scriptशुद्ध पानी के अशुद्ध होने का खतरा बढ़ रहा | The danger of contamination of pure water is increasing | Patrika News

शुद्ध पानी के अशुद्ध होने का खतरा बढ़ रहा

locationदमोहPublished: May 15, 2022 08:02:19 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

शहर की गंदगी साफ करने के बाद फिल्टर प्लांट के पास खड़े हो रहे टिपर वाहन
 

The danger of contamination of pure water is increasing

The danger of contamination of pure water is increasing

दमोह. शहर का कचरा साफ होने के बाद एकत्रित कर टिपर वाहनों से कचरा कलेक्शन ग्राउंडों पर फैंका जाता है, जिसमें मेडिकल, दूषित सहित अन्य कचरा फैंका जाता है। इसके बाद यह सभी वाहन फिल्टर प्लांट की दीवार से खड़े कर दिए जाते हैं, जहां पानी शुद्ध किया जाता है। गीला और सूखा कचरा के कारण कई तरह के जीवाणु इन वाहनों में पनपते रहते हैं जो पानी को दूषित कर सकते हैं। दमोह नगर पालिका परिषद के पास 40 से अधिक टिपर वाहन है। शुरुआती दौर से ही फिल्टर प्लांट के पास सफाई में उपयोग होने वाले संयंत्र व वाहनों को खड़ा किया जा रहा है। वर्तमान में अत्याधिक फिल्टर प्लांट बनाया गया है, जिसमें प्रतिदिन लाखों गैलन शुद्ध करने के बाद सप्लाई क्षेत्र में भेजा जाता है, जहां से पानी सप्लाई किया जाता है, उसी के किनारे टिपर वाहन खड़े किए जा रहे हैं, जिससे पानी शुद्ध होने के बाद अशुद्ध होने का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
ठोस अपशिष्ट से पानी अशुद्ध होने का खतरा
नगर पालिका परिषद द्वारा नगरीय ठोस अपशिष्ट पदार्थों के कचरा का प्रबंधन किया जाता है। विभिन्न शोधों में यह बात सामने आई है कि नगरीय ठोस अपशिष्ट जिसमें घरों से निकलने वाला सूखा व गीला कचरा के साथ ही अस्पतालों से निकलने वाला कचरा व औद्योगिक क्षेत्र के अलावा सब्जी मंडी व मीट मार्केट से निकलने वाला कचरा एकत्रित होता है तो उससे कई तरह के जीवाणु पनपते हैं, जो सबसे पहले पानी को दूषित करते हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां फैलती हैं।
टिपर वाहनों को क्लीन नहीं किया जाता
टिपर वाहनों को जीवाणु नाशक फिनाइल व अन्य उपलब्ध दवाओं के माध्यम से क्लीन किया जाना आवश्यक है, यह टिपर वाहन सालों से कचरा ढो रहे हैं, जिसमें कोरोना काल का कचरा भी रहा है, इनकी सफाई भी नहीं की जाती है। सुबह यह वाहन फिल्टर प्लांट से निकलते हैं, इसके बाद काम खत्म होने के बाद ड्राइवर इन वाहनों को यहां वहां लगाकर चले जाते हैं। इसी तरह ट्रैक्टर-ट्राली, ट्रक व कंप्रेशर ट्रक व मशीनें भी शामिल हैं, जो दूषित कचरा फैंकने के बाद यहां खड़ी की जाती हैं। जिनमें कचरा भी चिपका रहता है और इनसे दुर्गंध भी उठती रहती है।
पुरानी लाइनों से भी दूषित होने का खतरा
शहर में भले ही अत्याधुनिक फिल्टर प्लांट से पानी शुद्ध किया जा रहा हो लेकिन शहर में पुरानी लाइनों से पेयजल सप्लाई होने वाले वार्डों में दूषित पानी का खतरा बढ़ रहा है। कई वार्डों में नल खुलने के बाद शुरुआती सप्लाई में पीला व मटमैला पानी कुछ देर तक आता है, जिससे नालियों व गड्ढों का पानी पाइप लाइनों के माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंच रहा है।
आरओ वॉटर का उपयोग बढ़ा
दमोह शहर में पानी की शुद्धता पर नगर पालिका परिषद के खरे न उतरने पर शहर में आरटो वॉटर कैंपर का चलन बढ़ गया है, लोग घरों में पीने के पानी का उपयोग कैंपर के पानी का कर रहे हैं, नगर पालिका परिषद द्वारा किए जाने वाले सप्लाई का पानी केवल निस्तार के उपयोग व नहाने के लिए किया जा रहा है। बताया जाता है कि नगर पालिका परिषद के अधिकारी भी अपने घरों में कैंपर का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उन्हें भी फिल्टर प्लांट से आने वाले शुद्ध पानी पर विश्वास नहीं है।
पीलिया व पेट की खराबी के बढ़ रहे मरीज
सरकारी व निजी चिकित्सकों के क्लीनिकों पर पीलिया के अलावा पेट संबंधी बीमारियों से मरीज पहुंच रहे हैं। इन मरीजों को सभी डॉक्टर पानी उबालकर पीने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टर भी मानते हैं कि दमोह शहर में शुद्ध पानी नहीं होने से जल से संबंधित संक्रामक बीमारियां ज्यादा सामने आती हैं।
शुद्ध पानी सप्लाई किया जा रहा
नगर पालिका परिषद के सीएमओ व स्वास्थ्य अधिकारी इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, कहीं से पानी अशुद्ध हो रहा है, वह 100 फीसदी शुद्ध पेयजल का दावा कर रहे हैं, टिपर वाहनों से पानी प्रदूषित होने या नालियों के माध्यम से पानी दूषित होने की बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं।
 
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो