एक अनार सौ बीमार
बटियागढ़. बटियागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गुरुवार को सुबह 11 बजे जब पत्रिका ने जायजा लिया तो वह कहावत मानस पटल पर आ गई, जिसमें एक अनार सौ बीमार। यहां एक डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद थे, जिससे लंबी कतारें लगी हुई थीं। मौसम के बदलते रुख की वजह से ग्रामीणों में सर्दी, खांसी के साथ तेज मौसमी बुखार बढ़ रहा था। सुबह से आए मरीज परषोत्तम पटेल, रज्जाव खान, ऊषा बाई ने बताया कि हममें से किसी न किसी को तेज बुखार, सर्दी,खांसी, जुकाम सहित छोटी बड़ी बीमारी हैं। सुबह से अस्पताल इलाज कराने आए हैं, हमसे पहले भी लंबी लाइन लगी थी। जब तक डॉक्टर बैठेंगे, तब तक इलाज संभव है, यदि उनका ड्यूटी का वक्त समाप्त हो जाएग तो फिर निजी क्लीनिक या बटियागढ़ में झोलाछाप के इलाज कराने विवश होना पड़ेगा। इन ग्रामीणों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कम से कम एक डॉक्टर मिल जाता है, लेकिन उनके गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र पर एक भी डॉक्टर नहीं हैं, नर्स और वार्ड बॉय से गोली लेते हैं, ठीक नहीं होने पर ब्लॉक या जिला स्तर पर ही इलाज के लिए जाना पड़ता है। ब्लॉक मेडिकल ऑफीसर आरआर बागरी का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 डॉक्टर के पद रिक्त पड़े हैं। डॉक्टरों की कमी के कारण सभी मरीजों को इलाज उपलब्ध नहीं करा पाते हैं।
तीन महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण
बम्होरीमाला. गांव में स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र का जायजा गुरुवार की दोपहर 2 बजे जायजा लिया तो यहां की एएनएम आंगनबाड़ी केंद्र में महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही थीं। इसके बाद हल्लीबाई के घर हाल ही में जन्में शिशु का स्वास्थ्य परीक्षण करने पहुंची। इसके बाद वापस स्वास्थ्य केंद्र आईं तो बुखार से पीडि़त तीन महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया और उन्हें दवाईंयां वितरित की गईं।
बटियागढ़. बटियागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गुरुवार को सुबह 11 बजे जब पत्रिका ने जायजा लिया तो वह कहावत मानस पटल पर आ गई, जिसमें एक अनार सौ बीमार। यहां एक डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद थे, जिससे लंबी कतारें लगी हुई थीं। मौसम के बदलते रुख की वजह से ग्रामीणों में सर्दी, खांसी के साथ तेज मौसमी बुखार बढ़ रहा था। सुबह से आए मरीज परषोत्तम पटेल, रज्जाव खान, ऊषा बाई ने बताया कि हममें से किसी न किसी को तेज बुखार, सर्दी,खांसी, जुकाम सहित छोटी बड़ी बीमारी हैं। सुबह से अस्पताल इलाज कराने आए हैं, हमसे पहले भी लंबी लाइन लगी थी। जब तक डॉक्टर बैठेंगे, तब तक इलाज संभव है, यदि उनका ड्यूटी का वक्त समाप्त हो जाएग तो फिर निजी क्लीनिक या बटियागढ़ में झोलाछाप के इलाज कराने विवश होना पड़ेगा। इन ग्रामीणों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कम से कम एक डॉक्टर मिल जाता है, लेकिन उनके गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र पर एक भी डॉक्टर नहीं हैं, नर्स और वार्ड बॉय से गोली लेते हैं, ठीक नहीं होने पर ब्लॉक या जिला स्तर पर ही इलाज के लिए जाना पड़ता है। ब्लॉक मेडिकल ऑफीसर आरआर बागरी का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 डॉक्टर के पद रिक्त पड़े हैं। डॉक्टरों की कमी के कारण सभी मरीजों को इलाज उपलब्ध नहीं करा पाते हैं।
तीन महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण
बम्होरीमाला. गांव में स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र का जायजा गुरुवार की दोपहर 2 बजे जायजा लिया तो यहां की एएनएम आंगनबाड़ी केंद्र में महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही थीं। इसके बाद हल्लीबाई के घर हाल ही में जन्में शिशु का स्वास्थ्य परीक्षण करने पहुंची। इसके बाद वापस स्वास्थ्य केंद्र आईं तो बुखार से पीडि़त तीन महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया और उन्हें दवाईंयां वितरित की गईं।