बता दें कि जिस तरह इमलिया चौकी अंतर्गत आने वाले सगौरिया गांव में दलित समाज के दूल्हे को रछवाई में घोड़ी पर बैठने नहीं दिया जाता था। ठीक इसी तरह जिला मुख्यालय से सटे करीब ८ किमी दूर स्थित देहात थाना क्षेत्र के मानपुरा गांव में भी दलित समाज के दूल्हे को बारात के पहले रछवाई में घोड़ी पर बैठने पर पाबंदी थी।
इस गांव में शुक्रवार को दलित समाज के एक दूल्हे की रछवाई निकलने के वक्त भारी पुलिस बल मौजूद रहा और पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर रछवाई निकालवाई गई और गांव की वर्षों से चली आ रही कुप्रथा को समाप्त किया गया। इस दौरान भाजपा के कुछ पदाधिकारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने कहा कि यह पहला मौका है, जब दलित समाज के दूल्हे को गांव में घोड़ी पर बैठने मिला है।
पहली बार घोड़ी पर सवार हुआ दलित समाज का दूल्हा देखें वीडियो...
रछवाई में साथ साथ चला पुलिस बल
मानपुरा निवासी युवक धर्मेंद्र अहिरवार के द्वारा एसपी को एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें बताया गया था कि शुक्रवार को उसकी बारात निकलनी है, लेकिन रछवाई के दौरान घोड़ी पर बैठने का विरोध गांव के लोगों के द्वारा किया जा रहा है। युवक की इस शिकायत पर पुलिस प्रशासन हरकत में आया और एसपी डीआर तेनिवार के निर्देश पर पुलिस बल गांव पहुंचा और पुलिस सुरक्षा में युवक की रछवाई निकलवाई गई। बताया गया है कि इस दौरान गांव में तनाव का माहौल निर्मित रहा।
अभी तक नहीं मिलता था घोड़ी पर बैठने
युवक धर्मेंद्र के विवाह में शामिल हुए भाजपा के महामंत्री रामेश्वर चौधरी ने बताया कि मुझे जानकारी मिली थी कि युवक धर्मेंद्र के घोड़ी पर बैठने को लेकर गांव के कुछ लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसके बाद मामले के संबंध में एसपी से बात की गई और गांव पहुंचकर पुलिस बल की मौजूदगी में धर्मेंद्र को घोड़ी पर बैठाकर रछवाई निकलवाई गई। यह पहला मौका है, जब इस गांव में किसी दलित समुदाय के दूल्हे को बारात निकलने से पहले रछवाई में घोड़ी पर बैठने मिला है।