सागर दमोह के बीच हर दिन करीब ४३ ट्रेनों का आना व इतनी ही ट्रेनों का जाना होता है। अपडाउन को अगर मिला लिया जाए तो सागर से कटनी की ओर चलने वाली ८० से अधिक ट्रेनों की सुरक्षा रेलवे पुलिस नहीं कर पा रही है। दिन हो या रात, हर समय यात्रियों के लिए सामान चोरी होने या फिर अंधेरा होने पर लूट का भय बना रहता है। जिसमें जेबकतरी के मामले में ऐसा दिन नहीं जाता जिस दिन किसी न किसी यात्री का जेब न कटे।
मामला नंबर एक –
०१- सागर से कटनी जाने वाले मार्ग पर १२ जुलाई को मकरोनिया व लिधौरा स्टेशन के बीच शुक्रवार की रात ११.३८ के लगभग आउटर पर दो अज्ञात लुटेरों ने उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन क्रमांक १८४७८ में चैनपुलिंग कर ट्रेन को लूटा, एस-४ में बर्थ नंबर ८ पर लेटी उड़ीसा की महिला जो दिल्ली से उमरिया की यात्रा कर रही थी। उसका पैर के नीचे रखा बैग लेकर दो लुटेर भाग गए। जिसमें दो मोबाइल, करीब साढ़े तीन हजार रुपए नकद, एटीएम कार्ड, पासबुक, कपड़े व अन्य आवश्यक सामग्री रखी थी। जिसे लुटेर लेकर भाग गए। महिला चिल्लाती रही, यात्रियों ने भी लुटेरों को पकडऩे का प्रयास किया। लेकिन आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर आउटर से भाग निकले। महिला ने दमोह स्टेशन पर मौखिक जानकारी रेलवे व कोतवाली पुलिस को दी। लेकिन किसी भी आरोपी का पता नहीं चल सका।
०२- २८ जुलाई को जबलपुर से अजमेर जाने वाली यात्री ट्रेन में चैनपुलिंग कर रात करीब ११ बजे के लगभग घटेरा रेलवे स्टेशन के समीप आउटर पर चलती ट्रेन को चैनपुलिंग कर अज्ञात लुटेरों ने रोका। जिन्होंने एक अशोक नगर व एक सागर की महिला का मंगलसूत्र, मोबाइल, कैमरा,जहारों रुपए नकद, व लेडीस पर्स लूटकर फरार हो गए थे। घटना में हजारों रुपयों की लूट होने के बाद एफआइआर तो हुई पर आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला।
०३- २१ जुलाई को चलती ट्रेन में शराबियों ने जमकर हंगामा किया। जिन्होंने महिलाओं को भी चलती ट्रेन में परेशान कर दिया था। जिसमें रेलवे पुलिस को सूचना मिलने के बाद जम्मू व हरियाणा निवासी दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया था। यात्रियों का कहना था कि यदि वह सफर के दौरान रिजर्वेशन कोच में खुलेआम शराब पी रहे थे। जिन्होंने जमकर हंगामा मचाते हुए गालियां लेकर महिलाओं से छेड़छाड़ करने का प्रयास किया था।
मासूम को प्लेटफार्म से उठाकर ले जाकर किया था बलात्कार –
१७/१८ जुलाई २०१८ की रात दमोह रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से दो साल की एक मासूम को सोते समय उठाकर ले जाकर उससे निर्मम तरीके से दुराचार कर खून से लथपथ हालत में छोड़कर भाग निकला था। बाद में उसे सागर जिले से गिरफ्तार किया था। जिसे बाद में भले ही आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा हुई। अगर स्टेशन पर रेलवे पुलिस की लचर व्यवस्था नहीं होती तो उस मासूम के साथ इस तरह की शर्मनाक घटना होने से बच सकती थी।
मामला नंबर पांच –
करीब पांच माह पूर्व तेंदूखेड़ा क्षेत्र की एक नाबालिग जब भोपाल से लौटकर यात्री प्रतीक्षालय से निकलकर स्टेशन पर टहल रही थी। तभी उसे एक ऑटो चालक ने पकड़कर उसे शुलभ शौचालय में ले जाकर बलात्कार किया था। यह घटना भी रेलवे स्टेशन परिसर में होने के बाद रेलवे पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रही। लेकिन अपराध पर नियंत्रण करने कोई प्रयास नहीं किए। जिससे घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
फैक्ट फाइल –
– दोनों मार्गों से निकलने वाली ट्रेनें- ८६
– ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की एवरेज संख्या – १ लाख ७५ हजार।
– दमोह में कुल तैनात जीआरपी बल एएसआई सहित ९ जवान।
– स्टेशन सहित चलती ट्रेन में होने वाली घटनाओं का मासिक एवरेज – ८ से १२ तक
कटनी से बीना तक के लिए जाने वाली रेल लाइन पर दमोह मुख्य सेंटर स्टेशन है। कटनी से बीना तक कुल २६२ किलोमीटर की यात्रा के दौरान दमोह मुख्य बिंदु माना जाता है। लेकिन यहां पर जीआरपी का थाना तो ठीक चौकी भी स्थापित नहीं है। केवल एक सहायता केंद्र खोल रखा है जिसमें सिफ ९ जवानों की पदस्थाना की गई है। इस सहायता केंद्र में भी कोई इंतजाम नहीं है। जिससे पीडि़त यात्रियों की रिपोर्ट दर्ज हो सके।
दमोह जीआरपी यात्री यहायता केंद्र में पदस्थ एएसआई ब्रजेंद्र सिंह परिहार बताते हैं कि उनके अलावा एक हवलदार, एक महिला व छह पुलिस आरक्षक पदस्थ हैं। इस तरह से कुल ९ लोगों में ही तीन प्लेटफार्म सहित अन्य निकलने वाली ट्रेनों व रेलवे लाइन की सुरक्षा की सुरक्षा की जिम्मेवारी होती है। यदि किसी भी रेल यात्री के साथ घटना हो जाती है तो उसकी रिपोर्ट दर्ज कराने सागर जाना पड़ता है। उसके बाद रिपोर्टकर्ता को रजिस्टर्ड डाक से एफआइआर की कॉपी भेजना पड़ती है।
समस्या का समाधान जल्द कराएंगे-
लगातार होने वाली घटनाओं को देखते हुए जल्द की कोई ठोस कदम उठाया जाएगा। जहां तक दमोह में जीआरपी चौकी या पुलिस थाना की बात है, ता इस मामले में भी चर्चा कर समस्या का समाधान कराया जाएगा।
मनोज कुमार सिंह – डीआरएम पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर