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दोपहर तक पसरा रहा सन्नाटा, शाम को पटरी पर आया जनजीवन

locationदमोहPublished: Jul 23, 2019 09:47:22 pm

Submitted by:

lamikant tiwari

देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में पथरिया विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह का नाम चालान से हटाए जाने किया जा रहा विरोध

Silent sailing till noon, life in the evening

Silent sailing till noon, life in the evening

दमोह/हटा. हटा में देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में गोविंद सिंह का नाम चालान से अलग करने के विरोध में हटा नगर बंद रहा। मंगलवार को सुबह से दोपहर तक हटा बंद रहने से लोगों को दोपहर तक भले की कुछ परेशानी हुई हो लेकिन दोपहर तब बंद पूरी तरह से सफल रहा। बाद में एक ज्ञापन सौंपकर दुकानों को खोल लिया गया था।
सोमवार को चौरसिया परिवार द्वारा भूख हड़ताल किए जाने के बाद जब व्यापारिक संगठनों ने मंगलवार को स्वयं ही प्रतिष्ठान बंद किए जाने का समर्थन दिया। जिसके बाद मंगलवार को बंद रखते हुए सभी व्यापारी व चौरसिया परिवार के सदस्यों के साथ अन्य समर्थक एक मौन जुलूस के रूप में एसडीएम कार्यालय पहुंचे जहां पर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
सुबह से ही बसस्टैंड, बड़ाबाजार, तीन बत्ती, बजरिया मोहल्ला, अंधयारा बगीचा, मंदिर-मस्जिद चौराहा, सहित पूरे हटा नगर के प्रतिष्ठान बंद थे। दोपहर तक लोगों को खाने-पीने का सामान भी नसीब नहीं हो पा रहा था।
ज्ञापन में यह किया उल्लेख –
राज्यपाल के नाम दिए गए ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि 15 मार्च को नामजद ७ आरोपियों द्वारा षडयंत्र पूर्वक पटेरा नाका पर कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया के प्रतिष्ठान में घुसकर देवेंद्र की निर्मम हत्या कर घटना को अंजाम दिया गया था। उनके बेटे सोमेश को भी गंभीर चोटें पहुंचाकर घायल कर दिया था। इस घटना के विगत 3 दिन पूर्व देवेंद्र चौरसिया ने दमोह में मुख्यमंत्री की सभा में कांग्रेस में शामिल होने के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि देवेंद्र की सुरक्षा कांग्रेस की जिम्मेवारी है। लेकिन पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई और बसपा विधायक रामबाई एवं भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने षड्यंत्र पूर्वक साजिश कर विधायक के पति गोविंद सिंह सहित छह अन्य नामजद व अन्य 20 लोगों ने घटना को अंजाम दिया था। जिसकी रिपोर्ट पुलिस थाना में विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई थी। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। लेकिन बसपा विधायक रामबाई द्वारा कमलनाथ सरकार को समर्थन दिए जाने पर उनके दबाव में आकर उनके पति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया। चार माह बाद मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस पर दबाव बनाकर न्यायालय में चालान पेश करवाकर इनाम की राशि एवं फरारी को शून्य घोषित करा दिया। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि मध्यप्रदेश सरकार फरार आरोपियों का बचाव कर रही है, उन्हें संरक्षण दे रही है। साथ ही उनके विरुद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार बसपा के विधायक के समर्थन पर निर्भर है। ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि न्यायिक अभिरक्षा में पहले उक्त आरोपियों को जेल अधिकारियों की शिकायत के बाद सेंट्रल जेल सागर स्थानांतरित किया गया था। जिन्हें विधायक एवं आरोपियों के दबाव में फिर से दमोह जिला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। जिससे अब यह लोग यहां पर षडयंत्र रचकर साक्ष्यों को जान से मारने की योजना बना रहे हैं। एवं आरोपी इलाज के बहाने अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। साथ ही उन्हें जिला जेल में पूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसलिए आरोपियों को केंद्रीय सागर कारागार में भेजा जाए। ज्ञापन में यह भी उल्लेख है कि यदि मुख्य षड्यंत्रकारी विधायक रामबाई और शिवचरण पटेल की घटना के कुछ दिन पहले की कॉल डिटेल निकलवाकर पूरक चालान न्यायालय में पेश किया जाए। जिससे अपराधिक षड्यंत्र सामने आ सके। ज्ञापन के दौरान लोगों ने कहा कि यदि जल्द ही चौरसिया परिवार को न्याय नहीं दिलाया गया तो वह आगे भी किसी बड़े आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
इनकी रही मौजूदगी –
ज्ञापन देने वालों में महेश चौरसिया, अशोक चौरसिया, विजय, सोमेश चौरसिया, मनीष चौरसिया, प्रशांत, गौरव, अनिमेष, नीरज, दीपक, मुरारी, अजय, इमरान बजाज, उस्मान खान, अख्तर खान, अरविंद कोरी, अन्नू ग्रोवर, राजू रजक, अंसार खान, सुनील साहू, नरेश साहू ,कासिम खान, संजय सराफ , बद्री नामदेव सहित सैकड़ों समर्थकों की मौजूदगी रही।
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