इस शहर से बचकर रहना, आ सकते हो आग के लपेटे में, अब तक 7 की मौत
20 दिन में आग से जलकर आधा दर्जन की मौत, हर माह आग से जलने की घटनाओं में बढ़ रहे मौत के आंकड़े

लक्ष्मीकान्त तिवारी. दमोह. जिले भर में आग से जलने वाली महिलाओं की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। पहले यह संख्या महिलाओं की अधिक रहती थी। लेकिन अब पुरुष वर्ग में भी आग से जलने वालों की संख्या बढऩे लगी है। खास बात यह है कि आग से जलने वाले मामलों में डिब्बी से जलने की घटनाएं सबसे अधिक प्रकाश में आती हैं। लेकिन कई बार पुलिस भी आश्चर्य में पड़ जाती है कि आखिरकार डिब्बी से आग लगने या फिर खाना बनाते समय आग लगने की घटनाओं में कोई भी व्यक्ति ८० से ९० प्रतिशत आखिर कैसे जल जाता है। हालांकि कई बार डिब्बी से जलने वाली घटनाएं भी सच होती हैं। मरणासन बयानों में भी अधिकांशत: डिब्बी से जलने या फिर खाना बनाते समय जलने के बयान सर्वाधिक सामने आते हैं।
खास बात यह है कि माह में आग से जलने की सबसे अधिक घटनाएं सामने आईं हैं।
मामला नंबर एक-
इसी माह एक मई को गायत्री पुत्री माधव सिंह लोधी (१८) निवासी बरमांसा थाना दमोह देहात की आग से जलने पर मौत हो गई थी। इसी दिन नम्रता पति तुलसी रैकवार (४०) निवासी हिरदेपुर थाना दमोह देहात की भी आग से जलने पर मौत हो गई थी।
मामला नंबर दो-
४ मई को राजकुमारी पति बहादुर आदिवासी (२५) निवासी भीलमपुर की आग से जलने पर मौत हो गई थी।
मामला नंबर तीन-
६ मई को सुमन पिता विनोद रजक (२३) निवासी घाट पिपरिया थाना हिंडोरिया की आग से जलने पर मौत हो गई थी।
मामला नंबर चार-
२४ अप्रैल को हिंडोरिया थानांतर्गत महुआखेड़ा गांव निवासी विनीता पति कैलाश रजक की आग से जलने पर मौत हो गई।
मामला नंबर पांच-
इसी तरह से १९ अप्रैल को गोरे लाल पिता किशोरी लाल मेहरा (१८) ग्राम ठेंगापटी थाना नोहटा की आग से जलने पर मौत हो गई थी।
मामला नंबर छह-
१७ अप्रैल को भी गोपी पिता करन लाल अठया (३५) निवासी ग्राम कुमरोल थाना बटियागढ़ की आग से जलने पर मौत हो गई। थी।
उपोक्त सभी मामलों में डिब्बी गिरने से आग लगना या फिर खाना बनाते समय आग लगने की घटनाएं बताई गईं थीं। कुछ मामले में ही ऐसे रहे जिसमें प्रताडऩा होने की बात सामने आई।
यहां लगाया ससुराल पक्ष पर आरोप-
१४ मई को जिला अस्पताल में भर्ती कराई गई महिला
भारती पति ब्रजेश खंगार (२७) ग्राम कुमरोल थाना बटियागढ़ को आग से जलना बताया गया था। इस मामले में करीब ९०प्रतिशत जलने के बाद महिला के मायकापक्ष ने ससुराल पक्ष पर ही प्रताडऩा का आरोप लगाया है। जिसकी विवेचना पुलिस द्वारा की जा रही है। हालांकि महिला के मजिस्ट्रिेयल बयान भी कराए गए हैं।
विवेचना में हो जाता है खुलासा-
सभी मामलों में जांच की जाती है। पीडि़त के बयानों के आधार पर व दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर जांच की जाती है। नवविवाहिता की जांच एसडीओपी स्तर पर की जा जाती है। यदि किसी मामले में कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर एसडीओपी के प्रतिवेदन के बाद कार्रवाई की जाती है।
एमपी प्रजापति-सीएसपी दमोह
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