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कुदरत के उपहार रूपी छोटे झरने बारिश के दिनों में हो जाते हैं खतरनाक

locationदमोहPublished: Jul 28, 2021 09:59:33 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

बारिश में जल क्रीड़ा के लिए पहुंचती हैं टोलियां
 

Small waterfalls as gifts of nature become dangerous during rainy days

Small waterfalls as gifts of nature become dangerous during rainy days

दमोह. दमोह जिले में कुदरत के अनमोल उपहार रूपी छोटे-छोटे प्राकृतिक झरने मौजूद हैं। प्रमुख बड़े दो झरने दमोह-जबलपुर की सीमा पर स्थित हैं, शेष झरने हटा ब्लॉक में हैं। इन झरनों में बारिश के दिनों में पानी आने के बाद युवाओं व परिवार सहित टोलियां पिकनिक मनाने व जलक्रीड़ा करने बड़ी संख्या में पहुंच रही हैं। बारिश के दिनों में इनमें पानी बढऩे से छोटे झरने खतरनाक भी हो जाते हैं।
दमोह जिले में प्राकृतिक पर्यटन के अनेक स्थल मौजूद हैं। इन स्थलों पर पिकनिक व पर्यटन के लिहाज से सुरक्षा के इंतजामों को अनदेखा किया जा रहा है। बारिश के दिनों में सिंग्रामपुर क्षेत्र के निदानकुंड झरने का लुत्फ उठाने व जलक्रीड़ा करने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। तेंदूखेड़ा और पाटन के बीच बगदरी वॉटरफॉल पर जबलपुर से लोग बारिश के दिनों में जलक्रीड़ा का आनंद लेने बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। इसके अलावा हटा ब्लॉक के हारट व मडिय़ादो क्षेत्र के झरने भी कलकल कर अपनी छटां बिखरने लगे हैं। यह झरने भले ही छोटे और सुंदर दिखाई दे रहे हों, लेकिन यह बारिश के दिनों में काफी खतरनाक हो जाते हैं।
बगदरी वॉटर फॉल में हो चुकी 11 की मौत
तेंदूखेड़ा पाटन के बीच बगदरी वॉटर फॉल में 9 अगस्त 2014 को जबलपुर का मलिक परिवार बारिश के दिनों में पिकनिक मनाने गया था। जब परिवार पहुंचा तो झरना छोटा और शांत था, जिससे परिवार के सदस्य झरना के उस पार चले गए, लेकिन अचानक पानी बढ़ गया जिससे परिवार के 11 सदस्यों की मौत हो गई थी। यह सबसे बड़ा हादसा था, जिसके बाद कुछ सालों तक लोग यहां जाने से कतरा रहे थे, अब हादसे को भूल चुके हैं, जिससे लोगों का जमावड़ा अवकाश के दिनों में खासतौर पर रविवार को देखा जाने लगा है।
जंगली नालों से बन रहे हैं वॉटर फॉल
दमोह जिले में जितने भी प्राकृतिक झरने हैं, वह सब जंगली नालों से मिले हैं, कई नालों का उद्गम लंबी दूरी से हैं, जिससे उस क्षेत्र या जंगलों में तेज बारिश आने के बाद इन झरनों में पानी बढऩे लगता है। जिस स्पॉट झरना है, वहां कुछ समय के लिए शांत दिखाई देता है लेकिन पानी बढऩे के बाद वह रौद्र रूप धारण कर लेता है, जिससे उस समय जल क्रीड़ा कर रहे लोगों के लिए जोखिम भरा बन जाता है और हादसे सामने आते रहते हैं।
सुविधा और सुरक्षा का अभाव
प्राकृतिक वॉटर फॉल पर प्रशासनिक सुविधाओं का अभाव है, वहीं सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। जिससे यह प्राकृतिक झरने पर्यटन का केंद्र नहीं बन पा रहे हैं। यदि इन झरनों के किनारे पर्यटक सुविधाएं व सुरक्षा के इंतजाम करा दिए जाए तो दमोह जिले में उपलब्ध प्रकृतिक के उपहार झरनों के आसपास पर्यटक स्थल विकसित होने से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, लेकिन यहां तक पहुंचने के रास्तों के अलावा जल क्रीड़ा के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा संसाधनों की कमी के कारण यह पर्यटक स्थल के रूप में विकसित नहीं है, फिर भी लोगों का जमावड़ा इनके इर्द-गिर्द लगातार देखा जा रहा है।
 
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