6किमी स्कूल के लिए पैदल सफर, इसके बाद भी मस्साब नहीं मिल रहे स्कूल में
छह किमी स्कूल के लिए पैदल सफर, इसके बाद भी मस्साब नहीं मिल रहे स्कूल में
विद्यार्थी स्कूल के बाहर शिक्षक का इंतजार कर रहे थे।
मडिय़ादो. नया शिक्षण सत्र की शुरूआत हुए एक माह से अधिक समय बीत चुका है। बावजूद शैक्षणिक कार्य पटरी पर नहीं पहुंच सका है। जिले के स्कूलों में लगातार कलेक्टर के र्निदेशन में निरीक्षण भी किए जा रहे हंै इसके बाद भी शिक्षकों की कार्यप्रणाली नहीं सुधरी है। शिक्षक अपनी आदत के मुताबिक हर दिन स्कूल देर से पहुंचते है और समय के पहले वापस हो जाते हंै। नतीजतन विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। वनांचल क्षेत्र के चौरईया, पाटन, बछामा, मदनपुरा, उदयपुरा, स्यामरसिंघी, मजरा, भूलखेड़ा, जुनेरी, कारीबरा, भूलखेड़ा, मजरा, झोदा, इमलिया, जामुनझिरया सहित संकुल मडिय़ादो के अधिक स्कूलों में 11 बजे के बाद ही ताला खुलते हैं और चार बजे के पहले स्कूलों की छुट्टी कर दी जाती है।
छह किमी आते-जाते हैं पैदल-
घोघरा ग्राम पंचायत के कारीबरा गांव के मिडिल स्कूल में अध्यनरत एक दर्जन से अधिक छात्र हर दिन जंगली रास्ता तय कर भूलखेड़ा गांव तक स्कूल आते जाते हैं। विडंवना है कि विद्यार्थिंयों को अभी तक शासन द्वारा मुत साइकिल योजना से मिलने वाली साइकिल का लाभ नहीं मिला है। दूसरी बड़ी समस्या यह है कि विद्यार्थी तो तीन किमी दूरी तय कर स्कूल पहुंच जाते हैं लेकिन मास्साब स्कूल नहीं पहुंच पाते। शनिवार 10:50 बजे तक स्कूल का ताला लटका हुआ था। और विद्यार्थी स्कूल के बाहर शिक्षक का इंतजार कर रहे थे।
यहां खेल रहे थे कंचा-
जुनेरी के प्राथमिक स्कूल में 11 बजे विद्यार्थी कंचा खेलते मिले। यहां के विद्यार्थियों की माने तो शिक्षक नियमित स्कूल नहीं आते एक कभी अतिथि मास्साब आते है। तो कभी मस्साब आते है। हम लोग स्कूल के समय पर आते हैं लेकिन स्कूल नहीं खुला इसलिए खेल रहे हैं।
दिखवाते है-
स्कूल नियमित और समय पर खुले इसके लिए शिक्षकों को सत निर्देश दिए हैं। लेकिन शिक्षक लापरवाही कर रहे है तो गलत है इसे दिखवाते है लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
टीआर कारपेंटर बीआरसी हटा
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