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बारिश से क्षतिग्रस्त हुईं सड़कों को सुधार की दरकार

locationदमोहPublished: Sep 30, 2019 08:33:21 pm

Submitted by:

rakesh Palandi

बारिश में कहीं बह गई पुलिया तो कहीं कच्ची सड़कों में बन गईं खाइयों ने आवागमन प्रभावित किया

Roads damaged due to rain need improvement

इमलिया गांव का पहुंच मार्ग

मडिय़ादो. जनपद पंचायत हटा अंतर्गत लगभग एक दर्जन से अधिक गांवों में आजादी के बाद से अब तक आवागमन आसान नहीं हो पाया है। ऐसा नहीं कि सरकार द्वारा उक्त गांवों में पहुंच मार्ग आसान करने पैसा खर्च नहीं किया हो। लेकिन पैसा निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी और जिम्मेदारों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के कारण पैसा की बर्बादी साफ दिखाई देती है। परिणाम स्वरूप ग्रामीणों को आवागमन करने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी बारिश के मौसम में होती है जब कहीं आने जाने में पैदल चलने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता।
ढह गई पुलियां
ग्राम पंचायत शिवपुर में लुडय़ा टोला के वाशिंदों को आने जाने सहुलियत हो इसके लिए एक कुडिय़ा नाला में पुलिया निर्माण की गई थी। लेकिन पुलिया बारिश में ढह गई। इसके बाद किसी ने पुलिया का सुधार नहीं कराया। परिणाम स्वरूप बारिश में यहा के लगभग एक सैकड़ा परिवार के लोग परेशान होते हैं।
यहां भी काम नहीं आया मार्ग
ग्राम पंचायत बर्धा के इमलिया गांव में ग्रामीणों के आवागमन करने लाखों रुपए खर्च करने के बाद मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण हुआ था। यहां भी बारिश में पुलिया ढह गई। जिसके चलते आवागमन परेशानी का कारण बन रहा है। इसी मार्ग पर बर्धा के नाला पर पुल निर्माण हुआ था जिस पर भी मिट्टी डाल कर छोड़ दिया जो बारिश में परेशानी पैदा कर रहा है।
यहां भी टूट गई पुलिया
घोघरा ग्राम पंचायत के कारीबरा पहुंच मार्ग के बीच ढेड़पानी नाला पर बना रिपटा सालों से क्षतिग्रस्त है। यहां बारिश के दिनों में आवागमन करना बहुत परेशानी भरा होता है। यहां विधानसभा चुनाव के पहले कच्चा मार्ग निर्माण हुआ था। लेकिन पुलिया का काम नहीं कराया गया जो अब बारिश के बाद और भी बदतर स्थिति में पहुंच चुकी है।
यहां भी परेसानी भरा सफर
तहसील के खड़पुरा, बनौली, सूरजपुरा, पाटन, झोदा, इमलिया, स्यामरङ्क्षसघी, जुनेरी गांवों के लोग बारिश के कारण दलदल में तब्दील हुई सड़कों से आवागमन करने में परेशान हो रहे हैं। दर्जनों गांवों के हजारोंं लोगों को सड़क सुख प्राप्त नहीं हुआ है। यहां के लोग सबसे ज्यादा असहाय बारिश के मौसम में उस वक्त हो जाते हंै। जब किसी के बीमार होने पर अस्पताल पहुंचना हो और बारिश की दलदल के कारण वाहन गांव तक नहीं पहुंच सके उस वक्त गा्रमीणों को चारपाई के सहारे गांव से पांच से आठ किमी तक चलकर मुख्यमार्ग पर वाहन पकड़ते हैं।

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