मंदिर के पुजारी पं. रवि शास्त्री, रामेश्वर प्रसाद शर्मा, श्रीराम पौराणिक के द्वारा संपूर्ण पूजन कराया गया। उसके बाद कलश यात्रा प्रारंभ हुई जो बूंदा बहू मंदिर से होती हुई, पुरैना तालाब स्थित श्रीदेव मारवाड़ी मंदिर पहुंचकर। वहां से पुन: बूंदाबहू मंदिर मानस भवन पहुंची। जहां पर कथावाचक चंद्रगोपाल पौराणिक के द्वारा भागवत के माहात्म्य की कथा कही गई। उन्होंने कहा भागवत कथा कोई साधारण विषय नहीं है, यह साक्षात परमात्मा का मिलन कराने वाली कथा है।
भागवत कथा वह कथा है, जो हमें परमात्मा से साक्षात्कार करा दे। कहें तो भगवत प्राप्ति का मार्ग ही भागवत है। इसलिए सबको पूरी श्रद्धा और विश्वास से श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। नित्य जितना भी हो सके, भगवान का नाम संकीर्तन करते हुए भगवान की पावन कथा को सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक घरी आधी घड़ी आदहु में पुनि आध तुलसी चर्चा राम की हर ही कोटि अपराध।