एक साल भी नहीं रही नपा अडिग
करीब डेढ़ साल पहले ही नपा द्वारा मुक्तिधाम के समीप कचरे का भंडारण प्रतिबंधित कर दिया गया था। करीब छह माह तक यहां कचरे का भंडारण बंद रहा। इसी दौरान नपा द्वारा करीब तीन से चार लाख रुपए खर्च कर तार फेसिंग की गई थी जिससे कोई फैक्ट्री भी अपना कचरा डंप न कर सके। लेकिन करीब छह माह से नपा के कचरा वाहन ही यहां पहुंच रहे हैं और विभिन्न वार्डों से एकत्र कचरे को डंप किया जा रहा है।
करीब डेढ़ साल पहले ही नपा द्वारा मुक्तिधाम के समीप कचरे का भंडारण प्रतिबंधित कर दिया गया था। करीब छह माह तक यहां कचरे का भंडारण बंद रहा। इसी दौरान नपा द्वारा करीब तीन से चार लाख रुपए खर्च कर तार फेसिंग की गई थी जिससे कोई फैक्ट्री भी अपना कचरा डंप न कर सके। लेकिन करीब छह माह से नपा के कचरा वाहन ही यहां पहुंच रहे हैं और विभिन्न वार्डों से एकत्र कचरे को डंप किया जा रहा है।
वर्षों के प्रयास के बाद मिली थी राहत
स्थानीय लोगों द्वारा वर्षों तक कचरा भंडारण नहीं करने को लेकर मांग की गई थी। वर्षों की मांग पर प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय के बाद यहां कचरा डंप करना प्रतिबंधित हुआ था। साथ ही सांसद प्रहलाद पटेल द्वारा इस स्थान पर क्षेत्रीय बस स्टॉफ बनाए जाने की कार्रवाई शुरु करा दी गई थी। इसे लेकर मौके पर निर्माण कार्य भी किया गया। लेकिन अब कचरे का भंडारण हो रहा है जिससे स्थिति दो साल पहले की तरह ही नजर आने लगी है।
गंभीर बीमारियों का खतरा
कचरा के ढेरों में लगी आग और मौके पर पड़े मृत मवेशियों के शवों से आ रही दुर्गंध की वजह से क्षेत्र के लोगों का जीना मुहाल है। साथ ही यहां के लोगों को गंभीर बीमारियों का खतरा भी बना हुआ है। इसके अलावा सड़क से सटकर लगे कचरे के ढेरों की वजह से सड़क हादसे की स्थिति भी निर्मित हो रही है। साथ ही सबसे बड़ा नुकसान पशु पालकों को हो रहा है। कचरे के ढेरों में अपना भोजन तलाश रहे मवेशी पॉलीथिन खा रहे हैं और इनकी अकाल मौत हो रही है। इन्हीं सब कारणों की वजह से इस स्थान को कचरा भंडारण मुक्त करने की मांग लोगों के द्वारा की गई थी।
वर्जन
कचरा वाहनों के कर्मचारियों को हटा नाका पर कचरा डंप करने के लिए मना किया गया है, मैं आज ही इसे दिखवाता हूं।
जावेद खान, नपा सफाई विभाग प्रभारी