दमोह

बचकर रहना कहीं आपके घर के पास ना आ जाएं टाइगर रिजर्व के बाघ

एक नौरादेही पहुंचा नौरादेही में टाइगर्स की संख्या बढ़ी

दमोहJul 22, 2018 / 12:52 pm

pushpendra tiwari

Nauradehi Wildlife Sanctuary Nearing the tiger and tigrin’s moments

दमोह/ तेंदूखेड़ा. जिले की सीमा से सटे पन्ना टाइगर रिजर्व से सात टाइगर्स भाग निकले हैं। रिजर्व से भागे इन बाघों की मौजूदगी जिले में होना तय मानी जा रही है। क्योंकि इन्हीं में से एक टाइगर हाल ही के एक सप्ताह पहले जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर नोनपानी के जंगल में देखा गया था। वहीं अब एक टाइगर के नौरादेही जंगल में पहुंचने की पुष्टि नौरादेही अभयारण्य के अधिकारियों द्वारा की गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर के यह खूंखार बाघ जिले के जंगलों में घूम रहे हैं।

पन्ना रिजर्व के 7 बाघ पार्क से बाहर


नौरादेही डीएफओ रमेशचंद्र विश्वकर्मा ने बताया है कि पन्ना टाइगर से जानकारी मिली है कि उनके यहां से सात व्यस्क नर बाघ पार्क की सीमा से बाहर हैं। इधर माना जा रहा है कि जिले की सीमा में यही बाघ अपनी दस्तक दे रहे हैं और ग्रामीण लोगों के द्वारा यहां वहां बाघ के मिलने की बात बताई जा रही है।

दमोह से होकर नौरादेही पहुंचा एक बाघ


नौरादेही अभयारण्य में इन दिनों पन्ना टाइगर रिजर्व का एक बाघ मौजूद होना बताया गया है। माना जा रहा है कि यह बाघ दमोह से होकर नौरादेही अभयारण्य की सीमा में दाखिल हुआ है। डीएफओ रमेशचंद्र विश्वकर्मा ने पत्रिका को बताया है कि संभावना है कि दमोह साइड से मोहली होते हुए एक बाघ बरपानी क्षेत्र में दाखिल हुआ है जो यहां देखा गया है। बताया गया है कि एक पखवाड़े पहले नोनपानी के जंगल में एक नर बाघ को देखा गया था, यही बाघ अब नौरादेही अभयारण्य में अपनी टेरोटरी बनाने में लगा हुआ है।

नहीं पहने आईडी कॉलर


पन्ना टाइगर रिजर्व से भागे सभी सातों बाघ आईडी कॉलर नहीं पहने हुए हैं, इस कारण इन बाघों की सही लोकेशन टाइगर रिजर्व व नौरादेही अभयारण्य के अधिकारियों को नहीं मिल पा रही है। बताया गया है कि इन बाघों के क्षेत्र में होने की पुष्टि लोगों से, विभाग के स्टॉफ से मिली जानकारी व पैरों के निशानों से हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि टाइगर कहां हैं। सिर्फ एक क्षेत्र को चिंहित किया जा पा रहा है।

टाइगर रिजर्व से बाघों के भागने की यह है वजह


पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जो सावक हैं वह बढ़ रहे हैं, बाघ जब युवा हो जाता है तो अधिक उम्र के बाघ से उनका मेलजोल नहीं बैठता है और टकरार की स्थिति निर्मित हो जाती है। इस कारण बाघ को अपनी टेरोटरी बनाने के लिए दायरा विकसित करना पड़ता है। दायरा बढ़ाने के लिए वही बाघ सफल होता है जो सबसे अधिक बलवान होता है, अन्य बाघ को अंयत्र स्थान पर टेरोटरी की खोज करनी पड़ती है। प्रबल बाघ की टेरोटरी में दूसरे बाघ को स्थान नहीं मिलता है। यही स्थिति के कारण पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ पार्क से बाहर चल रहे हैं।

इधर नौरादेही के राधा किशन साथ साथ


डीएफओ नौरादेही ने पत्रिका को बताया है कि नौरादेही में लाए गए नर बाघ व बाघिन जो राधा किशन के नाम से चर्चित हैं यह दोनों साथ साथ हैं और शिकार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इनके नजदीक पन्ना टाइगर रिजर्व का बाघ नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि अभयारण्य के बाघ पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हैं और आपसी तालमेल से रह रहे हैं।
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