जिपं सीईओ डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने बताया कि पंच-परमेश्वर योजना, महात्मा गांधी ग्राम स्वराज व विकास योजना के तहत ऐसे स्वीकृत कर्य जिनमें राशि का आहरण कर लिया गया है, लेकिन कार्य नहीं कराए गए हैं। ऐसे सरपंचों को एक माह का नोटिस दिया गया है कि एक माह के तहत निर्माण कार्य पूर्ण करा लें। अन्यथा की दृष्टि में ऐसे सरपंचों व सचिवों के खिलाफ मध्य प्रदेश पंचायत राज व ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ऐसे सचिव जिन्होंने अनियमितता की है, उनकी सेवा समाप्ति की भी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे सचिवों को एक माह का वक्त दिया गया है।