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दमोह

स्कूल प्रबंधनों ने बच्चों के भविष्य को लगाया दाव पर…जानिए कैसे

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4 years ago
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शनिवार को भी शहर कीर्तिस्तंभ के समीप संचालित रामकुमार हायर सेकंडरी स्कूल में देखी गई। दोपहर के १२ बज चुके थे और स्कूल में डीजे व बैंड बाजों का शोरगुल हो रहा था। इस स्थिति की सूचना मिलने पर पत्रिका ने स्कूल के हालात जाने।

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देखा गया कि स्कूल के आगे व पीछे के मैदान में कार्यक्रम में आए लोगों की भीड़ थे। फिल्मी गानों की तेज धुन बज रही थी और वैवाहिक कार्यक्रम के चलते बैंड बाजे भी जोर शोर से बज रहे थे। कक्षाओं से सटकर खाने पीने की सामग्री तैयार हो रही थी।

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स्कूल में चारों तरफ एक अलग ही माहौल बना हुआ था। बच्चे तेज ध्वनि की वजह से कक्षाओं में नहीं बैठ पा रहे थे और वह यहां वहां घूम रहे थे। वहीं स्कूल शिक्षक शिक्षिकाएं एक कमरे में बैठकर हल्ला बंद होने का इंतजार करते देखे गए।

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मौके पर मौजूद शिक्षक विजय सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि प्राचार्य स्कूल आ जाएंगे उसके बाद ही कार्यक्रम आयोजित करने वाले लोगों से बात की जाएगी। सिंह ने कहा कि गानों की आवाज तो आ रही है

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लेकिन हम क्या कर सकते हैं। शिक्षक ने साफतौर पर स्पष्ट किया कि इस तरह के कृत्य के लिए स्कूल प्रबंधन समिति ही जिम्मेदार है।

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इस मामले के संंबंध में जब प्राचार्य दिनेश असाटी से बात करनी चाही तो वह स्कूल में नहीं थे और उनका चैंबर खाली पड़ा था। शिक्षक विजय सिंह द्वारा प्राचार्य असाटी से फोन पर बात कराई गई। पत्रिका द्वारा पूछे गए इस सवाल कि स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों के विपरीत इस तरह की स्थिति स्कूल में क्यों निर्मित है। जबाव में दिनेश असाटी ने कहा कि वैवाहिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए समिति द्वारा अनुमति दी जाती है। लेकिन स्कूली समय में जो स्थिति बनी हुई है यह नहीं होनी चाहिए। असाटी ने कहा कि अभी वह घर पर हैं और पांच से दस मिनट के भीतर स्कूल पहुंच रहे हैं व शोरगुल को बंद करा दिया जाएगा।

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वहीं स्कूल में इस तरह के आयोजित होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों के संबंध में बच्चों से बात की तो उन्होंने कहा कि स्कूल आने का मन नहीं करता है। यहां रोज ही एक कार्यक्रम आयोजित होता है। बैंड बाजों की इतनी अधिक आवाज आती है कि पढ़ाई करना मुश्किल है। इसलिए ही कक्षाओं में कोई नहीं बैठ रहा था और सभी बाहर घूम रहे थे। विदित हो कि इस स्कूल में वैवाहिक सीजन आते ही कार्यक्रम आयोजित होना शुरु हो जाते हैं। हनुमान गढ़ी समिति इस स्कूल का प्रबंधन करती है। इसी समिति के द्वारा अच्छी खासी राशि लेकर वैवाहिक कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति दी जाती है। शहर में रामकुमार स्कूल ही एक मात्र ऐसा नहीं है जहां पर वैवाहिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। बल्कि अन्य सरकारी स्कूलों में भी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन प्राचार्यों की अनुमति से होते आ रहे हैं और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का सिलसिला जारी है।

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आगे से इस बात का ध्यान रखा जाए कि कार्यक्रमों का समापन स्कूल के समय होने से पहले हो जाए। मैं समझता हूं कि इससे कक्षाएं प्रभावित होतीं हैं। लेकिन परेशानी को ध्यान में रखकर ही कार्य किया जाएगा। दिनेश असाटी, प्राचार्य

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