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गंगा जमुना स्कूल प्रबंधन की मुश्किलें और बढ़ीं, दीवारों की पुताई कराकर साक्ष्य मिटाने का किया प्रयास

locationदमोहPublished: Jun 03, 2023 08:07:49 pm

Submitted by:

Atul sharma

बाल संरक्षण आयोग ने एफआइआर के निर्देश दिएएसपी को कार्रवाई के लिए भेजा गया पत्र

गंगा जमुना स्कूल प्रबंधन की मुश्किलें और बढ़ीं, दीवारों की पुताई कराकर साक्ष्य मिटाने का किया प्रयास

दमोह, गंगा जमुनी स्कूल की पुताई करता मजदूर।

दमोह. फुटेरा वार्ड नं. ४ के गंगा जमुना हायर सेकंडरी स्कूल के खिलाफ हुई मान्यता संबंधी कार्रवाई के बाद आयोग के जारी आदेश ने प्रबंधन की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। दरअसल आयोग ने एसपी को एक पत्र भेजा है, जिसमें संबंधितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने कहा कि सोशल मीडिया से यह जानकारी मिली है कि स्कूल की दीवारों पर आपत्तिजनक धार्मिक अंतर्वस्तु को पुताई के माध्यम से मिटाया जा रहा है, जो कि साक्ष्यों को मिटाए जाने का एक गंभीर मामला प्रतीत होता है। आयोग ने आदेशित किया है कि दीवारों पर धार्मिक अंतर्वस्तु को पुताई से मिटाए जाने की जांच कर संबंधितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए और आयोग को पांच दिनों के भीतर सूचित किया जाए।
पुताई होना आया था नजर

शुक्रवार सुबह १० बजे से गंगा जमुना स्कूल प्रबंधन द्वारा एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई थी। इस दौरान स्कूल की बिल्डिंग की दीवारों व सीलिंग की पुताई होना सार्वजनिक हुआ था। बाद में यही बात सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसे बाल आयोग ने संज्ञान में लिया और इस कृत्य को साक्ष्य मिटाए जाना प्रतीत होना माना है। बता दें कि शुक्रवार की स्थिति में भी इस दौरान बिल्डिंग के भीतर दीवारों पर कुछ धार्मिक अंतर्वस्तु भी लिखी हुई देखी गई थी।
सीएम ने कहा मान्यता निरस्त

डीइओ के प्रतिवेदन के बाद संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर द्वारा गंगा जमुना हायर सेकंडरी स्कूल की मान्यता निलंबित किए जाने का आदेश शुक्रवार की शाम जारी किया है, लेकिन सीएम शिवराज सिंह ने अपने ट्वीट में स्कूल की मान्यता निरस्त किया जाना बताया है। ऐसे में मान्यता निलंबित है या निरस्त इसमें असमंजस बना हुआ है। मामले में जेडी मनीष वर्मा से बात की, तो उन्होंने सीएम के द्वारा स्कूल की मान्यता निरस्त करने के ट्वीट को नहीं देख पाने की बात कही। मनीष वर्मा का कहना है कि वह उक्त ट्वीट का अवलोकन कर रहे हैं। ज्ञात हो कि स्कूल की मान्यता निलंबित किया जाना या निरस्त किया जाना दोनों अलग अलग प्रक्रियाएं हैं।
डीइओ पर हो सख्त कार्रवाई

स्कूली छात्राओं को ड्रेस कोड में हिजाब पहनाने की शुरूआती शिकायत के बाद कलेक्टर के निर्देश डीइओ द्वारा मामले की जांच की गई थी। जांच प्रतिवेदन में स्कूल का निरीक्षण किया जाना व बच्चों, अभिभावकों से बात करना बताया गया था। इस आधार पर डीइओ ने स्कूल के खिलाफ लगे आरोपों को गलत बताया था। इस आधार पर गंगा जमुना हायर सेकंडरी स्कूल को मामले में क्लीन चिट दे दी गई, लेकिन २४ घंटे में ही जांच रिपोर्ट बदल गई, जब मामला सीएम ने अपने संज्ञान में लिया और कार्रवाई के सख्त आदेश दिए। इधर आनन फानन में डीइओ द्वारा स्कूल में तमाम अनियमितताएं होना बताईं और अपना प्रतिवेदन संयुक्त संचालक को कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिया। इसके बाद ही मान्यता को निलंबित किए जाने का आदेश जेडी द्वारा जारी किया गया। सवाल यह है कि डीइओ ने अपनी दूसरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के पहले आखिर किस बात के चलते स्कूल प्रबंधन को आरोपों व अनियमितताओं मुक्त कर दिया था।

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