दमोहPublished: Aug 13, 2019 12:09:20 am
Sanket Shrivastava
भारतीय किसान संघ का चिंतन वर्ग
The Indian Farmers Association’s thinking class
दमोह . समाज को उत्तम अनाज देना किसान का ध्येय होना चाहिये, आज उत्पादन को बढ़ाने की मंसा कृषि उत्पाद को तेजी से जहरीला बनाने की दिशा में काम कर रही है। जो कि किसान व उपभोक्ता दोनों के लिए उपयुक्त नहीं है।
उक्त विचार चिंतन वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्टीय कोषाध्यक्ष जुगल किशोर मिश्र ने व्यक्त किए। मिश्र ने आगे कहा कि आज देश में विष मुक्त खाद्यान्न मिलना कठिन होता जा रहा है और इसके आने वाले समय में गंभीर परिणाम समाज के सामने होगें। उत्तम स्वास्थ्य के लिए उत्तम भोजन बहुत जरूरी है। जो कि जैविक के बिना संभव नहीं है।
एग्रो इकानामिक रिसर्च सेंटर के राष्टीय महामंत्री प्रमोद चौधरी ने बताया कि कृषि उत्पाद महंगा न हो इसके लिए किसान को कम लागत के साथ कृषि प्रक्रिया के कार्य करने होगें। जिससे उत्पाद का लागत मूल्य कम होगा व किसान को अधिक मूल्य न मिलने पर हानि कम होगी। किसान संघ की रीति नीति अनुसार संगठन विस्तार, ग्राम समितियों तक संगठन की रचना, प्रवास, जहरमुक्त खेती, दुग्ध उत्पादन, गिरता जलस्तर, बीज उत्पादन व संग्रहण, किसान का स्वास्थ्य विभिन्न विषयों पर तीन दिवसीय चिंतन वर्ग में सार्थक चर्चा हुई। इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के प्रमुख पदाधिकारियों में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष जुगल किशोर मिश्र, विशाल चंद्राकर, प्रमोद चौधरी, क्षेत्र संगठन मंत्री महेश चौधरी, प्रांत संगठन मंत्री भरत पटेल, मनीष शर्मा, ओमनारायण पचौरी, प्रांत अध्यक्ष विजय गोंटियां, कमल सिंह आंजना, कैलाश सिंह, प्रदेश मंत्री आरसी पटैल, नारायण सिंह, कृष्णपाल सिंह, दामोदर पटेल, रमेश यादव, जिलाध्यक्ष चंद्रभान पटैल, प्रांत प्रचार प्रमुख राघवेंद्र पटैल, संभाग प्रचार प्रमुख राममिलन पटैल, प्रहलाद पटैल, पूरन पटैल, भवानी पटैल, दिनेश पालीवाल, हेमंत पटेल, राजकुमार सिंह, निजाम सिंह, श्रीराम पटैल, राजेश पटैल सहित अन्य सभी किसान संघ पदाधिकारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। सांस्कृतिक संध्या में केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल शामिल हुए। उन्होंने डॉ. उमेश के नेतृत्व में दिव्यांग जन द्वारा तैयार बुंदेलखंड का प्रसिद्ध मोर नृत्य व कृष्ण अर्जुन संवाद की प्रशंसा करते हुए कहा कि यही प्राचीन परंपराएं व संस्कृति हमारे देश को महान बनाती हैं। जिनके संरक्षण के कार्य के लिए हमारा मंत्रालय व सरकार प्रतिबद्ध है।