ने कराई थी जांच
पत्रिका द्वारा मामले को उठाए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ. प्रियंका दास ने एक सप्ताह पूर्व एक जांच कमेटी प्रकरण की जांच के लिए दमोह भेजी गई थी। जिसमें डॉ. उपेंद्र थोटे सहित शामिल थे। टीम ने पूरे दिन अलग-अलग बिंदुओं पर जांच करते हुए एक रिपोर्ट मिशन संचालक को सब्मिट की गई थी। जिसकी स्टडी के बाद यह बदलाव माना जा रहा है। हालांकि, जारी हुए पत्र में इसका उल्लेख नहीं है। आदेश में बताया गया कि पूर्व में अधिकारियों के आदेशों का संशोधन करते हुए प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से ऋषिकुमार अहिरवार डीसीएम को वर्तमान प्रभार से हटाकर उनकी जगह ओमप्रकाश पटेल सीपीएचसी सलाहकार को डीसीएम का प्रभार दिया जाता है। भोपाल स्तर पर हुई जांच और तत्काल कार्रवाई से स्पष्ट है कि दमोह में इसे कार्रवाई को लेकर हो रही ढीलाशाही से मिशन के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही अन्य स्टाफ का कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
– दमोह में दो महीने से पूरी नहीं हो पाई जांच
दमोह, तेंदूखेड़ा और हटा काउंसलर ने इस्तीफा सौंपे थे। जिसमें तेंदूखेड़ा की काउंसलर ने डीसीएम पर गंभीर आरोप लगाए थे। जबकि दमोह की काउंसलर वित्तीय आरोप एनजीओ पर लगाए थे। इस मामलों को सीएमएचओ डॉ. संगीता त्रिवेदी ने संज्ञान में लिया था और २३ मार्च को ही जांच के आदेश कर दिए थे, लेकिन २ महीने होने को है, जांच पूरी नहीं हो सकी है। पत्रिका द्वारा मामले को उठाने के बाद दबी हुई जांच बीते दिनों वापस निकल सकी। अब भी इसकी फाइनल रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत नहीं की जा सकी है। इस मामले में भी तत्कालीन डीसीएम ऋषि के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है। वहीं एनजीओ ग्राम भारती महिला मंडल को भी तलब किया जा सकता है।