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सात समंदर पार से खींच लाए सोशल मीडिया के दोस्ती के तार

locationदमोहPublished: Oct 08, 2017 02:22:34 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

हांगकांग का संदीप पूनिया दमोह के धर्मेंद्र के साथ करेंगे बुंदेलखंड दर्शन

Seven ocean cross-drawn social media friends

Seven ocean cross-drawn social media friends

राजेश कुमार पांडेय @ दमोह. सोशल मीडिया का दायरा सात समंदर पार भी फैला हुआ है। दमोह के धर्मेंद्र उर्फ बेबाक राय बुंदेलखंड के दर्शन व इसकी परंपराओं पर धारावाहिक चलाते रहते हैं। इनकी इन्हीं बेबाकी पूर्ण बुंदेलखंड के रहस्यों से प्रभावित हांगकांग का संदीप पूनिया अपने भाई के साथ बुंदेलखंड को तीन दिन से करीब निहारने रविवार की दोपहर दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से दमोह के लिए रवाना हो गए हैं।
भारतीय संदीप पूनिया हांगकांग में पिछले 15 साल से रह रहे हैं। वह चंडीगढ़ छोड़कर हांगकांग में रह रहे हैं, उन्होंने इस बीच चाइना की लड़की से शादी कर ली। ट्रेडिंग व्यवसाय के चलते कभी-कभार 3-4 साल में दीपावली पर अपने वतन आते हैं। इस बीच सोशल मीडिया फेसबुक पर दमोह के धर्मेंद्र राय बेबाक की पोस्टो व बुंदेलखंड दर्शन पर की जाने वाली बातों से प्रभावित होकर इनकी सोशल मीडिया पर दोस्ती चल पड़ी। इसके बात बातचीत का सिलसिला चल पड़ा। बुंदेलखंड की परंपराओं ग्रामीण परिवेश व ऐतिहासिक स्मारकों के बारे में बेबाक की बातों से संदीप इतने प्रभावित हुए कि इस बार उन्होंने भारत में दीपावली मनाने के बजाए बुंदेलखंड दर्शन करने का प्लान बना लिया। वे अपने बड़े भाई प्रदीप कुमार जो चड़ीगढ़ निवासी हैं उनके साथ दमोह आ रहे हैं। बेबाक की बातों से प्रभावित होकर बुंदेलखंड दर्शन को खिंचे चले आ रहे संदीप पूनिया दूसरी अप्रवासी भारतीय हैं। इससे पहले पिछले साल ऑस्ट्रेलिया से मिस्टर नलिन पटैल भी दमोह आ चुके हैं, जो भी बुंदेलखंड की संस्कृति, विरासत के यादगार लम्हे सहेज कर ले गए हैं।
धर्मेंद्र ने बताया कि संदीप का कार्यक्रम 9 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक है। 9 को जबेरा माला जलाशय सिंग्रामपुर निदानकुंड, दोपहर का भोजन सिंग्रामपुर साधना गेस्ट हाउस,
सिंगौरगढ़, भंैसा घाट से होते हुए तेंदूखेड़ा तेजगढ़ होते हुए शाम 7 बजे दमोह में विश्राम करेंगे। 10 तारीख को भीमकुंड, खजुराहो, रनेह फॉल वापिस दमोह आएंगे। 11 को बांदकपुर कुंडलपुर, हिंडोरिया के राजा का पुराना किला के साथ स्थानीय विरासत जैसे सर्किट हाउस, कचहरी, बड़ी देवी, लक्ष्मण कुटी के बाद चुनिंदा स्थानीय मित्रों से व्यक्तिगत मुलाकात के बाद शाम 7 बजे विदेशी मेहमान को विदा करेंगे।
धर्मेंद्र राय बेबाक जो हटा कॉलेज में लैब तकनीशियन के पद पर कार्यरत हैं, उनका यह कहना है कि बाहरी दुनिया के लोग बुंदेलखंड को अति पिछड़े, सूखा ग्रस्त व भुखमरी के क्षेत्र में छवि बनाए हुए हैं, लेकिन बुंदेलखंड प्राकृतिक रूप से समृद्ध वैभवशाली विश्व स्तर के पर्यटन केंद्रों को टक्कर देने वाला क्षेत्र है, जिसकी परंपराओं, विरासत की पोस्टें करते रहते हैं, जिससे विदेशों में बसे भारतीय आकर्षित हो रहे हैं, ऐसे कई विदेशी मित्र उनके संपर्क में हैं और बुंदेलखंड दर्शन के लिए आतुर दिखाई दे रहे हैं।

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